झांसी: जनपद के गरौठा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक जवाहर लाल राजपूत पर नगर पालिका की जमीन पर बिना अनुमति खुदाई कर मिट्टी बेचने के आरोप लगे हैं. उन पर ये आरोप खुद नगर पालिका अध्यक्ष और पूर्व विधायक ने लगाए हैं. नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि जिस जमीन पर विधायक खुदाई करवा रहे हैं. उसका एक बार एस्टीमेट निरस्त हो चुका है, दोबारा प्रक्रिया शुरू की जानी है. फिलहाल जिस जमीन पर तालाब के नाम पर खुदाई हो रही है, वहां पानी भरने का अभी कोई स्रोत मौजूद नहीं है.
पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव ने कहा कि मौजूदा समय में जिस जमीन पर विधायक जवाहर लाल राजपूत खुदाई करवा रहे हैं वह नगरपालिका की है. वह जमीन पहले एक भूमिधर के नाम दर्ज थी, जिसका वहां निजी तालाब हुआ करता था. जवाहर लाल राजपूत की उस जमीन को लेकर मंशा सही नजर नहीं आ रही है. वे कहीं न कहीं उस जमीन को हथियाना चाहते हैं.
सिर्फ सरकारी संस्था कर सकती है खुदाई
पूर्व विधायक ने कहा कि जो भी सरकारी जमीन है, उस पर सरकारी संस्था ही काम कर सकती है. जिस तरह से नगर पालिका को सूचना दिए बगैर, उस जमीन का भूमि पूजन किया गया और खुदाई की जा रही है, यह सरासर गलत है. नगर पालिका उस जमीन में तालाब खुदवाने के लिए एस्टीमेट भी तैयार कर चुकी थी. लेकिन वह एस्टीमेट पास नहीं हुआ और मौजूदा विधायक ने एक फर्जी तरीके से संस्था बनाकर, उस जमीन की खुदाई शुरू करा दी. पूर्व विधायक कहते हैं कि कोई भी अधिकारी बताने को तैयार नहीं है कि किसके आदेश पर यह जमीन खोदी जा रही है.
पूर्व विधायक कराएंगे धन की व्यवस्था
वहीं, पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव ने कहा कि यदि नियम के तहत जमीन की खुदाई करवाएं तो सौंदर्यीकरण के लिए मैं अपनी पार्टी के मौजूदा सांसद और विधायकों से भी उनकी निधि से कुछ अनुदान दिला दूंगा. पूर्व विधायक कहते हैं कि नगर पंचायत की जमीन सरकारी जमीन है. हम वहां गलत मंशा से काम नहीं होने देंगे अब वहां सरकारी तालाब ही बनेगा. साथ ही अवैध खनन को लेकर दीप नारायण सिंह यादव मौजूदा विधायक पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि जिस घाट से पैसा बंद हो जाता है, वहां की शिकायतें शुरू हो जाती है और पैसा शुरू होते ही शिकायत बंद हो जाती है.
नगर पालिका अध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार का कहना है कि नियम के अनुसार यदि नगर पालिका की जमीन पर खुदाई की जाती है तो इसकी सूचना नगरपालिका को दी जानी चाहिए. सूचना पर हम इस जमीन का डीपीआर भेजकर टेंडर डालते और फिर इस पर काम किया जाता. लेकिन हाल में जो काम कराया जा रहा है वह नियम विरुद्ध हो रहा है. नगर पालिका मोठ के EO श्याम करण कहते हैं कि तालाब को मूल स्वरूप में लाने के लिए एसडीएम मोठ ने मुझसे इस प्रोजेक्ट की जानकारी मांगा था. जिसमें खुदाई और सुंदरीकरण का काम शामिल था.
पूरा बजट 1.75 करोड़ के लगभग का था. इतना बजट ना होने पर दोबारा संशोधित डीपीआर मांगा गया जिसमें मैंने उन्हें दो अलग-अलग डीपीआर भेजे. लेकिन अभी तक उसका हमें कोई बजट प्राप्त नहीं हुआ है. जो खुदाई चल रही है इसकी कोई सूचना हमारे कार्यालय के पास नहीं है. विभाग ने विधायक से भी लिखित में सूचना मांगी है.