झांसी : जिला समन्वय समिति की बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार ने नाबार्ड के वर्ष 2021-22 के लिए तैयार संभाव्यतायुक्त ऋण योजना का विमोचन किया. इस अवसर पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक भूपेश कुमार पाल ने बताया कि वर्ष 2021-22 के लिए जनपद की कुल ऋण संभाव्यता 3,64,747.89 रुपये लाख आंकी गई है, जो कि वर्ष 2019-20 की ऋण संभाव्यता से 10.00 प्रतिशत अधिक है.
इतने लाख रुपये कृषि ऋृण पर किए जाएंगे खर्च
डीडीएम भूपेश कुमार पाल के मुताबिक, वर्ष 2021-22 के लिये किए गए कुल आंकलन 3,64,747.89 लाख रुपये में से 2,04,986.92 लाख फसली ऋण के लिए, 48,404.95 लाख रुपये मियादी कृषि ऋण व सहायक कार्यकलापों के लिए, 7,187.69 लाख रुपये कृषि संबंधी आधारभूत संरचनाओं के लिए व 4,107.76 लाख रुपये कृषि अनुषंगी गतिविधियों के लिए निर्धारित किए गए हैं. इस प्रकार कुल कृषि ऋण की संभाव्यता 2,64,687.33 लाख रुपये वर्ष 2021-22 के लिए की गई हैं.
सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों एमएसएमई तथा स्वरोजगार के विकास के लिए निवेश एवं कार्यशील पूंजी के लिए 63,144.00 लाख रुपये, निर्यात ऋण, शिक्षा और आवास के लिए कुल 31,176.00 रुपये लाख, आधारभूत संरचना के लिए ऋण संभाव्यता 2,140.56 लाख रुपये व अनौपचारिक ऋण वितरण प्रणाली के लिए 3,600.00 लाख रुपये का निर्धारण किया गया है.
कई अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक अरुण कुमार ने सभी बैकों के जिला समन्वयक से नाबार्ड की संभाव्यतायुक्त ऋण योजना को ध्यान में रखते हुए अपनी वार्षिक ऋण योजना बनाने का अनुरोध किया. इस दौरान बैठक में उपायुक्त स्वत: रोजगार नागेंद्र नारायण मिश्रा, उप आयुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी केके सिंह व अन्य अफसर मौजूद रहे.