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अंतिम संस्कार को लेकर हुआ विवाद, मजिस्ट्रेट ने ऐसे सुलझाया

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Published : Jan 15, 2021, 6:41 PM IST

हाथरस में दिनकर समाज की महिला के शव का अंतिम संस्कार करने को लेकर विवाद हो गया. सूचना पर ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा मौके पर पहुंचे और मृतका के शव का गांव के सार्वजनिक मरघट पर अंतिम संस्कार कराया.

मजिस्ट्रेट ने ग्रामीणों को समझाया
मजिस्ट्रेट ने ग्रामीणों को समझाया

हाथरस: मुरसान कोतवाली इलाके के गांव गदई में महिला के शव का अंतिम संस्कार करने को लेकर विवाद हो गया. ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट ने मौके पर पहुंचकर मामले को सुलझाया. ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने मृतका के शव का गांव के सार्वजनिक मरघट पर विधि-विधान से अंतिम संस्कार करवाया. उन्होंने गांव में चली आ रही वर्षों पुरानी परंपरा का अंत भी करा दिया.

मजिस्ट्रेट ने करवाया अंतिम संस्कार

गांव गदई में दिनकर समाज की गीता की मौत हो गई थी. जिस स्थान पर इस समाज के लोग अंतिम संस्कार करते थे, वहां पानी भरा हुआ था. इस वजह से वहां अंतिम संस्कार नहीं हो सका. लिहाजा तिलक सिंह और उसके परिवार के लोगों ने सार्वजनिक मरघट पर अंतिम संस्कार करने की गुहार लगाई, लेकिन समाज विशेष के लोगों ने मना कर दिया. इस बात की जानकारी ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा को हुई, तो वह पुलिस बल के साथ गांव पहुंच गए. वहां उन्होंने लोगों को समझा-बुझाकर मृतका का अंतिम संस्कार सार्वजनिक मरघट में विधि-विधान से कराया. उन्होंने ऐसा कर गांव में सालों से चली आ रही पुरानी परंपरा का भी अंत करा दिया है.


लोगों को समझाया

ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने मौके पर पहुंचकर सामाज के दोनों वर्गों से बातचीत कर सभी को समझाया. उन्होंने गांव के सभी ग्रामीणों से कहा कि यह गांव की सार्वजनिक भूमि है. कोई वर्ग या व्यक्ति विशेष उस पर अपना आधिपत्य नहीं जमा सकता. सार्वजनिक भूमि पर सभी ग्रामीणों का बराबर का अधिकार है. ग्रामीण सार्वजनिक मरघट पर सभी अंतिम संस्कार करने के लिए स्वतंत्र हैं. सार्वजनिक भूमि एवं केंद्रों पर जाति, धर्म के आधार पर किसी तरह का आधिपत्य या भेदभाव नहीं किया जा सकता.

हाथरस: मुरसान कोतवाली इलाके के गांव गदई में महिला के शव का अंतिम संस्कार करने को लेकर विवाद हो गया. ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट ने मौके पर पहुंचकर मामले को सुलझाया. ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने मृतका के शव का गांव के सार्वजनिक मरघट पर विधि-विधान से अंतिम संस्कार करवाया. उन्होंने गांव में चली आ रही वर्षों पुरानी परंपरा का अंत भी करा दिया.

मजिस्ट्रेट ने करवाया अंतिम संस्कार

गांव गदई में दिनकर समाज की गीता की मौत हो गई थी. जिस स्थान पर इस समाज के लोग अंतिम संस्कार करते थे, वहां पानी भरा हुआ था. इस वजह से वहां अंतिम संस्कार नहीं हो सका. लिहाजा तिलक सिंह और उसके परिवार के लोगों ने सार्वजनिक मरघट पर अंतिम संस्कार करने की गुहार लगाई, लेकिन समाज विशेष के लोगों ने मना कर दिया. इस बात की जानकारी ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा को हुई, तो वह पुलिस बल के साथ गांव पहुंच गए. वहां उन्होंने लोगों को समझा-बुझाकर मृतका का अंतिम संस्कार सार्वजनिक मरघट में विधि-विधान से कराया. उन्होंने ऐसा कर गांव में सालों से चली आ रही पुरानी परंपरा का भी अंत करा दिया है.


लोगों को समझाया

ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने मौके पर पहुंचकर सामाज के दोनों वर्गों से बातचीत कर सभी को समझाया. उन्होंने गांव के सभी ग्रामीणों से कहा कि यह गांव की सार्वजनिक भूमि है. कोई वर्ग या व्यक्ति विशेष उस पर अपना आधिपत्य नहीं जमा सकता. सार्वजनिक भूमि पर सभी ग्रामीणों का बराबर का अधिकार है. ग्रामीण सार्वजनिक मरघट पर सभी अंतिम संस्कार करने के लिए स्वतंत्र हैं. सार्वजनिक भूमि एवं केंद्रों पर जाति, धर्म के आधार पर किसी तरह का आधिपत्य या भेदभाव नहीं किया जा सकता.

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