हमीरपुर: जिला महिला अस्पताल नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंर्ड (एनक्वास) के मानकों पर खरा उतरा है. 87 प्रतिशत अंक अर्जित करके महिला अस्पताल मण्डल का पहला अस्पताल बन गया है, जो मरीजों की सेवा, सुविधा और रखरखाव में उच्च स्तरीय साबित हुआ है. इस उपलब्धि पर महिला अस्पताल में गुरुवार को जमकर जश्न मना. इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) ने स्टाफ को मिठाई खिलाकर उपलब्धि पर बधाई दी और इसे बरकरार रखने की अपील की.
महिला अस्पताल ने हासिल की उपलब्धि
बीते 11 और 12 जनवरी को दिल्ली की टीम ने जिला महिला अस्पताल का वर्चुअल निरीक्षण किया था. अस्पताल के अंदर आठ विभागों का निरीक्षण किया था, जिसके बाद प्रत्येक विभाग को उसके कार्यकलापों के आधार पर नंबर दिए गए थे. इन विभागों में महिला अस्पताल की ओपीडी को 85 प्रतिशत, लेबर रूम को 90 प्रतिशत, मैटेरनिटी वार्ड को 87 प्रतिशत, एसएनसीयू वार्ड को 93 प्रतिशत, मैटेरनिटी ओटी को 88 प्रतिशत, लैब को 86 प्रतिशत, फार्मेसी को 86 प्रतिशत और सामान्य प्रशासन को 78 प्रतिशत नंबर मिले थे. कुल 87 प्रतिशत अंक अर्जित करके महिला अस्पताल एनक्वास के मानकों पर शत-प्रतिशत खरा उतरा था.
महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ. फौजिया अंजुम नोमानी ने बताया कि समस्त स्टाफ की मेहनत का नतीजा है कि अस्पताल इनक्वास के मानकों पर खरा उतरा और इतनी बड़ी उपलब्धि मिली. उन्होंने समस्त टीम को मिठाई खिलाकर इसके लिए बधाई दी. साथ ही सभी से इसी प्रकार मेहनत करते रहने का आह्वान किया, ताकि भविष्य में और भी बेहतर सुविधाएं मरीजों को मुहैया कराई जा सकें. सीएमएस डॉ. फौजिया अंजुम ने क्वालिटी टीम की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि क्वालिटी टीम की मण्डलीय सलाहकार डॉ.तरन्नुम सिद्दीकी, जिला सलाहकार डॉ. योगेश लहरी और अस्पताल के मैनेजर विवेक गौतम का भी इस उपलब्धि में खास योगदान रहा. इस मौके पर डॉ. पूनम सचान, डॉ. आशा सचान, डॉ. आशुतोष, डॉ. सुमित सचान, डॉ. केशव, डॉ. दीपक, डॉ. नाजिस, लैब टेक्नीशियन करुणेंद्र, धर्मेंद्र, दिनेश, रमाकांती, विनीता, राधा, डिंपल आदि मौजूद रहे.
क्या है एनक्वास
क्वालिटी टीम के जिला सलाहकार डॉ. योगेश लहरी ने बताया कि एनक्वास भारत सरकार की संस्था है, जो सरकारी अस्पतालों को उनकी सेवाओं के मापदंडों पर कसती है. यहां मुख्य रूप से अस्पताल के अंदर काम करने वाले विभागों का रखरखाव, कामकाज का तरीका, सेवा प्रावधान, रोगी के अधिकार, इनपुट, सहायता सेवाएं, संक्रमण नियंत्रण, गुणवत्ता प्रबंधन और परिणाम को देखा और परखा जाता है, उसी के आधार पर अंक दिए जाते हैं. 70 प्रतिशत तक अंक प्राप्त करने वाले अस्पतालों को एनक्वास से सर्टिफिकेट मिलता है, जो इस बात का प्रमाण होता है कि अमुक अस्पताल की सेवाएं अच्छी हैं.