हरदोई: उत्तर प्रदेश के वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को जिला महिला चिकित्सालय में विशेष संचारी रोगों के खिलाफ एक माह के अभियान की शुरुआत की. इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि यूपी में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें अन्य दूसरे राज्यों की अपेक्षा काफी कम है. इसकी कीमतों को प्रदेश में मिनिमाइज करके रखा गया है. वहीं उन्होंने बढ़ी हुई कीमतों को कोरोना काल में गरीबों को दी जा रही सुविधाओं से भी जोड़ा.
सरकार की गिनाईं उपलब्धियां
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना से प्रदेश में पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी हुई कीमतों पर विपक्ष के आरोपों को लेकर सवाल किया गया. इस पर उन्होंने कहा, 'आपने यह देखा कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें आज भी उत्तर प्रदेश में बहुत कम है. हमसे बहुत ज्यादा दूसरे प्रांतों में कीमत है. हमने उसको मिनिमाइज करके रखा हुआ है. विशेष रूप से आप यह भी देखिए कि सेवा के काम कितने हो रहे हैं. आज की तारीख में आपको मालूम होना चाहिए कि आपके जनपद में ही 33 लाख 77 हजार लोगों के खाते में एक-एक हजार रुपया गया है. साथ ही इस कोरोना काल में 5 बार उन लोगों को अनाज भी दिया गया है.'
आम आदमी की हालत बदलना ही हमारे नेता की सोच
कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, 'भारत सरकार के द्वारा 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं या चावल और 1 किलो चने की दाल दी जा रही है. नेता की नियत और मंशा भी देखी जानी चाहिए. हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक केवल एक ही इच्छा रखते हैं, उनका एक ही सपना है, एक ही संकल्प है कि हमारे देश के आम आदमी के हालात बदले. आम आदमी की स्थिति बदले और आत्मनिर्भर भारत बने. यह हमारे नेता की सोच है और उसी दिशा में लगातार बात कर रहे हैं.'
सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना के फैलाव को हमारी सरकार ने रोका है. उन्होंने कहा कि संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए जो अभियान चलाया जा रहा है, वह 1 तारीख से लेकर 31 तारीख तक चलेगा. हर हालत में हमें स्वच्छता को अपने जीवन का, अपनी दिनचर्या का अंग बनाना चाहिए. अगर स्वच्छता को आत्मसात करेंगे, जलभराव नहीं होने देंगे तो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जापानी इंसेफेलाइटिस जैसे संचारी रोग नहीं होंगे.
ये भी पढ़ें: ओमप्रकाश राजभर ने सरकार पर साधा निशाना, बोले- भारतीय झूठ पार्टी है भाजपा
वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना काल में हमारी सरकार ने पूरी ताकत के साथ प्रयास किया है और इसी का परिणाम है कि आज 6709 केस उत्तर प्रदेश में एक्टिव हैं और 16 हजार 600 से ज्यादा मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं. चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में हमने पूरी ताकत के साथ काम किया है.