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लोकसभा चुनाव 2019 : बुंदेलखंड के किसानों ने बनाई पार्टी, किया चुनाव लड़ने का एलान - गौरी शंकर विदुआ

झांसी में बुंदेलखड किसान पंचायत ने किसान रक्षा पार्टी के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. किसानों ने मूल मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ने का एलान किया है. इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने पार्टी के एजेंडे को लेकर चुनावी मैदान में उतरने की बात कही.

ईटीवी भारत से बातचीत करते गौरी शंकर विदुआ.
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Published : Mar 31, 2019, 1:15 PM IST

झांसी : लम्बे समय तक सूखा, बदहाली और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर संघर्ष करने वाले किसानों ने अब चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है. किसानों के लिये संघर्ष करने वाले एक ऐसे ही संगठन बुंदेलखड किसान पंचायत ने किसान रक्षा पार्टी के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते गौरी शंकर विदुआ.


किसानों के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को धोखेबाज बताते हुए किसानों ने अल्प संसाधनों में चुनावी मैदान में उतरने का एलान किया है. चुनाव की तैयारी और पार्टी के एजेंडे को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

पार्टी गठन के उद्देश्य पर विदुआ कहते हैं कि अभी तक राजनीतिक दलों के लोग किसानों को अछूत मानते हैं. हमारी भूमिका तालियां बजाने में, नारे लगाने में और उनकी भीड़ बढ़ाने में रही है. यह भूमिका हम सहर्ष निभाते थे लेकिन आजादी के बाद से कोई भी नेता और कोई भी पार्टी हमसे किये गए वादों पर खरा नहीं उतरी. इसलिये हम लोगों को राजनीतिक पार्टी बनानी पड़ी, क्योंकि राजनीति इतनी ताकतवर हो गई है कि उसमें शामिल हुए बिना अपना हक हासिल कर पाना मुश्किल हो गया है.

वहीं गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि किसानों के मूल मुद्दे जैसे सिंचाई, बीज, पानी, बिजली, बीमा क्लेम और अधिग्रहण जैसे मुद्दे उनकी पार्टी के मुख्य मुद्दे हैं. कई जगह भूमि अधिग्रहण का विवाद दशकों से बना हुआ है. हम केंद्र सरकार तक से गुहार लगा चुके हैं कि छुट्टा जानवर हमारी फसलें खराब कर देते हैं, बावजूद उसके कोई कार्रवाई नहीं हुई.

प्रत्याशी और संसाधन के सवाल पर विदुआ कहते हैं कि हम लंका पति रावण से लड़ने जा रहे हैं. हमारे पास न हथियार है, न सेना है, न संसाधन है. इसके बावजूद हौसले बुलंद है और जमीर जागा हुआ है. धनकुबेरों से लड़ेंगे तो उनका पैसा बहेगा, हमारा पसीना बहेगा. पार्टी ने बुन्देलखण्ड में तीन या चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय किया है.

झांसी : लम्बे समय तक सूखा, बदहाली और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर संघर्ष करने वाले किसानों ने अब चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है. किसानों के लिये संघर्ष करने वाले एक ऐसे ही संगठन बुंदेलखड किसान पंचायत ने किसान रक्षा पार्टी के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते गौरी शंकर विदुआ.


किसानों के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को धोखेबाज बताते हुए किसानों ने अल्प संसाधनों में चुनावी मैदान में उतरने का एलान किया है. चुनाव की तैयारी और पार्टी के एजेंडे को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

पार्टी गठन के उद्देश्य पर विदुआ कहते हैं कि अभी तक राजनीतिक दलों के लोग किसानों को अछूत मानते हैं. हमारी भूमिका तालियां बजाने में, नारे लगाने में और उनकी भीड़ बढ़ाने में रही है. यह भूमिका हम सहर्ष निभाते थे लेकिन आजादी के बाद से कोई भी नेता और कोई भी पार्टी हमसे किये गए वादों पर खरा नहीं उतरी. इसलिये हम लोगों को राजनीतिक पार्टी बनानी पड़ी, क्योंकि राजनीति इतनी ताकतवर हो गई है कि उसमें शामिल हुए बिना अपना हक हासिल कर पाना मुश्किल हो गया है.

