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झांसी: रेलवे ओवरब्रिज का शुरू होगा निर्माण, डिजाइन पर जताई गई थी आपत्ति

झांसी में बन रहे रेलवे ओवरब्रिज के अधूरे काम को शुरू करने में अभी कुछ समय और लग सकता है. रेलवे के हिस्से का काम शुरू होने से पहले आरडीएसओ ने इसके डिजाइन पर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद डिजाइन को संशोधित किया गया है.

construction of railway overbridge
आरडीएसओ ने पुल के डिजाइन पर आपत्ति जताई थी
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Published : Aug 11, 2020, 8:26 PM IST

झांसी: जिले में पुल का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड और रेलवे को मिलकर करना था. रेलवे के हिस्से का काम शुरू होने से पहले आरडीएसओ ने इसके डिजाइन पर आपत्ति जता दी, जिसके बाद डिजायन को संशोधित किया गया. अब नए डिजाइन को मंजूरी मिलते ही अधूरे काम को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

साल 2014 में पुल के निर्माण का काम शुरू हुआ था और 2016 में सेतु निगम ने अपने हिस्से का काम पूरा कर लिया था. इसके बाद रेलवे को अपने हिस्से का काम शुरू करना था. रेलवे ने पूर्व में जिस कंपनी को काम दिया था, वह पुल पर रखा जाने वाला गार्डर नहीं मंगा सकी थी, इस कारण उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया. बाद में दूसरी कंपनी को यह काम दिया गया. इसके साथ ही आरडीएसओ ने डिजाइन में भी कमी बताई थी, जिसे संशोधित कर स्वीकृत कराने और गार्डर को मंगाने की प्रक्रिया चल रही है.

झांसी रेल मण्डल के जन सम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आरडीएसओ ने डिजाइन में जो परिवर्तन बताया था, वह अप्रूव हो चुका है. गार्डर की लांचिंग की प्रक्रिया को लेकर सीआरएस की अनुमति होनी है. अगस्त के अंत तक सभी गार्डर आ जाने की उम्मीद है. इस प्रक्रिया में एक से दो महीना लग सकता है.

झांसी: जिले में पुल का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड और रेलवे को मिलकर करना था. रेलवे के हिस्से का काम शुरू होने से पहले आरडीएसओ ने इसके डिजाइन पर आपत्ति जता दी, जिसके बाद डिजायन को संशोधित किया गया. अब नए डिजाइन को मंजूरी मिलते ही अधूरे काम को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

साल 2014 में पुल के निर्माण का काम शुरू हुआ था और 2016 में सेतु निगम ने अपने हिस्से का काम पूरा कर लिया था. इसके बाद रेलवे को अपने हिस्से का काम शुरू करना था. रेलवे ने पूर्व में जिस कंपनी को काम दिया था, वह पुल पर रखा जाने वाला गार्डर नहीं मंगा सकी थी, इस कारण उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया गया. बाद में दूसरी कंपनी को यह काम दिया गया. इसके साथ ही आरडीएसओ ने डिजाइन में भी कमी बताई थी, जिसे संशोधित कर स्वीकृत कराने और गार्डर को मंगाने की प्रक्रिया चल रही है.

झांसी रेल मण्डल के जन सम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आरडीएसओ ने डिजाइन में जो परिवर्तन बताया था, वह अप्रूव हो चुका है. गार्डर की लांचिंग की प्रक्रिया को लेकर सीआरएस की अनुमति होनी है. अगस्त के अंत तक सभी गार्डर आ जाने की उम्मीद है. इस प्रक्रिया में एक से दो महीना लग सकता है.

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