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जालौन: साइबर क्राइम कार्यशाला का हुआ आयोजन, एक्सपर्ट ने बताए क्राइम से निपटने के तरीके - उरई के विकास भवन सभागार

उत्तर प्रदेश के जालौन में एक दिवसीय साइबर क्राइम कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में एक्सपर्ट ने साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी. कार्यशाला में जिले के पुलिसकर्मी शामिल हुए.

One day workshop of Cybercrime organized in Jalaun
साइबर क्राइम कार्यशाला का हुआ आयोजन.
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Published : Mar 15, 2020, 8:17 PM IST

जालौन: अपराध के बदल रहे तौर-तरीकों में सबसे ज्यादा मामले साइबर ठगी के सामने आ रहे हैं. इसका सामना करने के लिए जालौन पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार के नेतृत्व में साइबर एक्सपर्ट के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें सभी थाना अध्यक्षों और पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई. ताकि साइबर ठगी के बढ़ रहे ऑर्गेनाइज क्राइम को कंट्रोल कर दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिला कर जेल भेजा जा सके.

साइबर क्राइम कार्यशाला का हुआ आयोजन.
साइबर एक्सपर्ट संजय मिश्रा ने कई राज्यों की पुलिस को साइबर क्राइम की जानकारी दी है. इसी के तहत उरई के विकास भवन सभागार में जालौन पुलिस को साइबर क्राइम से कैसे निपटा जाए, इसके लिए उन्होंने एक दिवसीय ट्रेनिंग दी. इसमें बताया गया कि साइबर क्राइम को कैसे रोका जा सके और इस ऑर्गेनाइज्ड क्राइम पर किस तरह से कंट्रोल कर दोषियों को सजा दिलाई जा सके.

पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि इस समय सालाना साइबर क्राइम का अपराध 1.2 लाख करोड़ का है. साथ ही इस पर काबू पाने के लिए पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है. इसी के लिए साइबर एक्सपर्ट ने मटेरियल प्रोवाइड करा कर हाइली टेक्निक दी गई है. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम में एविडेंस ऑन रिकॉर्ड होता है और अगर उस पर समय से इन्वेस्टिगेशन कर ली जाए, तो क्राइम को कंट्रोल कर दोषियों को जेल भेजा जा सकता है.

इसे भी पढ़ें: विदेश यात्रा कर लौटने वालों को कोरांटीन वार्ड में रखा जाएगा

एसपी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि जिले में लगातार साइबर क्राइम के मामले सामने आए हैं, जिन पर जालौन पुलिस ने अभी तक सात लाख से ऊपर लोगों के रुपए वापस दिला दिए हैं. इसके अलावा जिले में इन्वेस्टिगेशन फंड से साइबर रिक्रूटमेंट की खरीदारी की जा रही है, जिससे साइबर क्राइम में जुड़े ऑर्गेनाइज लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर जेल भेजा जा सके.

जालौन: अपराध के बदल रहे तौर-तरीकों में सबसे ज्यादा मामले साइबर ठगी के सामने आ रहे हैं. इसका सामना करने के लिए जालौन पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार के नेतृत्व में साइबर एक्सपर्ट के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें सभी थाना अध्यक्षों और पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई. ताकि साइबर ठगी के बढ़ रहे ऑर्गेनाइज क्राइम को कंट्रोल कर दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिला कर जेल भेजा जा सके.

साइबर क्राइम कार्यशाला का हुआ आयोजन.
साइबर एक्सपर्ट संजय मिश्रा ने कई राज्यों की पुलिस को साइबर क्राइम की जानकारी दी है. इसी के तहत उरई के विकास भवन सभागार में जालौन पुलिस को साइबर क्राइम से कैसे निपटा जाए, इसके लिए उन्होंने एक दिवसीय ट्रेनिंग दी. इसमें बताया गया कि साइबर क्राइम को कैसे रोका जा सके और इस ऑर्गेनाइज्ड क्राइम पर किस तरह से कंट्रोल कर दोषियों को सजा दिलाई जा सके.

पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि इस समय सालाना साइबर क्राइम का अपराध 1.2 लाख करोड़ का है. साथ ही इस पर काबू पाने के लिए पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है. इसी के लिए साइबर एक्सपर्ट ने मटेरियल प्रोवाइड करा कर हाइली टेक्निक दी गई है. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम में एविडेंस ऑन रिकॉर्ड होता है और अगर उस पर समय से इन्वेस्टिगेशन कर ली जाए, तो क्राइम को कंट्रोल कर दोषियों को जेल भेजा जा सकता है.

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एसपी डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि जिले में लगातार साइबर क्राइम के मामले सामने आए हैं, जिन पर जालौन पुलिस ने अभी तक सात लाख से ऊपर लोगों के रुपए वापस दिला दिए हैं. इसके अलावा जिले में इन्वेस्टिगेशन फंड से साइबर रिक्रूटमेंट की खरीदारी की जा रही है, जिससे साइबर क्राइम में जुड़े ऑर्गेनाइज लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर जेल भेजा जा सके.

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