वहीं गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि किसानों के मूल मुद्दे जैसे सिंचाई, बीज, पानी, बिजली, बीमा क्लेम और अधिग्रहण जैसे मुद्दे उनकी पार्टी के मुख्य मुद्दे हैं. कई जगह भूमि अधिग्रहण का विवाद दशकों से बना हुआ है. हम केंद्र सरकार तक से गुहार लगा चुके हैं कि छुट्टा जानवर हमारी फसलें खराब कर देते हैं, बावजूद उसके कोई कार्रवाई नहीं हुई.

प्रत्याशी और संसाधन के सवाल पर विदुआ कहते हैं कि हम लंका पति रावण से लड़ने जा रहे हैं. हमारे पास न हथियार है, न सेना है, न संसाधन है. इसके बावजूद हौसले बुलंद है और जमीर जागा हुआ है. धनकुबेरों से लड़ेंगे तो उनका पैसा बहेगा, हमारा पसीना बहेगा. पार्टी ने बुन्देलखण्ड में तीन या चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय किया है.

Intro:झांसी. लम्बे समय तक सूखा, बदहाली और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर संघर्ष करने वाले किसानों ने अब चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। किसानों के लिये संघर्ष करने वाले एक ऐसे ही संगठन बुंदेलखड किसान पंचायत ने किसान रक्षा पार्टी के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। किसानों के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों को धोखेबाज बताते हुए किसानों ने अल्प संसाधनों में चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया है। चुनाव की तैयारी और पार्टी के एजेंडे को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने झांसी में ईटीवी भारत से ख़ास बातचीत की।

पार्टी के गठन के उद्द्येश्य के सवाल पर विदुआ कहते हैं कि अभी तक राजनीतिक दलों के लोग किसानों को अछूत मानते हैं। हमारी भूमिका तालियां बजाने में, नारे लगाने में और उनकी भीड़ बढ़ाने में रही है। यह भूमिका हम सहर्ष निभाते थे लेकिन आज़ादी के बाद से कोई भी नेता और कोई भी पार्टी हमसे किये गए वादों पर खरा नहीं उतरा है इसलिये हम लोगों को राजनीतिक पार्टी बनानी पड़ी क्योंकि राजनीति इतनी ताकतवर हो गई है कि उसमें शामिल हुए बिना अपना हक हासिल कर पाना मुश्किल हो गया है।

पार्टी के एजेंडे के सवाल पर विदुआ कहते हैं कि किसानों के मूल मुद्दे जैसे सिंचाई, बीज, पानी, बिजली, बीमा क्लेम और अधिग्रहण जैसे मुद्दे उनकी पार्टी के मुख्य मुद्दे हैं। कई जगह भूमि अधिग्रहण का विवाद कई दशक से बना हुआ है। हमारे यहां अन्ना प्रथा है। हम केंद्र सरकार तक गुहार लगा चुके हैं कि छुट्टा जानवर हमारी फसलें खराब कर देते हैं। राजनीतिक पार्टियां सीधे हमारे मूल संसाधनों पर डाका डालती हैं।





Body:पार्टी को वोटकटवा कहे जाने के सवाल पर विदुआ कहते हैं कि हम वोटकटवा नहीं, वोटजुडवा हैं। अब हम किसान अपना वोट स्वयं इस्तेमाल करेंगे। हम अभी तक वोट देते आये हैं और अब अपनी पार्टी बनाकर खुद को वोट देंगे तो हम वोटकटवा नहीं हैं, बल्कि हमारे किसानों के जो वोट वे लोग ले रहे हैं, वे वोटकटवा हैं। ये वोटबेस हमारा है। हम किसान हैं।




Conclusion:प्रत्याशी और संसाधन के सवाल पर विदुआ कहते हैं कि हम लंकापति रावण से लड़ने जा रहे हैं। हमारे पास न हथियार है, न सेना है, न संसाधन है। इसके बावजूद हौसले बुलंद है और जमीर जागा हुआ है। धनकुबेरों से लड़ेंगे। उनका पैसा बहेगा, हमारा पसीना बहेगा। बुन्देलखण्ड में तीन या चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरेंगे।

बाइट - गौरी शंकर विदुआ - राष्ट्रीय अध्यक्ष, किसान रक्षा पार्टी


लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045

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