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जौनपुरः सरकार के निर्देश सिर्फ कागजों तक, ...कुछ और है गौशालाओं की जमीनी हकीकत

सरकार के कड़े निर्देश के बाद भी गौशालाओं की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है. जौनपुर में दो दर्जन से ज्यादा अस्थाई गौशालायें खोली गई हैं. इन गौशालाओं में इन दिनों दो हजार से ज्यादा पशु पल रहे हैं.

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Published : Jan 25, 2020, 10:43 AM IST

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सरकार के कड़े निर्देश के बाद भी गोशालाओं की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है.

जौनपुरः अस्थायी गौशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने और बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के निर्देश के बावजूद जलालपुर की लहंगपुर स्थित अस्थायी गौशाला बदहाल हालत में है. इस गौशाला में 100 से ज्यादा पशु पल रहे हैं. गौशाला में बिजली का कोई कनेक्शन नहीं है, जबकि समर सिबल लगा दिया गया है.

सरकार के कड़े निर्देश के बाद भी गोशालाओं की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है.

100 पशुओं को हैंडपंप से पिलाया जाता है पानी
लहंगपुर गौशाला में बिजली कनेक्शन के अभाव के कारण 100 से ज्यादा पशुओं को हैंडपंप से पानी पिलाया जाता है. वहीं गौशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और न ही यहां अलाव जलाया जाता है. बीते कई महीनों से पशुओं को केवल सूखा भूसा ही खिलाया जाता रहा है, क्योंकि यहां पर चोकर नहीं आता है. समस्या इस बात की है कि ऐसे में पशुओं को कैसे स्वस्थ रखा जाए?

सरकार के हिसाब से मिलना चाहिए चुनी-चोकर
योगी सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद जौनपुर की सरकारी अस्थाई गौशालाओं में लापरवाही जारी है. जनपद में बड़ी संख्या में गौशाला खुली हुई हैं. इनमें पशु भी पल रहे हैं. इन गौशालाओं में प्रति पशु के हिसाब से खानपान पर खर्च के लिए सरकार प्रतिदिन 30 रुपये देती है. इसके बावजूद लहंगपुर स्थित गौशाला में कई महीनों से पशुओं को सूखा भूसा ही खिलाया जा रहा है, जबकि सरकार के हिसाब से पशुओं को चुनी-चोकर और भूसा मिलना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः-मौनी अमावस्या पर एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

इस गौशाला में हैं सबसे ज्यादा पशु
जिले के हिसाब से देखा जाए तो इस गौशाला में सबसे ज्यादा पशु पल रहे हैं, लेकिन गौशाला में कोई बिजली का कनेक्शन नहीं है. पशुओं को गौशाला में तैनात कर्मचारी हैंडपंप से पानी चला कर पिलाते हैं, जिसके कारण पशुओं की प्यास भी पूरी नहीं बुझ पाती है. गौशाला प्रभारी हवलदार यादव ने बताया कि उनके यहां कोई बिजली की व्यवस्था नहीं है. पशुओं को हैंडपंप से पानी पिलाया जाता है. वहीं पशुओं को केवल सूखा भूसा ही खिलाया जाता है, क्योंकि यहां पर चोकर नहीं आ रहा है.

जौनपुरः अस्थायी गौशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने और बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के निर्देश के बावजूद जलालपुर की लहंगपुर स्थित अस्थायी गौशाला बदहाल हालत में है. इस गौशाला में 100 से ज्यादा पशु पल रहे हैं. गौशाला में बिजली का कोई कनेक्शन नहीं है, जबकि समर सिबल लगा दिया गया है.

सरकार के कड़े निर्देश के बाद भी गोशालाओं की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है.

100 पशुओं को हैंडपंप से पिलाया जाता है पानी
लहंगपुर गौशाला में बिजली कनेक्शन के अभाव के कारण 100 से ज्यादा पशुओं को हैंडपंप से पानी पिलाया जाता है. वहीं गौशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और न ही यहां अलाव जलाया जाता है. बीते कई महीनों से पशुओं को केवल सूखा भूसा ही खिलाया जाता रहा है, क्योंकि यहां पर चोकर नहीं आता है. समस्या इस बात की है कि ऐसे में पशुओं को कैसे स्वस्थ रखा जाए?

