हमीरपुर: सुमेरपुर थाना क्षेत्र (Sumerpur police station) के भरुआ गांव में रविवार (5 जून) को एक अनोखी शादी संपन्न हुई. दो संतों ने अपने पालतू मवेशियों का विवाह आपस में करावा दिया और दोनों संत हमेशा के लिए एक-दूसरे के समधी बन गए. इसमें खास बात यह है कि यह शादी हिंदू रीति रिवाज से हुई.
जिले में दो पालतू मवेशियों की शादी चर्चा का विषय बन गई है. सुमेरपुर थाना क्षेत्र (Sumerpur police station) के सौंखर और सिमनौडी गांव के जंगल में मनासर बाबा शिव मंदिर स्थित है. इस मंदिर के महंत स्वामी द्वारिका दास महाराज हैं. उन्होंने अपने पालतू कुत्ते कल्लू का विवाह अर्जुन दास महाराज की पालतू कुतिया भूरी के संग तय किया था. अर्जुन दास मौदहा क्षेत्र के परछछ गांव में बजरंगबली मंदिर के महंत हैं. दोनों पालतू मवेशियों की शादी तय तिथि के अनुसार 5 जून को सपन्न हुई.
बैंड-बाजा के साथ पहुंचे 500 बाराती: बजरंगबली मंदिर के महंत स्वामी अर्जुन दास महाराज ने अपने शिष्यों, शुभचिंतकों को विवाह में शामिल होने का कार्ड भेजा था. वहीं, करीब 500 बारातियों के साथ बारात मनासर बाबा शिव मंदिर से गाजे-बाजे के साथ रवाना हुई और सौंखर गांव की गलियों में भ्रमण करके निकासी कराई गई. इसके बाद बारात मौदहा क्षेत्र के परछछ गांव के लिए रवाना हुई.
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सोने चांदी के जेवरात पहनाए: स्वामी अर्जुन दास ने परछछ गांव पहुंची बारात की भव्य अगवानी की और स्वागत के बाद शादी की सारी रस्में अदा की गईं. इस दौरान दूल्हा-दुल्हन बने कुत्ता और कुतिया को नए कपड़े पहनाए गए थे. इसके साथ ही सोने-चांदी के जेवरात भी इनके शरीर पर शोभायमान लग रहे थे. वहीं, बारातियों के लिए कई तरह के व्यंजन तैयार काराए गए थे.
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