जौनपुरः अस्थायी गौशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने और बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के निर्देश के बावजूद जलालपुर की लहंगपुर स्थित अस्थायी गौशाला बदहाल हालत में है. इस गौशाला में 100 से ज्यादा पशु पल रहे हैं. गौशाला में बिजली का कोई कनेक्शन नहीं है, जबकि समर सिबल लगा दिया गया है.
100 पशुओं को हैंडपंप से पिलाया जाता है पानी
लहंगपुर गौशाला में बिजली कनेक्शन के अभाव के कारण 100 से ज्यादा पशुओं को हैंडपंप से पानी पिलाया जाता है. वहीं गौशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है और न ही यहां अलाव जलाया जाता है. बीते कई महीनों से पशुओं को केवल सूखा भूसा ही खिलाया जाता रहा है, क्योंकि यहां पर चोकर नहीं आता है. समस्या इस बात की है कि ऐसे में पशुओं को कैसे स्वस्थ रखा जाए?
सरकार के हिसाब से मिलना चाहिए चुनी-चोकर
योगी सरकार के कड़े निर्देश के बावजूद जौनपुर की सरकारी अस्थाई गौशालाओं में लापरवाही जारी है. जनपद में बड़ी संख्या में गौशाला खुली हुई हैं. इनमें पशु भी पल रहे हैं. इन गौशालाओं में प्रति पशु के हिसाब से खानपान पर खर्च के लिए सरकार प्रतिदिन 30 रुपये देती है. इसके बावजूद लहंगपुर स्थित गौशाला में कई महीनों से पशुओं को सूखा भूसा ही खिलाया जा रहा है, जबकि सरकार के हिसाब से पशुओं को चुनी-चोकर और भूसा मिलना चाहिए.
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इस गौशाला में हैं सबसे ज्यादा पशु
जिले के हिसाब से देखा जाए तो इस गौशाला में सबसे ज्यादा पशु पल रहे हैं, लेकिन गौशाला में कोई बिजली का कनेक्शन नहीं है. पशुओं को गौशाला में तैनात कर्मचारी हैंडपंप से पानी चला कर पिलाते हैं, जिसके कारण पशुओं की प्यास भी पूरी नहीं बुझ पाती है. गौशाला प्रभारी हवलदार यादव ने बताया कि उनके यहां कोई बिजली की व्यवस्था नहीं है. पशुओं को हैंडपंप से पानी पिलाया जाता है. वहीं पशुओं को केवल सूखा भूसा ही खिलाया जाता है, क्योंकि यहां पर चोकर नहीं आ रहा है.