जालौन: अपराध के बदल रहे तौर-तरीकों में सबसे ज्यादा मामले साइबर ठगी के सामने आ रहे हैं. इसका सामना करने के लिए जालौन पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार के नेतृत्व में साइबर एक्सपर्ट के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें सभी थाना अध्यक्षों और पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई. ताकि साइबर ठगी के बढ़ रहे ऑर्गेनाइज क्राइम को कंट्रोल कर दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिला कर जेल भेजा जा सके.
पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि इस समय सालाना साइबर क्राइम का अपराध 1.2 लाख करोड़ का है. साथ ही इस पर काबू पाने के लिए पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है. इसी के लिए साइबर एक्सपर्ट ने मटेरियल प्रोवाइड करा कर हाइली टेक्निक दी गई है. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम में एविडेंस ऑन रिकॉर्ड होता है और अगर उस पर समय से इन्वेस्टिगेशन कर ली जाए, तो क्राइम को कंट्रोल कर दोषियों को जेल भेजा जा सकता है.
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एसपी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि जिले में लगातार साइबर क्राइम के मामले सामने आए हैं, जिन पर जालौन पुलिस ने अभी तक सात लाख से ऊपर लोगों के रुपए वापस दिला दिए हैं. इसके अलावा जिले में इन्वेस्टिगेशन फंड से साइबर रिक्रूटमेंट की खरीदारी की जा रही है, जिससे साइबर क्राइम में जुड़े ऑर्गेनाइज लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर जेल भेजा जा सके.