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विजय दिवस: शहीद के परिवारों को पहले दिए पेट्रोल पंप, बाद में वापस ले लिए

करगिल युद्ध के शहीदों की याद में 26 जुलाई को विजय दिवस मनाया जाता है. इस युद्ध में जवानों की शहादत को दो दशक पूरे हो चुके हैं लेकिन उनके परिवार आज भी बदहाल जीवन जीने को मजबूर हैं. यूपी के हाथरस जिले में कई शहीद परिवारों को सरकारी मदद के नाम पर सिर्फ छलावा मिला है.

करगिल शहीदों के परिवार के साथ छलावा.
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Published : Jul 26, 2019, 5:56 PM IST

हाथरस: करगिल युद्ध की बीसवीं सालगिरह के मौके पर देशभर में शहीदों को याद किया जा रहा है. जिले के कई सैनिकों ने इस युद्ध में शहादत दी थी. शहादत के बाद सरकार ने उनके परिवारों को मदद देने की बात कही थी लेकिन हकीकत इससे एकदम जुदा है. शहीदों के परिवार को आर्थिक सहारे के रूप में पेट्रोल पंप दिए गए थे लेकिन पेट्रोल में मिलावट की बात कहकर वो छीन लिए गए. अब इन शहीद परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

करगिल शहीदों के परिवार के साथ छलावा.

बेसहारा हुए शहीदों के परिवार
जनपद के गांव बेदई के करगिल शहीद सत्य प्रकाश के पिता 80 की उम्र के बाद भी खेती कर अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने मदद के तमाम वादे किए थे. पेट्रोल पंप का भी वादा किया गया था फिर भी नहीं मिल पाया. उन्होंने बताया कि उनकी पुत्रवधू आशा ने इसके लिए खूब भागदौड़ की थी लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. थक-हार कर उन्होंने कोशिश करना छोड़ दिया.

छीन लिए गए पेट्रोल पंप

नगला चौधरी के शहीद गजपाल के पिता रामकिशन ने बताया कि उन्हें हाथरस-आगरा रोड पर एक पेट्रोल पंप दिया गया था. उनका पंप अच्छे से चल रहा था लेकिन एक दिन चेकिंग में मिलावट घोषित कर दिया गया. उनसे पेट्रोल पंप छीन लिया गया. वे कहते हैं कि इसके पीछे मिलीभगत नजर आती है. वहीं गांव नगला भूतिया के शहीद सत्यवीर के भाई धर्मवीर सिंह ने बताया उन्हें पेट्रोल पंप मिली थी लेकिन दस महीने में ही वापस ले ली गई. उन्होंने कहा कि सरकार के दवाब में यह कार्रवाई की गई थी. हमें माल में मिलावट की बात कही गई थी जबकि माल कंपनी से ही आ रहा था. उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप से अपनी आमदनी और परिवार का गुजारा हो रहा था, वह भी नहीं होने दिया गया.

हाथरस: करगिल युद्ध की बीसवीं सालगिरह के मौके पर देशभर में शहीदों को याद किया जा रहा है. जिले के कई सैनिकों ने इस युद्ध में शहादत दी थी. शहादत के बाद सरकार ने उनके परिवारों को मदद देने की बात कही थी लेकिन हकीकत इससे एकदम जुदा है. शहीदों के परिवार को आर्थिक सहारे के रूप में पेट्रोल पंप दिए गए थे लेकिन पेट्रोल में मिलावट की बात कहकर वो छीन लिए गए. अब इन शहीद परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

करगिल शहीदों के परिवार के साथ छलावा.

बेसहारा हुए शहीदों के परिवार
जनपद के गांव बेदई के करगिल शहीद सत्य प्रकाश के पिता 80 की उम्र के बाद भी खेती कर अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने मदद के तमाम वादे किए थे. पेट्रोल पंप का भी वादा किया गया था फिर भी नहीं मिल पाया. उन्होंने बताया कि उनकी पुत्रवधू आशा ने इसके लिए खूब भागदौड़ की थी लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. थक-हार कर उन्होंने कोशिश करना छोड़ दिया.

