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जौनपुर: ऋषि के समाजवादी कुटिया को सलाम, यहां मिलती है मुफ्त शिक्षा और दूध

कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से सरकारी स्कूल बंद हुए, तो साथ में बंद हो गया मिड डे मील. इससे गरीब बच्चों को शिक्षा और एक वक्त के भरपेट पौष्टिक भोजन का आसरा भी जाता रहा. सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर लोगों ने दुख का इजहार भी किया. वहीं यूपी के जौनपुर में इससे इतर एक सपा कार्यकर्ता ने अलग ही राह चुनी. उसने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री के आह्वाह्न पर समाजवादी कुटिया के नाम से एक अस्थाई स्कूल खोल दिया. इसमें वह गरीब व शिक्षा से वंचित बच्चों को न सिर्फ पढ़ाता है, साथ ही उनके पोषण की भी जिम्मेदारी उठाई है. समाजवादी कुटिया में बच्चों के पोषण के लिए दूध और फल के साथ अशिक्षा के अंधकार से बाहर निकलने की राह भी दिखाई जाती है.

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Published : Aug 25, 2020, 10:52 PM IST

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युवक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट से प्रेरित होकर समाजवादी कुटिया स्थापित की है.

जौनपुर: कोरोना वायरस जहां पूरे देश में स्कूल-कॉलेज बंद हैं. वहीं बच्चों की पढ़ाई न होने से उनका नुकसान भी हो रहा है. जो बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे थे, उन्हें मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ सरकार की तरफ से मुफ्त मिड डे मील भी उन्हें मिलता था. इससे उनकी सेहत भी ठीक रहती थी, लेकिन इन दिनों दोनों ही चीजें बंद होने से बच्चों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ा है. इसी को देखते हुए धर्मापुर ब्लॉक के रहने वाला युवक लॉकडाउन के पहले दिन से ही गरीब बच्चों को मुफ्त दूध बांट रहा है. यही नहीं इस दौरान गरीब बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के नियमों का पालन करते हुए उन्हें मुफ्त शिक्षा भी दे रहा है. ऋषि यादव नाम के इस युवक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट से प्रेरित होकर समाजवादी कुटिया स्थापित की है. यह कुटिया प्रदेश की पहली कुटिया है, जहां पर इन दिनों गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ मुफ्त पोषण भी दिया जा रहा है.

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लॉकडाउन लगने के बाद से ही युवक ने इस समाजवादी कुटिया की स्थापना की.

100 से ज्यादा बच्चों को दे रहा सुविधाएं
जनपद के धर्मापुर ब्लॉक के सराय मेहंदीपुर के रहने वाले युवक ऋषि यादव का नाम इन दिनों प्रदेश स्तर पर सुर्खियों में है. लॉकडाउन में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गरीब बच्चों को मुफ्त दूध बांटने की अपील की थी. उनकी अपील के बाद से ही 25 मार्च से लेकर अब तक लगातार यह युवक 100 से ज्यादा गरीब बच्चों को मुफ्त दूध के साथ-साथ मुफ्त शिक्षा भी दे रहा है. बिना किसी सहयोग के युवक ने अपने घर के पास ही एक समाजवादी कुटिया स्थापित की है. इस कुटिया में लोगों की मदद के लिए बिस्कुट और फल रखा रहता है. वह क्षेत्र के गरीब बच्चों को यहां पर बुलाकर सुबह आठ बजे से लेकर 10 बजे तक मुफ्त कॉपियां, किताब और पेंसिल के साथ अच्छे शिक्षक के द्वारा मुफ्त शिक्षा देने का काम पिछले 3 महीनों से कर रहा है. वहीं बच्चों के पोषण के लिए भी यहां पर उन्हें फल के साथ दूध भी दिया जा रहा है. कोरोना के चलते शिक्षा से वंचित इन बच्चों को न सिर्फ शिक्षा मिल रही है, साथ-साथ उनका पोषण भी हो रहा है.

युवक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट से प्रेरित होकर समाजवादी कुटिया स्थापित की है.

तंगहाल परिवारों के बच्चों को मिली मदद
यहां पढ़ने वाली छात्रा अंशिका ने बताया कि यहां पर लॉकडाउन के पहले दिन से ही पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें दूध और फल मिल रहा है. इससे हमारी सेहत ठीक है और अच्छी शिक्षा भी मिल रही है. वहीं दूसरे छात्र आनंद निषाद ने बताया कि उसके पिता मजदूरी करते हैं, जो उसे दूध नहीं पिला पाते हैं. वहीं स्कूल भी इन दिनों बंद चल रहा है, लेकिन यहां पर स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ उसे दूध और फल भी खाने को मिलता है. बच्चों से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बात की और उनका हालचाल जाना और मिलने का वादा भी किया है.

कोरोना से बचाव के सारे एहतियात बरते जा रहे
स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक श्रीचंद यादव बताते हैं कि वह लॉकडाउन के दौरान ही इस समाजवादी कुटिया में पढ़ाने का काम कर रहे थे. ऋषि यादव की मेहनत को देखकर और उनके इस अच्छे कार्य में अपना सहयोग देने के लिए वह लगातार बच्चों को यहां पर मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं. स्कूल को संचालित करने वाले ऋषि यादव ने बताया कि अखिलेश यादव ने लॉकडाउन के दौरान ही ट्वीट के माध्यम से प्रेरित किया था कि बच्चों को दूध मुफ्त पिलाने का काम करें. उन्होंने कोरोनावायरस को देखते हुए घर पर रहकर ही उनको यह सब सुविधाएं देने की बात कही. उन्हीं की प्रेरणा से उन्होंने समाजवादी कुटिया स्थापित की है और यह प्रदेश की पहली समाजवादी कुटिया है. यहां 144 बच्चे पढ़ते हैं. यहां पर पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है. वहीं स्कूल आने पर बच्चों का हाथ भी सेनेटाइज कराया जाता है. बच्चों को यहां पर मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ दूध और फल के माध्यम से मुफ्त पोषण भी दिया जा रहा है.

