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हरदोई: पशु आश्रय शाला में तड़प-तड़पकर मरने को मजबूर अन्ना पशु - animal shelter built in shahpur village in bad state

जिले के विकासखंड मल्लावां के शाहपुर गंगा में अस्थाई पशु आश्रय शाला में करीब 100 से ज्यादा अन्ना पशु और गोवंश बंद हैं. यहां अन्ना पशुओं के खानपान और पानी को लेकर समस्या बनी हुई है. यहां पर केवल दो तीन टीन सेड पड़े हुए हैं, जिसमें खड़े रहकर अन्ना पशु खुद को धूप से बचाते हैं.

पशु आश्रय शाला में मरने को मजूबर अन्ना पशु.
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Published : May 16, 2019, 1:38 PM IST

हरदोई: योगी सरकार ने अन्ना पशुओं को पशु आश्रय शालाओं में पहुंचाने का आदेश दिया था. सरकार के आदेश के बाद पशु आश्रय शालाओं में अन्ना पशुओं को पहुंचाया तो गया, लेकिन वहां न तो उनके चारे का इंतजाम है और न ही पानी का. लिहाजा, चारे और पानी के अभाव में अन्ना पशु दम तोड़ने को मजबूर हैं.

पशु आश्रय शाला में मरने को मजूबर अन्ना पशु.

क्या है पूरा मामला:

  • पशु आश्रय शाला की बदहाली का यह मामला जिले के विकासखंड मल्लावां के शाहपुर गंगा का है, जहां अस्थाई पशु आश्रय शाला में करीब 100 से ज्यादा अन्ना पशु और गोवंश बंद हैं.
  • अधिकारियों के द्वारा यहां पर अन्ना पशुओं को तो बंद कर दिया गया, लेकिन उनके खानपान और पानी को लेकर समस्या बनी हुई है.
  • यहां पर केवल दो तीन टीन सेड पड़े हुए हैं, जिसमें खड़े रहकर अन्ना पशु खुद को धूप से बचाते हैं. साथ ही भूख और प्यास की वजह से कई अन्ना पशुओं की मौत हो चुकी है, जिनके शव अभी भी पशु आश्रय शाला में पड़े हुए हैं.
  • पशु आश्रय शालाओं में विगत दो माह पूर्व शासन से अन्ना पशुओं के भूसा और चारे की व्यवस्था के लिए धनराशि भेजी गई थी. इस पशु आश्रय शाला की जिम्मेदारी सिर्फ एक चौकीदार के सहारे है.
  • पशु आश्रयशाला की बदहाली पर अब जिम्मेदार अफसर बेतुका बयान दे रहे हैं.

मेरे द्वारा निरीक्षण किया गया था. उस समय सब कुछ ठीक-ठाक था, लेकिन अब मैं फिर निरीक्षण करूंगा और कोई कमी मिलती है तो उसके लिए चौकीदार को निर्देश दूंगा.

-गिरीश वर्मा, सहायक विकास अधिकारी, हरदोई

हरदोई: योगी सरकार ने अन्ना पशुओं को पशु आश्रय शालाओं में पहुंचाने का आदेश दिया था. सरकार के आदेश के बाद पशु आश्रय शालाओं में अन्ना पशुओं को पहुंचाया तो गया, लेकिन वहां न तो उनके चारे का इंतजाम है और न ही पानी का. लिहाजा, चारे और पानी के अभाव में अन्ना पशु दम तोड़ने को मजबूर हैं.

पशु आश्रय शाला में मरने को मजूबर अन्ना पशु.

क्या है पूरा मामला:

  • पशु आश्रय शाला की बदहाली का यह मामला जिले के विकासखंड मल्लावां के शाहपुर गंगा का है, जहां अस्थाई पशु आश्रय शाला में करीब 100 से ज्यादा अन्ना पशु और गोवंश बंद हैं.
  • अधिकारियों के द्वारा यहां पर अन्ना पशुओं को तो बंद कर दिया गया, लेकिन उनके खानपान और पानी को लेकर समस्या बनी हुई है.
  • यहां पर केवल दो तीन टीन सेड पड़े हुए हैं, जिसमें खड़े रहकर अन्ना पशु खुद को धूप से बचाते हैं. साथ ही भूख और प्यास की वजह से कई अन्ना पशुओं की मौत हो चुकी है, जिनके शव अभी भी पशु आश्रय शाला में पड़े हुए हैं.
  • पशु आश्रय शालाओं में विगत दो माह पूर्व शासन से अन्ना पशुओं के भूसा और चारे की व्यवस्था के लिए धनराशि भेजी गई थी. इस पशु आश्रय शाला की जिम्मेदारी सिर्फ एक चौकीदार के सहारे है.
  • पशु आश्रयशाला की बदहाली पर अब जिम्मेदार अफसर बेतुका बयान दे रहे हैं.