छीन लिए गए पेट्रोल पंप

नगला चौधरी के शहीद गजपाल के पिता रामकिशन ने बताया कि उन्हें हाथरस-आगरा रोड पर एक पेट्रोल पंप दिया गया था. उनका पंप अच्छे से चल रहा था लेकिन एक दिन चेकिंग में मिलावट घोषित कर दिया गया. उनसे पेट्रोल पंप छीन लिया गया. वे कहते हैं कि इसके पीछे मिलीभगत नजर आती है. वहीं गांव नगला भूतिया के शहीद सत्यवीर के भाई धर्मवीर सिंह ने बताया उन्हें पेट्रोल पंप मिली थी लेकिन दस महीने में ही वापस ले ली गई. उन्होंने कहा कि सरकार के दवाब में यह कार्रवाई की गई थी. हमें माल में मिलावट की बात कही गई थी जबकि माल कंपनी से ही आ रहा था. उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप से अपनी आमदनी और परिवार का गुजारा हो रहा था, वह भी नहीं होने दिया गया.

Intro:up_hat_02_shhido ke parivaro ko petrol pump diya bhi china bhi_pkg_up10028
एंकर- कारगिल शहीदों की याद में आज 26 जुलाई को विजय दिवस मनाया जा रहा है। जवानों की शहादत को बीस साल पूरे हो चुके हैं। इन शहीदों के परिवार आज भी बदहाल जीवन जीने को मजबूर है, हुक्मरान इन परिवारों को भूल चुके है। सरकार ने शहीदों के परिवार को पेट्रोल पंप देने का भी वायदा किया था। लेकिन कुछ परिवारों को चाहने के बाद भी पेट्रोल पंप नहीं मिला, और जिन्हें मिला उनसे भी कुछ समय बाद छीन भी लिया गया।


Body:मिड पीटूसी- जिन परिवारों के बेटे कारगिल युद्ध में शहीद हुए हो, चंद रुपयों की खातिर उनके परिवार क्या पेट्रोल में मिलावट करेंगे। यह सवाल है उन परिवारों का है जिन परिवारों को सरकार ने पेट्रोल पंप दिए थे लेकिन कुछ समय बाद उनसे छीन लिए।
वीओ1- गांव बेदई के कारगिल शहीद सत्य प्रकाश के पिता 80 की उम्र के बाद भी खेती कर अपने और अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं ।उन्होंने बताया कि सरकार ने खूब वायदे किए थे। पेट्रोल पंप का भी वायदा किया गया था फिर भी नहीं मिल पाया।उन्होंने बताया कि उनकी पुत्रवधू आशा ने इसके लिए खूब भागदौड़ की लेकिन सफलता नहीं मिली ।वही नगला चौधरी के शहीद गजपाल के पिता रामकिशन ने बताया कि उन्हें हाथरस-आगरा रोड पर एक पेट्रोल पंप दिया गया था ।उनका पंप अच्छे से चल रहा था खूब चेकिंग भी हो रही थी। लेकिन एक दिन चेकिंग में मिलावट घोषित कर दी गई और उनसे पेट्रोल पंप छीन लिया गया ।उन्होंने कहा इसमें मिलीभगत नजर आती है ।वही गांव नगला भूतिया के शहीद सत्यवीर के भाई धर्मवीर सिंह ने बताया उन्हें पेट्रोल पंप मिली थी लेकिन दस महीने में ही वापस ले ली गई।उन्होंने कहा सरकार का दवाब मान लो चाहे कुछ और उन्हें माल में डिफेक्ट बताया गया।जबकि माल कंपनी से ही आ रहा था ।उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप से अपनी आमदनी और परिवार का गुजारा हो रहा था, वह भी नहीं होने दिया गया।
बाईट1-लखमी सिंह- शहीद सत्य प्रकाश के पिता
बाईट2- रामकिशन -शहीद गजपाल के पिता
बाईट3- धर्मवीर सिंह- शहीद सत्यवीर सिंह का भाई


Conclusion:फाइनल पीटूसी-इन परिवार के लोगों का कहना है कि पेट्रोल पंप दिया जाना एक दिखवा था।उनका यह भी कहना है कि इसमें सरकार और पेट्रोल कंपनी की मिली भगत की बू आती है।
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