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हरदोई:  RCEP समझौते के खिलाफ किसानों में आक्रोश, किया जोरदार प्रदर्शन

यूपी के हरदोई जिले में किसानों ने आरसीईपी( रीजनल कंप्रेहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप) समझौते का विरोध किया. किसानों ने इस समझौते को गोपनीय करार देते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों ने इस समझौते को तत्काल रोकने के लिए आवाज उठाई.

हरदोई में किसानों का प्रदर्शन
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Published : Oct 24, 2019, 9:48 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 11:11 PM IST

हरदोई: पूरे प्रदेश में सरकार के आरसीईपी समझौते का विरोध किया जा रहा है. गुरुवार को हरदोई जिले में सैकड़ों किसानों ने अपनी आवाज बुलंदकर जिला मुख्यालय पर इस समझौते के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों ने इस समझौते के बाद आने वाली समस्याओं से रूबरू करवाया.

RCEP समझौते के खिलाफ किसानों में आक्रोश.

इसे भी पढ़ें- हरदोई में वेतन न मिलने से नाराज सफाईकर्मियों ने की हड़ताल

भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों किसान कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. किसानों ने मांग की कि केंद्र सरकार आरसीईपी समझौते को तत्काल रोका जाए. इस समझौते को अगर सरकार आगे बढ़ाना चाहती है तो इसे गोपनीय न रखते हुए सार्वजनिक किया जाए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बुनियादी लोकतांत्रिक दायित्वों को पूरा करके ही इस समझौते को लेकर सरकार आगे बढ़े.

इस क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के बाद किसानों के ऊपर खासा असर पड़ेगा. यह फैसला भारत के बाजारों को अन्य देशों से सब्सिडी वाले उत्पादों के लिए खोल देगा. इससे हमारी डेरियों के विनाश के दिन नजदीक आ जाएंगे. बागान उत्पादों के लिए गंभीर खतरे पैदा हो जाएंगे. सरकार कृषि क्षेत्र को इस समझौते से बाहर करे या फिर इसे सार्वजनिक करे.
राजबहादुर सिंह, अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन.

हरदोई: पूरे प्रदेश में सरकार के आरसीईपी समझौते का विरोध किया जा रहा है. गुरुवार को हरदोई जिले में सैकड़ों किसानों ने अपनी आवाज बुलंदकर जिला मुख्यालय पर इस समझौते के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों ने इस समझौते के बाद आने वाली समस्याओं से रूबरू करवाया.

RCEP समझौते के खिलाफ किसानों में आक्रोश.

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भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले सैकड़ों किसान कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. किसानों ने मांग की कि केंद्र सरकार आरसीईपी समझौते को तत्काल रोका जाए. इस समझौते को अगर सरकार आगे बढ़ाना चाहती है तो इसे गोपनीय न रखते हुए सार्वजनिक किया जाए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बुनियादी लोकतांत्रिक दायित्वों को पूरा करके ही इस समझौते को लेकर सरकार आगे बढ़े.

इस क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के बाद किसानों के ऊपर खासा असर पड़ेगा. यह फैसला भारत के बाजारों को अन्य देशों से सब्सिडी वाले उत्पादों के लिए खोल देगा. इससे हमारी डेरियों के विनाश के दिन नजदीक आ जाएंगे. बागान उत्पादों के लिए गंभीर खतरे पैदा हो जाएंगे. सरकार कृषि क्षेत्र को इस समझौते से बाहर करे या फिर इसे सार्वजनिक करे.
राजबहादुर सिंह, अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन.

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर--प्रदेश की भांति आज हरदोई जिले के किसानों ने भी सरकार द्वारा किये जाने वाले आईसीईपी समझौते का विरोध जताते हुए जम कर प्रदर्शन किया।साथ ही इस समझौते को गोपनीय समझौता करार दिया और इसके बाद आने वाली समस्याओं से रूबरू कराया।वहीं राज्य सरकार, संसद व नागरिक संगठनों को इस फैसले में शामिल किए जाने की और बुनियादी लोकतांत्रिक दायित्वों को पूरा कर आगे बढ़ने की मांग की।वहीं इसको लेकर सैकड़ों किसानों ने आज अपनी आवाज़ बुलंद कर जम कर जिला मुख्यालय पर नारे बाज़ी की।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में आज तब हड़कंप मच गया जब सैकड़ों किसान यहां आकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया।भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।इनकी मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा किये जाने वाला आईसीईपी समझौते को तत्काल रोका जाए।वहीं इस समझौते को अगर सरकार आगे बढ़ाना चाहती है तो इसे गोपनीय न रखते हुए सार्वजनिक किया जाए।वहीं बुनियादी लोकतांत्रिक दायित्वों को पूरा कर ही इस समझौते को लेकर सरकार आगे बढ़े ये मांग भी प्रदर्शनकर्ताओं ने की।

वीओ--2--यूनियन के अध्यक्ष राजबहादुर सिंह ने कहा कि इस क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के बाद किसानों के ऊपर खासा असर पड़ेगा।कहा कि ये फैसला भारत के बाजारों को अन्य देशों से सब्सिडी वाले उत्पादों के लिए खोल देगा।इससे हमारी डेरियों के विनाश के दिन नजदीक आ जाएंगे।वहीं बागान उत्पादों के लिए गंभीर खतरे पैदा हो जाएंगे।कहा कि या तो सरकार कृषि क्षेत्र को इस समझौते से बाहर करे या तो इसे सार्वजनिक कर इसमें राज्य सरकार, संसद व किसान संगठनों को शामिल कर संसद में इस पर बहस करवाए।सुनिए उन्ही की जुबानी।

बाईट--राजबहादुर सिंह--अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन


Conclusion:
Last Updated : Oct 24, 2019, 11:11 PM IST
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