सरकार के हिसाब से मिलना चाहिए चुनी-चोकर
योगी सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद जौनपुर की सरकारी अस्थाई गौशालाओं में लापरवाही जारी है. जनपद में बड़ी संख्या में गौशाला खुली हुई हैं. इनमें पशु भी पल रहे हैं. इन गौशालाओं में प्रति पशु के हिसाब से खानपान पर खर्च के लिए सरकार प्रतिदिन 30 रुपये देती है. इसके बावजूद लहंगपुर स्थित गौशाला में कई महीनों से पशुओं को सूखा भूसा ही खिलाया जा रहा है, जबकि सरकार के हिसाब से पशुओं को चुनी-चोकर और भूसा मिलना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः-मौनी अमावस्या पर एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई आस्था की डुबकी

इस गौशाला में हैं सबसे ज्यादा पशु
जिले के हिसाब से देखा जाए तो इस गौशाला में सबसे ज्यादा पशु पल रहे हैं, लेकिन गौशाला में कोई बिजली का कनेक्शन नहीं है. पशुओं को गौशाला में तैनात कर्मचारी हैंडपंप से पानी चला कर पिलाते हैं, जिसके कारण पशुओं की प्यास भी पूरी नहीं बुझ पाती है. गौशाला प्रभारी हवलदार यादव ने बताया कि उनके यहां कोई बिजली की व्यवस्था नहीं है. पशुओं को हैंडपंप से पानी पिलाया जाता है. वहीं पशुओं को केवल सूखा भूसा ही खिलाया जाता है, क्योंकि यहां पर चोकर नहीं आ रहा है.

Intro:जौनपुर।। सरकार के कड़े निर्देश के बाद भी गौशालाओं की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जौनपुर में दो दर्जन से ज्यादा अस्थाई गौशाला में खोली गई है । इन गौशालाओं में इन दिनों दो हजार से ज्यादा पशु पल रहे हैं । वही पशुओं को ठंड से बचाने और बुनियादी सुविधाएं गौशालाओं में विकसित करने की निर्देश हैं लेकिन उसके बावजूद भी जलालपुर की लहंगपुर स्थित अस्थाई गौशाला बदहाल हालत में है। इस गौशाला में 100 से ज्यादा पशु पल रहे हैं वहीं गौशाला में ना तो बिजली का कोई कनेक्शन है जिसके कारण पशुओं को हैंडपंप से पानी पिलाया जाता है । वही गौशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और नहीं अलाव यहां जलाया जाता है। बीते कई महीनों से पशुओं को केवल सूखा भूसा ही खिलाया जाता है क्योंकि यहां पर चोकर नहीं आता है । ऐसे में पशुओं को कैसे स्वस्थ रखा जाए ।


Body:वीओ।। योगी सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद भी जौनपुर की सरकारी अस्थाई गौशालाओं में लापरवाही जारी है। जनपद में बड़ी संख्या में गौशाला खुली हुई है । इनमें पशु भी पल रहे हैं लेकिन वही इन गौशालाओं में प्रति पशु के हिसाब से सरकार ₹30 प्रतिदिन का खानपान पर खर्च करती है लेकिन इसके बावजूद भी लहंगूपुर स्थित गौशाला में कई महीनों से पशुओं को सूखा भूसा ही खिलाया जाता है । यहां पर चोकर की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि पशुओं को चुनी, चोकर और भूसा मिलना चाहिए । वह इस गौशाला की बदहाली किसी से छिपी नहीं है । इस गौशाला में सबसे ज्यादा पशु पल रहे हैं लेकिन गौशाला में कोई बिजली का कनेक्शन नहीं है। नहीं पशुओं को ठंड से बचाने की कोई व्यवस्था । पशुओं को गौशाला में तैनात कर्मचारी हैंडपंप से पानी चला कर पिलाते हैं जिसके कारण पशुओं की प्यास भी पूरी नहीं बुझ पाती है।


Conclusion:गौशाला प्रभारी हवलदार यादव ने बताया कि उनके यहां कोई बिजली की व्यवस्था नहीं है । पशुओं को हैंडपंप से पानी पिलाया जाता है । वही पशुओं को केवल सूखा भूसा ही खिलाया जाता है क्योंकि चोकर यहां पर नहीं आ रहा है।

बाइट- हवलदार यादव -गौशाला प्रभारी


वही गौशाला कर्मी जीतेंद्र मिश्र ने बताया की गौशाला में बिजली नहीं होने के कारण हैंडपंप से पानी चला कर पिलाया जाता है। वही गौशाला में कोई ढंग की व्यवस्था नहीं है।

बाइट- जितेंद्र मिश्र -गौशाला कर्मी


पीटीसी


Dharmendra singh
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