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झांसी: धसान नदी के किनारे फिर से खुदाई करेगा पुरातत्व विभाग, पाषाणकाल पर तैयार होगा सीक्वेल

झांसी के पुरातत्व विभाग को जिले की धसान नदी के किनारे खुदाई के दौरान पाषाणकालीन अवशेष मिले थे. बारिश में निरीक्षण करने के बाद एक बार फिर से उत्खनन करने की तैयारी की जा रही है. इससे बुंदेलखंड के पाषाणकाल के बारे में ज्यादा जानकारी हो सकेगी.

पुरातत्व विभाग करेगा पाषाणकाल अवशेष की तलाश.
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Published : Jun 27, 2019, 7:38 AM IST

झांसी: मऊरानीपुर में धसान नदी के किनारे कुछ स्थानों पर पुरातत्व विभाग को पाषाणकालीन अवशेष खुदाई के दौरान मिले थे. उन जगहों में से किसी एक स्थल की बारिश में निरीक्षण करने के बाद एक बार फिर से खुदाई करने की तैयारी की जा रही है. निरीक्षण करने के बाद चयनित स्थानों में से किसी एक बेहतर स्थल पर दोबारा उत्खनन किया जाएगा. इस क्षेत्र में कई स्थानों पर पूर्व में हुए उत्खनन में पाषाणकालीन अवशेष मिले थे.

पुरातत्व विभाग करेगा पाषाणकाल अवशेष की तलाश.
  • पूर्व में हुए उत्खनन में पाषाणकाल के कई औजार मिले थे.
  • उन अवशेषों की ठीक-ठाक आयु का अनुमान कर पाने में अभी भी मुश्किल आ रही है.
  • पुरातत्व विभाग वर्षा ऋतु में उन टीलों और गांव का फिर से निरीक्षण करेगा.
  • इनका पूर्व में उत्खनन किया जा चुका है.
  • विभाग को उम्मीद है कि इससे तमाम नई चीजें सामने आ सकती हैं.

हम योजना बना रहे हैं कि उनमें से एक जो सबसे बेहतर साइट हो, उसका हम पुरातत्व उत्खनन करेंगे. उस उत्खनन से जो सामग्री मिलेगी, उसकी कार्बन डेटिंग आदि कराकर हम एक प्रॉपर सीक्वेल तैयार करना चाह रहे हैं. जिससे कि बुंदेलखंड का जो पाषाणकाल था, वह कितना पुराना था इसका पता लग सके.

-डॉ सुरेश दुबे, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी

झांसी: मऊरानीपुर में धसान नदी के किनारे कुछ स्थानों पर पुरातत्व विभाग को पाषाणकालीन अवशेष खुदाई के दौरान मिले थे. उन जगहों में से किसी एक स्थल की बारिश में निरीक्षण करने के बाद एक बार फिर से खुदाई करने की तैयारी की जा रही है. निरीक्षण करने के बाद चयनित स्थानों में से किसी एक बेहतर स्थल पर दोबारा उत्खनन किया जाएगा. इस क्षेत्र में कई स्थानों पर पूर्व में हुए उत्खनन में पाषाणकालीन अवशेष मिले थे.

पुरातत्व विभाग करेगा पाषाणकाल अवशेष की तलाश.
  • पूर्व में हुए उत्खनन में पाषाणकाल के कई औजार मिले थे.
  • उन अवशेषों की ठीक-ठाक आयु का अनुमान कर पाने में अभी भी मुश्किल आ रही है.
  • पुरातत्व विभाग वर्षा ऋतु में उन टीलों और गांव का फिर से निरीक्षण करेगा.
  • इनका पूर्व में उत्खनन किया जा चुका है.
  • विभाग को उम्मीद है कि इससे तमाम नई चीजें सामने आ सकती हैं.

हम योजना बना रहे हैं कि उनमें से एक जो सबसे बेहतर साइट हो, उसका हम पुरातत्व उत्खनन करेंगे. उस उत्खनन से जो सामग्री मिलेगी, उसकी कार्बन डेटिंग आदि कराकर हम एक प्रॉपर सीक्वेल तैयार करना चाह रहे हैं. जिससे कि बुंदेलखंड का जो पाषाणकाल था, वह कितना पुराना था इसका पता लग सके.

-डॉ सुरेश दुबे, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी

Intro:झांसी. मऊरानीपुर में धसान नदी के किनारे जिन स्थानों पर पुरातत्व विभाग को पाषाणकालीन अवशेष खुदाई के दौरान मिले थे, उन जगहों में से किसी एक स्थल की बारिश में निरीक्षण करने के बाद एक बार फिर से खुदाई करने की तैयारी है। निरीक्षण करने के बाद चयनित स्थानों में से किसी एक बेहतर स्थल पर दुबारा उत्खनन किया जाएगा। इस क्षेत्र में कई स्थानों पर पूर्व में हुए उत्खनन में पाषाणकालीन अवशेष मिले थे।


Body:पूर्व में हुए उत्खनन में पाषाणकाल के कई औजार मिले थे लेकिन उन अवशेषों की ठीक-ठीक आयु का अनुमान कर पाने में अभी भी मुश्किल आ रही है। पुरातत्व विभाग वर्षा ऋतु में उन टीलों और गांव का फिर से निरीक्षण करेगा, जिनका पूर्व में उत्खनन किया जा चुका है। विभाग को उम्मीद है कि इससे तमाम नई चीजें सामने आ सकती हैं।


Conclusion:क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ सुरेश दुबे कहते हैं कि हम योजना बना रहे हैं कि उनमें से एक जो सबसे बेहतर साइट हो, उसका हम पुरातत्व उत्खनन करेंगे और उस उत्खनन से जो सामग्री मिलेगी, उसकी कार्बन डेटिंग आदि कराकर हम एक प्रॉपर सीक्वेल तैयार करना चाह रहे हैं कि बुंदेलखंड का जो पाषाणकाल था, वह कितना पुराना था।

बाइट - डॉ सुरेश दुबे - क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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