मेरे द्वारा निरीक्षण किया गया था. उस समय सब कुछ ठीक-ठाक था, लेकिन अब मैं फिर निरीक्षण करूंगा और कोई कमी मिलती है तो उसके लिए चौकीदार को निर्देश दूंगा.

-गिरीश वर्मा, सहायक विकास अधिकारी, हरदोई

Intro:आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000

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file name--
hdi 15 may badhaal pashu ashryshala

स्लग--बदहाली पर आंसू बहा रही पशु आश्रय शाला तड़प तड़प कर मरने को मजबूर अन्ना पशु

एंकर-- योगी सरकार ने अन्ना पशुओं को पशु आश्रय स्थल में पहुंचाने का आदेश दिया था सरकार के आदेश के मुताबिक पशु आश्रय शालाओं में अन्ना पशुओं को पहुंचाया तो गया लेकिन पशु आश्रय स्थलों में ना तो उनके चारी का इंतजाम है और ना ही पानी का लिहाजा चारे और पानी के अभाव में पशु आश्रय स्थलों पर फैली अव्यवस्था के चलते अन्ना पशु दम तोड़ने को मजबूर हैं तो वही इस मामले के सामने आने के बाद अब अधिकारी व्यवस्थाएं दुरुस्त करवाने की बात करके लीपापोती करने में जुटे हैं।


Body:vo- पशु आश्रयशाला की बदहाली का यह मामला उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के विकासखंड मल्लावां के शाहपुर गंगा का है जहां अस्थाई पशु आश्रय शाला में करीब 100 से ज्यादा अन्ना पशु और गोवंश बंद हैं आलम यह है कि अन्ना पशुओं के खाने के लिए अधिकारियों के द्वारा यहां पर अन्ना पशुओं को तो बंद कर दिया गया लेकिन उनके खानपान और पानी को लेकर समस्या बनी हुई है यहां पर केवल दो तीन टीन सेड पड़े हुए हैं जिसमें खड़े रहकर अन्ना पशु खुद को धूप से बचाते हैं साथ ही भूख और प्यास की वजह से कई अन्ना पशुओं की मौत हो चुकी है जिनके शव अभी भी पशु आश्रय शाला में पड़े हुए हैं।अन्ना पशुओं के रहने और खाने की व्यवस्था के लिहाज से तैयार की गई पशु आश्रय साला में अन्ना पशुओं की इस दुर्दशा पर जिम्मेदार अधिकारी गोलमोल जवाब देने में जुटे हैं आपको बता दें कि पशु आश्रय शालाओं में विगत दो माह पूर्व शासन से आई धनराशि को पशु आश्रय शालाओं में अन्ना पशुओं के भूसा और चारे की व्यवस्था के लिए धनराशि भेजी गई थी। साथ ही इस पशु आश्रय साला की जिम्मेदारी सिर्फ एक चौकीदार के सहारे है लिहाजा पशु आश्रय शाला में रहने वाले अन्ना पशु और गोवंशो की दुर्दशा पर पशु आश्रय साला खुद ही आंसू बहाने को मजबूर है।


Conclusion:voc- पशु आश्रय साला की बदहाली पर अब जिम्मेदार अफसर बेतुका बयान दे रहे हैं इस बारे में सहायक विकास अधिकारी गिरीश वर्मा का कहना है कि उनके द्वारा निरीक्षण किया गया था उस समय सब कुछ ठीक-ठाक था लेकिन अब वह निरीक्षण करेंगे और कोई कमी मिलती है तो उसके लिए उसके सुधार को लेकर चौकीदार को निर्देश देंगे।
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