ETV Bharat / state

ASI ने झांसी के किले को घोषित किया है संरक्षिक धरोहर, फिर भी आसपास हो रहे अवैध निर्माण

यूपी के झांसी में ऐतिहासिक धरोहरों के पास धड़ल्ले से अवैध निर्माण चल रहा है. स्थानीय लोगों की माने तो प्रशासन से कई बार इसकी शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) की चिट्ठी पर भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की है.

ऐतिहासिक झांसी का किला
ऐतिहासिक झांसी का किला
author img

By

Published : Aug 9, 2021, 9:08 PM IST

Updated : Aug 9, 2021, 10:09 PM IST

झांसी: देश की आजादी की पहली लड़ाई के जीवंत दस्तावेज ऐतिहासिक झांसी के किले को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) ने भले ही संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया हो, लेकिन अतिक्रमणकारियों के सियासी रसूख और प्रशासन की उदासीनता के कारण इसका अस्तित्व खतरे में पड़ता दिख रहा है. इस किले के आस-पास हो रहे अवैध निर्माणों को रोकने के लिए एएसआई (Archaeological Survey of India) के स्थानीय अफसर प्रशासन को लगातार चिट्ठी लिखते रहे, लेकिन कागजों पर निर्माण रोकने की कार्रवाई होती रही और जमीन पर बहुमंजिला भवन बनकर तैयार हो गए. ईटीवी भारत के पास वे चिट्ठियां उपलब्ध हैं, जिसमें अफसरों को चिट्ठी लिखकर अवैध निर्माण रोके जाने की मांग की गई थी, लेकिन इन चिट्ठियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

जानकारी देते झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष.
ईटीवी भारत के पास एएसआई (Archaeological Survey of India) की ओर से प्रशासन को लिखी गई चिट्ठियां उपलब्ध हैं, जिनमें लिखित रूप से अवैध निर्माण रोकने को कहा गया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) के झांसी मण्डल के अधीक्षण पुरातत्वविद ने 26.10.2020 को प्रदीप सरावगी मिनर्वा के करीब बन रहे कॉम्प्लेक्स का काम रोकने के लिए नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद 15.07.2021 को पुरानी तहसील के पास हो रहे अवैध निर्माण पर आयुष जैन, प्रमोद अग्रवाल और राजेन्द्र कुशवाहा को नोटिस भेजा था.
इस मामले में एएसआई अफसरों ने कार्रवाई के लिए स्थानीय प्रशासन को भी पत्र लिखे थे. यह पत्र झांसी मण्डल के कमिश्नर, झांसी के डीएम, झांसी के एसएसपी, झांसी विकास प्राधिकरण के सचिव व एएसआई के महानिदेशक को भी भेजा गया, लेकिन कई जगह निर्माण कार्य पूरे हो गए और कई जगह अभी मीडिया में खबरे आने के बाद निर्माण कार्य रोके गए हैं.
झांसी विकास प्राधिकरण (Jhansi Development Authority) के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित ने इस मामले में बताया कि तीन मंजिला भवन के निर्माण की जानकारी मिली थी और उनकी फिनिशिंग का काम चल रहा था. कोरोना काल में इसका निर्माण हो गया होगा. इसमें हमने जांच कमेटी गठित की है. बताया जा रहा है कि किसी गिरीश गुप्ता नाम के व्यक्ति ने यह निर्माण करवाया है. इसमें नोटिस देकर काम रुकवा दिया गया है और ध्वस्तीकरण के लिए कार्रवाई की जा रही है. निश्चित रूप से किले के पास निर्माण किया जाना गलत काम है. बताया जा रहा है कि पहले से एक मंजिल बना था और बाद में उस पर निर्माण किया गया. इस मामले में हमने नोटिस जारी किया है और स्पष्टीकरण देखने के बाद इस पर अगली कार्रवाई करेंगे.

झांसी: देश की आजादी की पहली लड़ाई के जीवंत दस्तावेज ऐतिहासिक झांसी के किले को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) ने भले ही संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया हो, लेकिन अतिक्रमणकारियों के सियासी रसूख और प्रशासन की उदासीनता के कारण इसका अस्तित्व खतरे में पड़ता दिख रहा है. इस किले के आस-पास हो रहे अवैध निर्माणों को रोकने के लिए एएसआई (Archaeological Survey of India) के स्थानीय अफसर प्रशासन को लगातार चिट्ठी लिखते रहे, लेकिन कागजों पर निर्माण रोकने की कार्रवाई होती रही और जमीन पर बहुमंजिला भवन बनकर तैयार हो गए. ईटीवी भारत के पास वे चिट्ठियां उपलब्ध हैं, जिसमें अफसरों को चिट्ठी लिखकर अवैध निर्माण रोके जाने की मांग की गई थी, लेकिन इन चिट्ठियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

जानकारी देते झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष.
ईटीवी भारत के पास एएसआई (Archaeological Survey of India) की ओर से प्रशासन को लिखी गई चिट्ठियां उपलब्ध हैं, जिनमें लिखित रूप से अवैध निर्माण रोकने को कहा गया था. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) के झांसी मण्डल के अधीक्षण पुरातत्वविद ने 26.10.2020 को प्रदीप सरावगी मिनर्वा के करीब बन रहे कॉम्प्लेक्स का काम रोकने के लिए नोटिस जारी किया गया था. इसके बाद 15.07.2021 को पुरानी तहसील के पास हो रहे अवैध निर्माण पर आयुष जैन, प्रमोद अग्रवाल और राजेन्द्र कुशवाहा को नोटिस भेजा था.
इस मामले में एएसआई अफसरों ने कार्रवाई के लिए स्थानीय प्रशासन को भी पत्र लिखे थे. यह पत्र झांसी मण्डल के कमिश्नर, झांसी के डीएम, झांसी के एसएसपी, झांसी विकास प्राधिकरण के सचिव व एएसआई के महानिदेशक को भी भेजा गया, लेकिन कई जगह निर्माण कार्य पूरे हो गए और कई जगह अभी मीडिया में खबरे आने के बाद निर्माण कार्य रोके गए हैं.
झांसी विकास प्राधिकरण (Jhansi Development Authority) के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित ने इस मामले में बताया कि तीन मंजिला भवन के निर्माण की जानकारी मिली थी और उनकी फिनिशिंग का काम चल रहा था. कोरोना काल में इसका निर्माण हो गया होगा. इसमें हमने जांच कमेटी गठित की है. बताया जा रहा है कि किसी गिरीश गुप्ता नाम के व्यक्ति ने यह निर्माण करवाया है. इसमें नोटिस देकर काम रुकवा दिया गया है और ध्वस्तीकरण के लिए कार्रवाई की जा रही है. निश्चित रूप से किले के पास निर्माण किया जाना गलत काम है. बताया जा रहा है कि पहले से एक मंजिल बना था और बाद में उस पर निर्माण किया गया. इस मामले में हमने नोटिस जारी किया है और स्पष्टीकरण देखने के बाद इस पर अगली कार्रवाई करेंगे.
Last Updated : Aug 9, 2021, 10:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.