हाथरस: बहुचर्चित बिटिया मामले की अगली सुनवाई 9 सितंबर को होगी. बुधवार को कोर्ट में इस केस के शिकायतकर्ता (बिटिया के भाई) का क्रॉस एग्जामिनेशन हुआ. हाथरस कांड की सुनवाई के लिए कोर्ट में पीड़ित पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा पहुंची थीं. उन्होंने करीब छह महीने तक हाथरस कोर्ट ना आने का सबसे बड़ा कारण कोविड बताया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कोर्ट में हुआ विवाद भी एक कारण है. सीमा कुशवाहा ने बताया कि हाथरस आकर उनको पता चला कि स्थानीय स्तर पर भी उनको सुरक्षा दी गई है. दो लेडीज कांस्टेबल उनकी सुरक्षा में तैनात दिखीं.
वकील सीमा कुशवाहा ने बताया कि वह निजी सुरक्षा भी लेकर आई हैं. गवाहों को धमकी के कारण, उन्होंने सुरक्षा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी को भी ट्वीट किया था. उन्होंने बताया कि सभी दस्तावेज और सबूत पहली ही गृह मंत्रालय को वो दे चुकी हैं. पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए वो हाथरस आयी हैं.
सीमा कुशवाहा के पहुंचने के साथ ही भीम आर्मी के लोग भी हाथरस कोर्ट पहुंचे. इन लोगों का कहना था कि हम बहन-बेटी की सुरक्षा के लिए यहां आए हैं. उन्हें यहां कोई परेशानी ना हो, इसलिए हम यहां मौजूद हैं और उनके यहां से जाने तक साथ रहेंगे. आपको बता दें कि 5 मार्च 2021 को हाथरस की कोर्ट में वकील सीमा कुशवाहा आई थीं.
उस समय उन्होंने हाथरस के कुछ वकीलों पर घूरने का आरोप लगाने के साथ ही वकीलों के एकत्र होने, ठीक से पैरवी नहीं करने देने और गवाहों को धमकाने के आरोप लगाए थे. ऐसे ही कुछ कारणों से उन्होंने इस केस को हाथरस से ट्रांसफर करने की भी गुहार हाईकोर्ट से लगाई थी लेकिन पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इससे इनकार कर दिया था.
हाथरस के बहुचर्चित बिटिया मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. 14 सितंबर 2020 को जिले की चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव में दलित युवती के साथ दरिंदगी और उसे जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. इस मामले के चारों आरोपी संदीप, रवि, रामू और लव कुश अलीगढ़ जेल में बंद हैं.