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जालौन: 7 साल बाद राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई को मिली एमसीआई की मान्यता

जालौन के उरई मुख्यालय में बने राजकीय मेडिकल कॉलेज को 7 साल बाद एमबीबीएस की मान्यता मिल गई है. मान्यता मिलने के बाद छात्रों में खुशी की लहर है,.

राजकीय मेडिकल कॉलेज को मिली एमबीबीएस की मान्यता.
राजकीय मेडिकल कॉलेज को मिली एमबीबीएस की मान्यता.
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Published : Mar 16, 2020, 6:33 PM IST

जालौन: उरई मुख्यालय में बने राजकीय मेडिकल कॉलेज को 7 साल बाद एमबीबीएस की मान्यता मिल गई है. मान्यता मिलने के बाद छात्राओं में खुशी की लहर है. कई बार एमसीआई की टीम ने निरीक्षण किया था, लेकिन कॉलेज मानकों पर खरा नहीं उतरा. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर नाथ ने बताया कि मान्यता मिलने के बाद न्यूरोलॉजी प्लास्टिक सर्जरी जैसे डिपार्टमेंट की स्थापना की जाएगी. मेडिकल कॉलेज में कई प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा होगा.

राजकीय मेडिकल कॉलेज को मिली एमबीबीएस की मान्यता.

राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई की स्थापना 2006 में हुई थी, जबकि एमबीबीएस के पहले बैच की पढ़ाई 2013 से शुरू हो गई थी. इसके बाद से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम लगातार निरीक्षण कर रही थी, लेकिन मानकों पर खरे न उतरने के कारण कॉलेज की मान्यता अधर में लटकी हुई थी. चौथे वर्ष एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को एमसीआई की मान्यता मिलने से खुशी का ठिकाना ना रहा.

इसे भी पढ़ें:- गोरखपुर: कोरोना को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे में अलर्ट, बोगियों से हटे कंबल और पर्दे

प्राचार्य डॉ. नाथ ने बताया कि उनका लक्ष्य एमडी और एमएस के लिए मान्यता लाने का है. इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. शासन स्तर से पत्राचार कर जो कमियां हैं, उनको दूर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मान्यता मिलने के बाद यहां कई प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं में इजाफा हो जाएगा.

जालौन: उरई मुख्यालय में बने राजकीय मेडिकल कॉलेज को 7 साल बाद एमबीबीएस की मान्यता मिल गई है. मान्यता मिलने के बाद छात्राओं में खुशी की लहर है. कई बार एमसीआई की टीम ने निरीक्षण किया था, लेकिन कॉलेज मानकों पर खरा नहीं उतरा. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर नाथ ने बताया कि मान्यता मिलने के बाद न्यूरोलॉजी प्लास्टिक सर्जरी जैसे डिपार्टमेंट की स्थापना की जाएगी. मेडिकल कॉलेज में कई प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा होगा.

राजकीय मेडिकल कॉलेज को मिली एमबीबीएस की मान्यता.

राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई की स्थापना 2006 में हुई थी, जबकि एमबीबीएस के पहले बैच की पढ़ाई 2013 से शुरू हो गई थी. इसके बाद से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम लगातार निरीक्षण कर रही थी, लेकिन मानकों पर खरे न उतरने के कारण कॉलेज की मान्यता अधर में लटकी हुई थी. चौथे वर्ष एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को एमसीआई की मान्यता मिलने से खुशी का ठिकाना ना रहा.

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प्राचार्य डॉ. नाथ ने बताया कि उनका लक्ष्य एमडी और एमएस के लिए मान्यता लाने का है. इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. शासन स्तर से पत्राचार कर जो कमियां हैं, उनको दूर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मान्यता मिलने के बाद यहां कई प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं में इजाफा हो जाएगा.

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