हरदोई: योगी सरकार ने अन्ना पशुओं को पशु आश्रय शालाओं में पहुंचाने का आदेश दिया था. सरकार के आदेश के बाद पशु आश्रय शालाओं में अन्ना पशुओं को पहुंचाया तो गया, लेकिन वहां न तो उनके चारे का इंतजाम है और न ही पानी का. लिहाजा, चारे और पानी के अभाव में अन्ना पशु दम तोड़ने को मजबूर हैं.
क्या है पूरा मामला:
- पशु आश्रय शाला की बदहाली का यह मामला जिले के विकासखंड मल्लावां के शाहपुर गंगा का है, जहां अस्थाई पशु आश्रय शाला में करीब 100 से ज्यादा अन्ना पशु और गोवंश बंद हैं.
- अधिकारियों के द्वारा यहां पर अन्ना पशुओं को तो बंद कर दिया गया, लेकिन उनके खानपान और पानी को लेकर समस्या बनी हुई है.
- यहां पर केवल दो तीन टीन सेड पड़े हुए हैं, जिसमें खड़े रहकर अन्ना पशु खुद को धूप से बचाते हैं. साथ ही भूख और प्यास की वजह से कई अन्ना पशुओं की मौत हो चुकी है, जिनके शव अभी भी पशु आश्रय शाला में पड़े हुए हैं.
- पशु आश्रय शालाओं में विगत दो माह पूर्व शासन से अन्ना पशुओं के भूसा और चारे की व्यवस्था के लिए धनराशि भेजी गई थी. इस पशु आश्रय शाला की जिम्मेदारी सिर्फ एक चौकीदार के सहारे है.
- पशु आश्रयशाला की बदहाली पर अब जिम्मेदार अफसर बेतुका बयान दे रहे हैं.
मेरे द्वारा निरीक्षण किया गया था. उस समय सब कुछ ठीक-ठाक था, लेकिन अब मैं फिर निरीक्षण करूंगा और कोई कमी मिलती है तो उसके लिए चौकीदार को निर्देश दूंगा.
-गिरीश वर्मा, सहायक विकास अधिकारी, हरदोई