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जौनपुर: महादेव मंदिर का शिवलिंग पूरे देश में अनोखा, पुराणों में है वर्णित - सोमवार का व्रत रखने का फायदा

सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास महत्व रखता है. इस महीने में शिव भक्त जहां कावड़ लेकर चलते हैं, तो वहीं जौनपुर जिले का त्रिलोचन महादेव मंदिर मैं दर्शन पूजन के लिए लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ भी लगती है.

त्रिलोचन महादेव मंदिर का शिवलिंग पूरे देश में अनोखा है
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Published : Jul 22, 2019, 1:56 PM IST

जौनपुर: जिले के त्रिलोचन महादेव मंदिर का शिवलिंग पूरे देश में अनोखा है.क्योंकि इस शिवलिंग की लंबाई हर साल बढ़ती है. वहीं अपने रूप के कारण यह शिवलिंग शिवधड़ बोला जाता है. वहीं पुराण में भगवान शिव के तीसरे नेत्र खोलकर भस्मासुर को भस्म किए जाने की बात भी वर्णित है. इस कारण इस मंदिर का नाम त्रिलोचन पड़ा.

त्रिलोचन महादेव मंदिर का शिवलिंग पूरे देश में अनोखा है

महादेव मंदिर का शिवलिंग पूरे देश में अनोखा-

  • भगवान शिव का पूरा रूप पत्थर की शिला पर उभरा हुआ है.
  • जिसके कारण यहां मन से मांगी गई कोई भी मन्नत पूरी होती है.
  • इस मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण के 674 पेज पर वर्णित है.
  • जिसके कारण ये मंदिर खासा चर्चित है.
  • त्रिलोचन महादेव मंदिर रहस्यों से भरा हुआ बताया जाता है.
  • यहां भगवान ब्रह्मा की तपस्या के बाद शिवजी पाताल भेद कर प्रकट हुए थे.
  • इस मंदिर में सावन के महीने में लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

यहां पर भगवान ब्रह्मा यज्ञ के बाद भगवान शिव अपने अनोखे रूप में प्रकट हुए थे. यहां उनकी शिव लिंग की लंबाई हर साल बढ़ती है. इस मंदिर की प्राचीनता का जिक्र स्कंद पुराण में भी वर्णित है.
-विजय गिरी ,मंदिर पुजारी

जौनपुर: जिले के त्रिलोचन महादेव मंदिर का शिवलिंग पूरे देश में अनोखा है.क्योंकि इस शिवलिंग की लंबाई हर साल बढ़ती है. वहीं अपने रूप के कारण यह शिवलिंग शिवधड़ बोला जाता है. वहीं पुराण में भगवान शिव के तीसरे नेत्र खोलकर भस्मासुर को भस्म किए जाने की बात भी वर्णित है. इस कारण इस मंदिर का नाम त्रिलोचन पड़ा.

त्रिलोचन महादेव मंदिर का शिवलिंग पूरे देश में अनोखा है

महादेव मंदिर का शिवलिंग पूरे देश में अनोखा-

  • भगवान शिव का पूरा रूप पत्थर की शिला पर उभरा हुआ है.
  • जिसके कारण यहां मन से मांगी गई कोई भी मन्नत पूरी होती है.
  • इस मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण के 674 पेज पर वर्णित है.
  • जिसके कारण ये मंदिर खासा चर्चित है.
  • त्रिलोचन महादेव मंदिर रहस्यों से भरा हुआ बताया जाता है.
  • यहां भगवान ब्रह्मा की तपस्या के बाद शिवजी पाताल भेद कर प्रकट हुए थे.
  • इस मंदिर में सावन के महीने में लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

यहां पर भगवान ब्रह्मा यज्ञ के बाद भगवान शिव अपने अनोखे रूप में प्रकट हुए थे. यहां उनकी शिव लिंग की लंबाई हर साल बढ़ती है. इस मंदिर की प्राचीनता का जिक्र स्कंद पुराण में भी वर्णित है.
-विजय गिरी ,मंदिर पुजारी

Intro:जौनपुर।। सावन का महीना शिव भक्तों के लिए खासा महत्व का होता है। इस महीने में शिव भक्त जहां कावड़ लेकर चलते हैं। तो वहीं जौनपुर जिले का त्रिलोचन महादेव मंदिर मैं दर्शन पूजन के लिए लाखों की संख्या में भक्तों पहुंचते हैं ।इस मंदिर का शिवलिंग पूरे देश में अनोखा है क्योंकि इस शिवलिंग की लंबाई हर साल बढ़ती है। वही अपने रूप के कारण यह शिवलिंग शिव धड़ बोला जाता है क्योंकि यहां पर भगवान शिव का पूरा रूप पत्थर की शिला पर उभरा हुआ है जिसके कारण यहां मन से मांगी गई कोई भी मन्नत पूरी होती है ।वहीं इस मंदिर की प्राचीनता का जिक्र स्कंद पुराण में मिलता है जिसके कारण या मंदिर खासा चर्चित है।Body:वीओ।। त्रिलोचन महादेव मंदिर रहस्यों से भरा हुआ बताया जाता है। यहां भगवान ब्रह्मा की तपस्या के बाद शिवजी पाताल भेद कर प्रकट हुए थे। अपने आप में अनोखे इस मंदिर में सावन के महीने में लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण के 674 पेज पर वर्णित है । वही पुराण में भगवान शिव के तीसरे नेत्र खोलकर भस्मासुर को भस्म किए जाने की बात भी वर्णित है। इस कारण इस मंदिर का नाम त्रिलोचन पड़ा । वहीं इस मंदिर के शिवलिंग की लंबाई हर साल बढ़ती है जिसके कारण यह देश में अनोखा मंदिर बन गया है।Conclusion:त्रिलोचन मंदिर के पुजारी विजय गिरी ने बताया कि यहां पर भगवान ब्रह्मा यज्ञ के बाद भगवान शिव अपने अनोखे रूप में प्रकट हुए थे। यहां उनकी शिव लिंग की लंबाई हर साल बढ़ती है। वही इस मंदिर की प्राचीनता का जिक्र स्कंद पुराण में भी वर्णित है।

बाइट- विजय गिरी मंदिर पुजारी


Dharmendra singh
jaunpur
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