हरदोई: अन्ना पशुओं को रखने के लिए खोली गई पशु आश्रय शालाएं बदहाली का शिकार हैं. आलम यह है कि पशु आश्रय स्थलों में गंदगी और जलभराव का अंबार है. नतीजतन यहां रहने वाले जानवर बीमार हो रहे हैं. वहीं पशु आश्रय स्थल में काम करने वाले कर्मचारी भी बीमारी फैलने के खतरे से परेशान नजर आ रहे हैं. हालांकि इस मामले में जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी जिम्मेदार अधिकारियों को लापरवाही न बरतने की चेतावनी दी है.
- जिले के पशु आश्रय स्थल बदहाल अवस्था में हैं.
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशु आश्रय स्थलों का निर्माण सड़क पर घूमने वाले आवारा गोवंश पशुओं के लिए किया था.
- पशु आश्रय स्थलों में चारे और पानी का इंतजाम भी किया गया.
- नया गांव पशु आश्रय शाला बारिश के मौसम में अन्ना पशुओं के लिए बीमारी का घर बन गई हैं.
- गंदगी में रहने से पशुओं के खुर में बीमारी होने का खतरा रहता है.
- अगर गाय जमीन पर बैठ जाती है तो यहां तैनात मात्र दो कर्मचारियों के द्वारा उन्हें उठाना भी मुश्किल हो जाता है.
- पशु आश्रय स्थल में मौजूद 102 गायों में से पिछले 4 दिनों से 7 गाय बीमार पड़ी हैं.
- कीचड़ युक्त जगह पर गायों को चारा खिलाना भी मुश्किल हो रहा है.
- पशु आश्रय स्थल के बाहर गोशाला खाली पड़ा है.
- यहां चारों तरफ गंदगी ही गंदगी पसरी है.
- अन्ना पशुओं को खिलाया जाने वाला भूसा भी सड़ा हुआ नजर आ रहा है.
- लापरवाही की इन तस्वीरों के सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं
जनपद में संचालित सभी 72 पशु आश्रय स्थलों पर लापरवाही न बरती जाए, इसलिए इसका एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है. साथ ही सभी विकास खंड के एडीओ पंचायत को पशु आश्रय स्थलों में गंदगी चारे की व्यवस्था और पशुओं के उपचार की व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसकी एडीओ पंचायत रोजाना मॉनिटरिंग करेंगे और लापरवाही पाए जाने पर उनका उत्तरदायित्व होगा. सभी गोशालाओं को सुधारने का निर्देश दिए गए हैं.
-पुलकित खरे, जिलाधिकारी