हाथरस: करगिल युद्ध की बीसवीं सालगिरह के मौके पर देशभर में शहीदों को याद किया जा रहा है. जिले के कई सैनिकों ने इस युद्ध में शहादत दी थी. शहादत के बाद सरकार ने उनके परिवारों को मदद देने की बात कही थी लेकिन हकीकत इससे एकदम जुदा है. शहीदों के परिवार को आर्थिक सहारे के रूप में पेट्रोल पंप दिए गए थे लेकिन पेट्रोल में मिलावट की बात कहकर वो छीन लिए गए. अब इन शहीद परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
बेसहारा हुए शहीदों के परिवार
जनपद के गांव बेदई के करगिल शहीद सत्य प्रकाश के पिता 80 की उम्र के बाद भी खेती कर अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने मदद के तमाम वादे किए थे. पेट्रोल पंप का भी वादा किया गया था फिर भी नहीं मिल पाया. उन्होंने बताया कि उनकी पुत्रवधू आशा ने इसके लिए खूब भागदौड़ की थी लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. थक-हार कर उन्होंने कोशिश करना छोड़ दिया.
छीन लिए गए पेट्रोल पंप
नगला चौधरी के शहीद गजपाल के पिता रामकिशन ने बताया कि उन्हें हाथरस-आगरा रोड पर एक पेट्रोल पंप दिया गया था. उनका पंप अच्छे से चल रहा था लेकिन एक दिन चेकिंग में मिलावट घोषित कर दिया गया. उनसे पेट्रोल पंप छीन लिया गया. वे कहते हैं कि इसके पीछे मिलीभगत नजर आती है. वहीं गांव नगला भूतिया के शहीद सत्यवीर के भाई धर्मवीर सिंह ने बताया उन्हें पेट्रोल पंप मिली थी लेकिन दस महीने में ही वापस ले ली गई. उन्होंने कहा कि सरकार के दवाब में यह कार्रवाई की गई थी. हमें माल में मिलावट की बात कही गई थी जबकि माल कंपनी से ही आ रहा था. उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंप से अपनी आमदनी और परिवार का गुजारा हो रहा था, वह भी नहीं होने दिया गया.