जौनपुर: कोरोना वायरस जहां पूरे देश में स्कूल-कॉलेज बंद हैं. वहीं बच्चों की पढ़ाई न होने से उनका नुकसान भी हो रहा है. जो बच्चे परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे थे, उन्हें मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ सरकार की तरफ से मुफ्त मिड डे मील भी उन्हें मिलता था. इससे उनकी सेहत भी ठीक रहती थी, लेकिन इन दिनों दोनों ही चीजें बंद होने से बच्चों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ा है. इसी को देखते हुए धर्मापुर ब्लॉक के रहने वाला युवक लॉकडाउन के पहले दिन से ही गरीब बच्चों को मुफ्त दूध बांट रहा है. यही नहीं इस दौरान गरीब बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के नियमों का पालन करते हुए उन्हें मुफ्त शिक्षा भी दे रहा है. ऋषि यादव नाम के इस युवक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट से प्रेरित होकर समाजवादी कुटिया स्थापित की है. यह कुटिया प्रदेश की पहली कुटिया है, जहां पर इन दिनों गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ मुफ्त पोषण भी दिया जा रहा है.

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लॉकडाउन लगने के बाद से ही युवक ने इस समाजवादी कुटिया की स्थापना की.

100 से ज्यादा बच्चों को दे रहा सुविधाएं
जनपद के धर्मापुर ब्लॉक के सराय मेहंदीपुर के रहने वाले युवक ऋषि यादव का नाम इन दिनों प्रदेश स्तर पर सुर्खियों में है. लॉकडाउन में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गरीब बच्चों को मुफ्त दूध बांटने की अपील की थी. उनकी अपील के बाद से ही 25 मार्च से लेकर अब तक लगातार यह युवक 100 से ज्यादा गरीब बच्चों को मुफ्त दूध के साथ-साथ मुफ्त शिक्षा भी दे रहा है. बिना किसी सहयोग के युवक ने अपने घर के पास ही एक समाजवादी कुटिया स्थापित की है. इस कुटिया में लोगों की मदद के लिए बिस्कुट और फल रखा रहता है. वह क्षेत्र के गरीब बच्चों को यहां पर बुलाकर सुबह आठ बजे से लेकर 10 बजे तक मुफ्त कॉपियां, किताब और पेंसिल के साथ अच्छे शिक्षक के द्वारा मुफ्त शिक्षा देने का काम पिछले 3 महीनों से कर रहा है. वहीं बच्चों के पोषण के लिए भी यहां पर उन्हें फल के साथ दूध भी दिया जा रहा है. कोरोना के चलते शिक्षा से वंचित इन बच्चों को न सिर्फ शिक्षा मिल रही है, साथ-साथ उनका पोषण भी हो रहा है.

युवक ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ट्वीट से प्रेरित होकर समाजवादी कुटिया स्थापित की है.

तंगहाल परिवारों के बच्चों को मिली मदद
यहां पढ़ने वाली छात्रा अंशिका ने बताया कि यहां पर लॉकडाउन के पहले दिन से ही पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें दूध और फल मिल रहा है. इससे हमारी सेहत ठीक है और अच्छी शिक्षा भी मिल रही है. वहीं दूसरे छात्र आनंद निषाद ने बताया कि उसके पिता मजदूरी करते हैं, जो उसे दूध नहीं पिला पाते हैं. वहीं स्कूल भी इन दिनों बंद चल रहा है, लेकिन यहां पर स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ उसे दूध और फल भी खाने को मिलता है. बच्चों से वीडियो कॉलिंग के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बात की और उनका हालचाल जाना और मिलने का वादा भी किया है.

कोरोना से बचाव के सारे एहतियात बरते जा रहे
स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक श्रीचंद यादव बताते हैं कि वह लॉकडाउन के दौरान ही इस समाजवादी कुटिया में पढ़ाने का काम कर रहे थे. ऋषि यादव की मेहनत को देखकर और उनके इस अच्छे कार्य में अपना सहयोग देने के लिए वह लगातार बच्चों को यहां पर मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं. स्कूल को संचालित करने वाले ऋषि यादव ने बताया कि अखिलेश यादव ने लॉकडाउन के दौरान ही ट्वीट के माध्यम से प्रेरित किया था कि बच्चों को दूध मुफ्त पिलाने का काम करें. उन्होंने कोरोनावायरस को देखते हुए घर पर रहकर ही उनको यह सब सुविधाएं देने की बात कही. उन्हीं की प्रेरणा से उन्होंने समाजवादी कुटिया स्थापित की है और यह प्रदेश की पहली समाजवादी कुटिया है. यहां 144 बच्चे पढ़ते हैं. यहां पर पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाता है. वहीं स्कूल आने पर बच्चों का हाथ भी सेनेटाइज कराया जाता है. बच्चों को यहां पर मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ दूध और फल के माध्यम से मुफ्त पोषण भी दिया जा रहा है.

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