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वीडियो: बच्चे के कान में मोबाइल से बाबा फूंक रहा था बिच्छू मंत्र, मौत

उत्तर प्रदेश के वीरा गांव में अंधविश्वास को उजागर करने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है. बच्चे को किसी कीड़े ने काट लिया है. कीड़ा काटने के बाद गांव के लोग बच्चे को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़ फूंक से इलाज कर रहे हैं. हालत ज्यादा खराब होने पर बच्चे को झांसी मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां उसकी मौत हो गई.

बच्चे के कान पर मोबाइल लगाकर झाड़ फूंक से कर रहे लोग इलाज.
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Published : Jul 4, 2019, 7:28 PM IST

झांसी: जिले के वीरा गांव में एक बच्चे की प्राथमिक विद्यालय में बुधवार को जहरीला कीड़ा काटने से मौत हो गई थी. मौत के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह वीडियो बुन्देलखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत और अंधविश्वास दोनों को उजागर करता है. वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल ले जाने से पहले गांव और परिवार के लोग बच्चे का झाड़फूंक कर इलाज की कोशिश कर रहे हैं.

बच्चे के कान पर मोबाइल लगाकर झाड़ फूंक से कर रहे लोग इलाज.

क्या है मामला-

  • मामला झांसी के वीरा गांव का है.
  • मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय के कक्षा चार के छात्र अरुण को किसी कीड़े ने काट लिया था.
  • कीड़ा काटने के बाद शिक्षक और गांव के लोग बच्चे को सीधे अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़ फूंक करने वाले की तलाश करने लगे.
  • जब वह उपलब्ध नहीं हुआ तो उससे फोन से सम्पर्क किया गया.
  • वह फोन से ही मन्त्र बोलने लगा और स्थानीय लोग फोन अचेत पड़े बच्चे के कान में लगाकर उसकी जान बचाने की कोशिश करते दिखे.
  • जब सारे उपाय नाकाम हो गए तो आखिरकार बच्चे को मऊरानीपुर सीएचसी ले जाया गया.

हालत गम्भीर होने पर उसे झांसी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया, जहां बुधवार तड़के बच्चे की मौत हो गई. गुरुवार सुबह से इन बच्चे के झाड़फूंक से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जो स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं और स्थानीय लोगों के अंधविश्वास पर सवाल उठा रहा है.

वीरा गांव का यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. इसमें मोबाइल में कोई मन्त्र पढ़ रहा है और गांव के लोग बच्चे के कान में लगा रहे हैं. बच्चे को बिच्छू ने काट लिया था. समाज मे अभी भी भ्रांतियां हैं. अज्ञानतावश गांव के लोग ऐसा कर रहे हैं. मेरे हिसाब से बच्चे को समय से इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती. झाड़ फूंक और तंत्र मंत्र से इलाज में कोई वैज्ञानिक सच्चाई नहीं है.
-डॉ. सुशील प्रकाश, सीएमओ, झांसी

झांसी: जिले के वीरा गांव में एक बच्चे की प्राथमिक विद्यालय में बुधवार को जहरीला कीड़ा काटने से मौत हो गई थी. मौत के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह वीडियो बुन्देलखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत और अंधविश्वास दोनों को उजागर करता है. वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल ले जाने से पहले गांव और परिवार के लोग बच्चे का झाड़फूंक कर इलाज की कोशिश कर रहे हैं.

बच्चे के कान पर मोबाइल लगाकर झाड़ फूंक से कर रहे लोग इलाज.

क्या है मामला-

  • मामला झांसी के वीरा गांव का है.
  • मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय के कक्षा चार के छात्र अरुण को किसी कीड़े ने काट लिया था.
  • कीड़ा काटने के बाद शिक्षक और गांव के लोग बच्चे को सीधे अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़ फूंक करने वाले की तलाश करने लगे.
  • जब वह उपलब्ध नहीं हुआ तो उससे फोन से सम्पर्क किया गया.
  • वह फोन से ही मन्त्र बोलने लगा और स्थानीय लोग फोन अचेत पड़े बच्चे के कान में लगाकर उसकी जान बचाने की कोशिश करते दिखे.
  • जब सारे उपाय नाकाम हो गए तो आखिरकार बच्चे को मऊरानीपुर सीएचसी ले जाया गया.

हालत गम्भीर होने पर उसे झांसी मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया, जहां बुधवार तड़के बच्चे की मौत हो गई. गुरुवार सुबह से इन बच्चे के झाड़फूंक से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जो स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं और स्थानीय लोगों के अंधविश्वास पर सवाल उठा रहा है.

वीरा गांव का यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. इसमें मोबाइल में कोई मन्त्र पढ़ रहा है और गांव के लोग बच्चे के कान में लगा रहे हैं. बच्चे को बिच्छू ने काट लिया था. समाज मे अभी भी भ्रांतियां हैं. अज्ञानतावश गांव के लोग ऐसा कर रहे हैं. मेरे हिसाब से बच्चे को समय से इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती. झाड़ फूंक और तंत्र मंत्र से इलाज में कोई वैज्ञानिक सच्चाई नहीं है.
-डॉ. सुशील प्रकाश, सीएमओ, झांसी

Intro:
झांसी. जनपद के वीरा गांव में एक बच्चे की प्राथमिक विद्यालय में बुधवार को जहरीला कीड़ा काटने से मौत हो गई थी। मौत के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो बुन्देलखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत और अंधविश्वास दोनों को उजागर करता है। वीडियो में दिख रहा है कि अस्पताल ले जाने से पहले गांव और परिवार के लोग बच्चे का झाड़फूंक कर इलाज की कोशिश कर रहे हैं।

दरअसल मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय के कक्षा चार के छात्र अरुण को किसी कीड़े ने काट लिया था। कीड़ा काटने के बाद शिक्षक और गांव के लोग बच्चे को सीधे अस्पताल ले जाने की बजाय झाड़ फूंक करने वाले की तलाश करने लगा। जब वह उपलब्ध नहीं हुआ तो उससे फोन से सम्पर्क किया गया। वह फोन से ही मन्त्र बोलने लगा और स्थानीय लोग फोन अचेत पड़े बच्चे के कान में लगाकर उसकी जान बचाने की कोशिश करते दिखे।

Body:जब सारे उपाय नाकाम हो गए तो आखिरकार बच्चे को मऊरानीपुर सीएचसी ले जाया गया। यहां हालात गम्भीर होने पर उसे झांसी मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया गया। बुधवार तड़के बच्चे की मौत हो गई। गुरुवार सुबह से इन बच्चे के झाड़फूंक से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं और स्थानीय लोगों के अंधविश्वास पर सवाल उठा रहा है।

Conclusion:इस पूरे मामले पर झांसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुशील प्रकाश कहते हैं कि वीरा गांव का यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। इसमें मोबाइल में कोई मन्त्र पढ़ रहा है और गांव के लोग बच्चे के कान में लगा रहे हैं। बच्चे को बिच्छू ने काट लिया था। समाज मे अभी भी भ्रांतियां हैं। अज्ञानतावश गांव के लोग ऐसा कर रहे हैं। मेरे हिसाब से बच्चे को समय से इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच जाती। झाड़ फूंक और तंत्र मंत्र से इलाज में कोई वैज्ञानिक सच्चाई नहीं है।

बाइट - डॉ सुशील प्रकाश - सीएमओ, झांसी

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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