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हरदोई: पेंशन घोटाले की जांच करने पहुंची टीम ने खंगाले दस्तावेज

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में शासन के आदेश पर ट्रेजरी में हुए करोड़ों रुपये के पेंशन घोटाले की जांच शुरू हो गई है. जांच टीम के सदस्य घोटाले से संबंधित दस्तावेज खंगालने में जुटे हैं.

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पेंशन घोटाले को लेकर चर्चा करते अधिकारी
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Published : May 5, 2020, 10:02 PM IST

हरदोई: ट्रेजरी में हुए करोड़ों रुपये के पेंशन घोटाले की जांच करने पहुंची टीम मामले से संबंधित दस्तावेज खंगालने में जुट गई है. दरअसल, बैंकों में ट्रेजरी के अधिकारियों ने ऐसे लोगों के बैंक खाते खुलवाए थे, जो अस्तित्व में ही नहीं थे. इन खातों से करीब 4 करोड़ 9 लाख से ज्यादा की धनराशि के गबन का मामला सामने आया था, जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी घोटाले की छानबीन में जुटे हैं.


दरअसल, साल 2010 से 2017 के बीच वरिष्ठ कोषाधिकारी कार्यालय हरदोई में लेखाकार राकेश कुमार सिंह और सहायक कोषाधिकारी दिनेश प्रताप सिंह ने विभिन्न बैंकों में पेंशन भुगतान के लिए ऐसे लोगों के खाते खुलवाए थे, जो लोग अस्तित्व में ही नहीं थे. इन बैंक खातों में साल 2010 से 2015 के बीच एक करोड़ 23 लाख 51 हजार 155 रुपये की पेंशन भेजी गई थी. जबकि, साल 2015 से 2017 के बीच 2 करोड़ 85 लाख 87 हजार 579 रुपये की पेंशन भेजकर गबन कर लिया गया था. मामले को लेकर लेखाकार और सहायक कोषाधिकारी के खिलाफ कोतवाली शहर में मुकदमा दर्ज कराया गया था.

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ट्रेजरी में हुए घोटाले पर चर्चा करते अधिकारी

अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि ट्रेजरी में हुई पेंशन घोटाले की जांच निदेशालय से शुरू की गई, जिसके बाद जिले में साल 2010 से 2015 तक तैनात रहे तत्कालीन वरिष्ठ कोषाधिकारी दीपांकर शुक्ला और 2015 से 2017 तक तैनात रहे देवी प्रसाद को ट्रेजरी से पेंशन भुगतान से संबंधित रेिकार्ड गायब करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर निलंबित कर दिया गया है. फिलहाल जांच टीम मामले से जुड़े सबूत तलाशने में जुटी है.

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ट्रेजरी में पेंशन घोटाले की जांच करने पहुंची टीम
अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेजरी में हुए पेंशन घोटाले की टीम ऑडिट कर रही है, मामले में गबन की रकम और भी बढ़ सकती है, जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

हरदोई: ट्रेजरी में हुए करोड़ों रुपये के पेंशन घोटाले की जांच करने पहुंची टीम मामले से संबंधित दस्तावेज खंगालने में जुट गई है. दरअसल, बैंकों में ट्रेजरी के अधिकारियों ने ऐसे लोगों के बैंक खाते खुलवाए थे, जो अस्तित्व में ही नहीं थे. इन खातों से करीब 4 करोड़ 9 लाख से ज्यादा की धनराशि के गबन का मामला सामने आया था, जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारी घोटाले की छानबीन में जुटे हैं.


दरअसल, साल 2010 से 2017 के बीच वरिष्ठ कोषाधिकारी कार्यालय हरदोई में लेखाकार राकेश कुमार सिंह और सहायक कोषाधिकारी दिनेश प्रताप सिंह ने विभिन्न बैंकों में पेंशन भुगतान के लिए ऐसे लोगों के खाते खुलवाए थे, जो लोग अस्तित्व में ही नहीं थे. इन बैंक खातों में साल 2010 से 2015 के बीच एक करोड़ 23 लाख 51 हजार 155 रुपये की पेंशन भेजी गई थी. जबकि, साल 2015 से 2017 के बीच 2 करोड़ 85 लाख 87 हजार 579 रुपये की पेंशन भेजकर गबन कर लिया गया था. मामले को लेकर लेखाकार और सहायक कोषाधिकारी के खिलाफ कोतवाली शहर में मुकदमा दर्ज कराया गया था.

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ट्रेजरी में हुए घोटाले पर चर्चा करते अधिकारी

अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने कहा कि ट्रेजरी में हुई पेंशन घोटाले की जांच निदेशालय से शुरू की गई, जिसके बाद जिले में साल 2010 से 2015 तक तैनात रहे तत्कालीन वरिष्ठ कोषाधिकारी दीपांकर शुक्ला और 2015 से 2017 तक तैनात रहे देवी प्रसाद को ट्रेजरी से पेंशन भुगतान से संबंधित रेिकार्ड गायब करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर निलंबित कर दिया गया है. फिलहाल जांच टीम मामले से जुड़े सबूत तलाशने में जुटी है.

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ट्रेजरी में पेंशन घोटाले की जांच करने पहुंची टीम
अपर जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि ट्रेजरी में हुए पेंशन घोटाले की टीम ऑडिट कर रही है, मामले में गबन की रकम और भी बढ़ सकती है, जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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