हरदोई: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में अनामिका शुक्ला प्रकरण के सामने आने के बाद पूरे प्रदेश में फर्जी शिक्षकों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसा ही मामला हरदोई जिले में भी सामने आया, जहां शिक्षा विभाग के लिपिक को बीते दिनों एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया था. अब गिरफ्तार लिपिक की मदद से एक फर्जी शिक्षिका अंजलि का खुलासा हुआ है. अंजलि ने अपनी तैनाती के दौरान करीब 4 लाख रुपये से ज्यादा मानदेय के रूप में निकाले थे.
अनामिका शुक्ला प्रकरण में पकड़े गए प्रधान लिपिक के खुलासे के बाद अंजलि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसके अलावा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 5 शिक्षिकाएं ऐसी निकलीं, जिन्होंने अपने मूल प्रमाण पत्र सत्यापित नहीं कराए, जिसको लेकर बीएसए ने सभी की सेवा समाप्ति के साथ ही वैधानिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, अंजलि नाम की फर्जी शिक्षिका 2011 में पार्ट टाइम शिक्षिका के पद पर तैनात हुई. बाद में इसे एक फुल टाइम टीचर बनाकर कस्तूरबा गांधी विद्यालय बेंहदर में वार्डन के पद पर तैनात किया गया. यह फर्जी शिक्षिका 2014 तक कस्तूरबा गांधी विद्यालय में काम करती रही. चार लाख 38 हजार रुपये इसने मानदेय भी निकाला और उसके बाद फरार हो गई. गायब होने के बाद अंजलि की सेवा समाप्ति की संस्तुति कर दी गई और मामला ठंडे बस्ते में चला गया, लेकिन हाल ही में अनामिका शुक्ला प्रकरण में एसटीएफ के हाथों लिपिक की गिरफ्तारी और पूछताछ में मामला फिर से सामने आया, जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
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नगर मजिस्ट्रेट ने दी जानकारी
इस बारे में सिटी मजिस्ट्रेट जंग बहादुर यादव ने बताया कि कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में शासन के निर्देश पर तैनात शिक्षकों और कर्मचारियों के मूल अभिलेखों का सत्यापन कराया जा रहा है. ऐसे में एक फर्जी शिक्षिका सामने आई है, जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. वहीं 5 शिक्षिकाएं ऐसी हैं, जिन्होंने अपने मूल प्रमाण पत्रों का सत्यापन नहीं कराया है. उन्हें अपने मूल प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराने के लिए अंतिम नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि अगर इसके बावजूद भी वे सत्यापन नहीं कराती हैं तो उनके खिलाफ सेवा समाप्ति और मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई भी की जाएगी.