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हाथरस के मोहनपुरा गांव पहुंचे मृतकों के शव, बुलंदशहर सड़क हादसे में गई थी जान - बुलंदशहर सड़क हादसा

बुलंदशहर नरौरा के गांधी गंगा घाट के समीप शुक्रवार की सुबह हुए सड़क हादसे में हाथरस के मोहनपुरा गांव के तीन और अलीगढ़ के दो लोगों की जान चली गई. वहीं मृतकों के शव शाम को उनके गांव पहुंचे, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.

मृतक के परिजन डालचंद्र
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Published : Oct 11, 2019, 11:26 PM IST

हाथरस: जिले के गांव मोहनपुरा से वैष्णो देवी दर्शन के लिए गए लोगों की शुक्रवार को घर वापसी थी. हंसी-खुशी घर वापसी से पहले हुए सड़क हादसे की वजह से गांव का माहौल मातम में बदल गया. जहां इस हादसे में गांव के ही तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं शुक्रवार शाम गांव लाए गए तीनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

मोहनपुरा गांव पहुंचे मृतकों के शव.

पढ़ें: बुलंदशहर सड़क हादसा: सीएम योगी ने दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि देने का किया एलान

गांव पहुंचे तीनों मृतकों के शव
जिले के गांव मोहनपुरा के 35 लोग 3 अक्टूबर को मां वैष्णो देवी दर्शन के लिए बस से निकले थे. इस बस में गांव के लोगों के कुछ रिश्तेदार और आस-पड़ोस के गांव के लोग भी यात्रा पर उनके साथ गए थे. वैष्णो देवी दर्शन के बाद शुक्रवार को उनकी घर वापसी की यात्रा के अंतिम पड़ाव पर सभी लोग नरौरा गंगा स्नान के लिए रुके थे. इसी दौरान सड़क किनारे सो रहे 7 लोगों को एक अनियंत्रित बस ने रौंद दिया, जिससे सभी की मौत हो गई. मरने वालों में गांव मोहनपुरा की फूलवती उसकी पुत्रवधू माला देवी और माला देवी की मासूम बेटी कल्पना भी शामिल हैं. तीनों के शव गांव लाए गए और जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ. वहीं तीनों के शव आते ही गांव में कोहराम मच गया.

मृतक के परिजन डालचंद्र ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मां के दर्शन के बाद आज उनकी घर वापसी थी. उसकी भाभी ने सड़क से हटकर सो रही थीं. वहां सो रहे सात लोगों को बस ने कुचल दिया, जिससे सभी की मौत हो गई.

हाथरस: जिले के गांव मोहनपुरा से वैष्णो देवी दर्शन के लिए गए लोगों की शुक्रवार को घर वापसी थी. हंसी-खुशी घर वापसी से पहले हुए सड़क हादसे की वजह से गांव का माहौल मातम में बदल गया. जहां इस हादसे में गांव के ही तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं शुक्रवार शाम गांव लाए गए तीनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

मोहनपुरा गांव पहुंचे मृतकों के शव.

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गांव पहुंचे तीनों मृतकों के शव
जिले के गांव मोहनपुरा के 35 लोग 3 अक्टूबर को मां वैष्णो देवी दर्शन के लिए बस से निकले थे. इस बस में गांव के लोगों के कुछ रिश्तेदार और आस-पड़ोस के गांव के लोग भी यात्रा पर उनके साथ गए थे. वैष्णो देवी दर्शन के बाद शुक्रवार को उनकी घर वापसी की यात्रा के अंतिम पड़ाव पर सभी लोग नरौरा गंगा स्नान के लिए रुके थे. इसी दौरान सड़क किनारे सो रहे 7 लोगों को एक अनियंत्रित बस ने रौंद दिया, जिससे सभी की मौत हो गई. मरने वालों में गांव मोहनपुरा की फूलवती उसकी पुत्रवधू माला देवी और माला देवी की मासूम बेटी कल्पना भी शामिल हैं. तीनों के शव गांव लाए गए और जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ. वहीं तीनों के शव आते ही गांव में कोहराम मच गया.

मृतक के परिजन डालचंद्र ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मां के दर्शन के बाद आज उनकी घर वापसी थी. उसकी भाभी ने सड़क से हटकर सो रही थीं. वहां सो रहे सात लोगों को बस ने कुचल दिया, जिससे सभी की मौत हो गई.

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एंकर- हाथरस के गांव मोहनपुरा से वैष्णो देवी दर्शन को गए लोगों की शुक्रवार को घर वापसी थी। हंसी खुशी घर होने वाली वापसी घर पहुंचने से पहले हुए सड़क हादसे की वजह से मातम में बदल गई। इस गांव की एक महिला उसकी पुत्रवधू और नातिनी की मौत के अलावा गांव की दो बेटियों और दो धेवतियों की मौत हुई है। शुक्रवार की शाम गांव में तीन शवों का अंतिम संस्कार हुआ।


Body:वीओ1- हाथरस के गांव मोहनपुरा के छोटे- बड़े 35 लोग 3 अक्टूबर को मां वैष्णो देवी दर्शन के लिए बस से निकले थे। इस बस में गांव के लोगों के कुछ रिश्तेदार और आस पड़ोस के गांव के लोग भी यात्रा पर उनके साथ गए थे। वैष्णो देवी दर्शन के बाद शुक्रवार को उनकी घर वापसी की यात्रा के अंतिम पड़ाव पर सभी लोग नरौरा गंगा स्नान के लिए रुके थे। तभी सड़क किनारे सो रहे 7 लोगों को एक अनियंत्रित बस ने रौंद दिया। जिसमें सभी की मौत हो गई। मरने वालों में गांव मोहनपुरा की फूलवती उसकी पुत्रवधू माला देवी व माला देवी की मासूम बेटी कल्पना शामिल हैं। तीनों के शव गांव लाए गए और वहां उनका अंतिम संस्कार हुआ। तीनों के शव आते ही गांव में कोहराम मच गया। वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। मरने वालों में फूलवती की बेटी शीला देवी और उसकी बेटी योगिता के शव फिरोजाबाद ले जाए गए। वहीं गांव के सुख राम की बेटी रेनू और धेवती संजना के शव अलीगढ़ के हरदुआगंज पहुंचाए गए। मरने वालों के परिवार के डालचंद्र ने बताया कि मां के दर्शन के बाद आज उनकी घर वापसी थी।उसकी भाभी ने सड़क से हटकर कच्चे में में बिस्तर लगाया था। उस पर सो रहे सात लोगों को बस ने कुचल दिया। सभी की मौत हो गई। उसने बताया कि हादसे के वक्त कुछ लोग वहां पास में पड़े तख्त पर बैठे थे, कुछ लोग बस में बैठे हुए थे और कुछ लोग चाय पी रहे थे।
बाईट-डालचंद्र-मरने वालों का परिजन


Conclusion:वीओ2- हादसे के बाद गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है ।वही परिवार और रिश्ते नाते दारों का रो रो कर बुरा हाल है।

अतुल नारायण
9045400210
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