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झांसी: प्रशासन की उदासीनता से गोशाला बदहाल, गोवंश कर रहे किसानों की फसल बर्बाद

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में प्रशासन की उदासीनता और गोशाला संचालकों की लापरवाही से गोवंश किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि डगरवाहा गांव स्थित गोशाला की बदहाल स्थित और जानवरों के खाने-पीने की उचित व्यवस्था न होने के कारण जानवर भूख-प्यास से व्याकुल रहते हैं.

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अव्यवस्था की मार से गोशाला बदहाल.
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Published : Sep 20, 2020, 10:03 PM IST

झांसी: आवारा गोवंशों के संरक्षण के लिए बनवाए गए गो आश्रय स्थल बदहाली की चपेट में हैं. जिले के ग्राम पंचायत डगरवाहा में बने गोशाला में जानवरों के खाने-पीने की उचित व्यवस्था नहीं की गई. इतना ही नहीं गोवंशों को बारिश और धूप से बचाने के लिए टीनशेड तक नहीं लगवाए गए. किसानों का आरोप है कि गोशाला में जानवरों के खाने-पीने की उचित व्यवस्था न होने से गोवंश भूख-प्यास से व्याकुल रहते हैं.

अव्यवस्था की मार से गोशाला बदहाल.

स्थानीय लोगों के मुताबिक गोवंशों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें सुबह गोशाला से बाहर कर दिया जाता है. शाम होते ही गोवंश वापस गोशाला आ जाते हैं, जिन्हें बन्द कर दिया जाता है. गोशाला संचालकों की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता के चलते गोवंश किसानों की फसलों को चट कर रहे हैं. ऐसे में किसान खेतों पर रहकर फसल की रखवाली करने को मजबूर हैं.

किसान प्रभुदयाल ने बताया कि हम लोग दाने-दाने को तरस रहे हैं. बड़ी मुश्किलों से फसल उगाते हैं, लेकिन जानवर उसे खा जाते हैं. आवारा जानवरों ने हमारी मूंगफली की फसल बर्बाद कर दी है. किसान ने बताया कि गोशाला के संचालन के लिए दो कर्मचारी रखे गए हैं. जो सिर्फ जानवरों को गोशाला से बाहर निकालने और बन्द करने का काम करते हैं.

मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार कहते हैं कि यह गोशाला बबीना ब्लॉक के गांव में पड़ती है. संबंधित बीडीओ को निर्देश दिए जाएंगे कि गोशाला की व्यवस्थाओं को सुचारू किया जाए. गोशाला तो इस समय बन्द है, लेकिन उसमें किसी व्यवस्था की कमी होगी तो उसे पूरा कराएंगे.

झांसी: आवारा गोवंशों के संरक्षण के लिए बनवाए गए गो आश्रय स्थल बदहाली की चपेट में हैं. जिले के ग्राम पंचायत डगरवाहा में बने गोशाला में जानवरों के खाने-पीने की उचित व्यवस्था नहीं की गई. इतना ही नहीं गोवंशों को बारिश और धूप से बचाने के लिए टीनशेड तक नहीं लगवाए गए. किसानों का आरोप है कि गोशाला में जानवरों के खाने-पीने की उचित व्यवस्था न होने से गोवंश भूख-प्यास से व्याकुल रहते हैं.

अव्यवस्था की मार से गोशाला बदहाल.

स्थानीय लोगों के मुताबिक गोवंशों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था न होने के कारण उन्हें सुबह गोशाला से बाहर कर दिया जाता है. शाम होते ही गोवंश वापस गोशाला आ जाते हैं, जिन्हें बन्द कर दिया जाता है. गोशाला संचालकों की लापरवाही और प्रशासन की उदासीनता के चलते गोवंश किसानों की फसलों को चट कर रहे हैं. ऐसे में किसान खेतों पर रहकर फसल की रखवाली करने को मजबूर हैं.

किसान प्रभुदयाल ने बताया कि हम लोग दाने-दाने को तरस रहे हैं. बड़ी मुश्किलों से फसल उगाते हैं, लेकिन जानवर उसे खा जाते हैं. आवारा जानवरों ने हमारी मूंगफली की फसल बर्बाद कर दी है. किसान ने बताया कि गोशाला के संचालन के लिए दो कर्मचारी रखे गए हैं. जो सिर्फ जानवरों को गोशाला से बाहर निकालने और बन्द करने का काम करते हैं.

मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार कहते हैं कि यह गोशाला बबीना ब्लॉक के गांव में पड़ती है. संबंधित बीडीओ को निर्देश दिए जाएंगे कि गोशाला की व्यवस्थाओं को सुचारू किया जाए. गोशाला तो इस समय बन्द है, लेकिन उसमें किसी व्यवस्था की कमी होगी तो उसे पूरा कराएंगे.

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