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हमीरपुर: बेतवा नदी उफान पर, दर्जनों गांवों का कटा संपर्क

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में माताटीला बांध से बेतवा नदी में छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी मुसीबत का सबब बनना शुरू हो गया है. नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते पत्यौरा-कुछेछा मार्ग जल मग्न हो गया है. इस कारण दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है.

बेतवा ने धारण किया विकराल रूप.
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Published : Aug 17, 2019, 1:31 PM IST

हमीरपुर: राजस्थान और मध्यप्रदेश में हो रही जोरदार बारिश के चलते माताटीला बांध से बेतवा नदी में छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी मुसीबत का सबब बनना शुरू हो गया है. बेतवा नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है और लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.

बेतवा ने धारण किया विकराल रूप.

व्यवस्था न होने पर ग्रामीणों में आक्रोश-

  • बेतवा नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है.
  • जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था न किए जाने के चलते ग्रामीणों में आक्रोश है.
  • बढ़ रहे जलस्तर से पत्यौरा, देवगांव, बड़ागांव और टिकरौली समेत दर्जनों गांव के निवासियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी हैं.

सड़क जलमग्न हो जाने से आने-जाने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन द्वारा नाव आदि की व्यवस्था नहीं की गई है. इस पार से उस पार जाने में नाव वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं.
-कुलदीप, टिकरौली निवासी

हर साल बाढ़ की स्थिति में सबसे पहले पत्यौरा मार्ग जल मग्न हो जाता है, जिसके चलते वहां भ्रमण करने के बाद नाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही समस्या के स्थाई समाधान के लिए पुल का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति में गांवों से संपर्क टूटने की समस्या खत्म हो जाएगी.
-विनय प्रकाश, अपर जिलाधिकारी

हमीरपुर: राजस्थान और मध्यप्रदेश में हो रही जोरदार बारिश के चलते माताटीला बांध से बेतवा नदी में छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी मुसीबत का सबब बनना शुरू हो गया है. बेतवा नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है और लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.

बेतवा ने धारण किया विकराल रूप.

व्यवस्था न होने पर ग्रामीणों में आक्रोश-

  • बेतवा नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है.
  • जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था न किए जाने के चलते ग्रामीणों में आक्रोश है.
  • बढ़ रहे जलस्तर से पत्यौरा, देवगांव, बड़ागांव और टिकरौली समेत दर्जनों गांव के निवासियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी हैं.

सड़क जलमग्न हो जाने से आने-जाने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन द्वारा नाव आदि की व्यवस्था नहीं की गई है. इस पार से उस पार जाने में नाव वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं.
-कुलदीप, टिकरौली निवासी

हर साल बाढ़ की स्थिति में सबसे पहले पत्यौरा मार्ग जल मग्न हो जाता है, जिसके चलते वहां भ्रमण करने के बाद नाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही समस्या के स्थाई समाधान के लिए पुल का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति में गांवों से संपर्क टूटने की समस्या खत्म हो जाएगी.
-विनय प्रकाश, अपर जिलाधिकारी

Intro:विशेष नोट : पूर्व में भेजी गई ब्रेकिंग की अपडेट खबर


बेतवा ने धारण किया विकराल रूप, पानी भरने से दर्जनों गांवों का संपर्क कटा

हमीरपुर। राजस्थान व मध्यप्रदेश में हो रही जोरदार बारिश के चलते हैं माताटीला बांध से बेतवा नदी में छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी मुसीबत का सबब बनना शुरू हो गया है। बेतवा नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर के चलते पत्यौरा- कुछेछा मार्ग जल मग्न हो गया है। इस कारण दर्जनों गांवों का संपर्क कट गया है और लोगों को आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था न किए जाने के चलते ग्रामीणों में आक्रोश है। बेतवा नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से पत्यौरा, देवगांव, बड़ागांव व टिकरौली समेत दर्जनों
गांव के निवासियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी हैं।


Body:टिकरौली निवासी कुलदीप ने बताया कि सड़क जल मग्न हो जाने से आने-जाने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन द्वारा नावा आदि की व्यवस्था नहीं की गई है जिससे निजी नाव वालों की चांदी हो आई है। उन्होंने बताया कि इस पार से उस पार जाने में नाव वाले मनमाना किराया वसूल रहे हैं। गांव में किसी के बीमार हो जाने पर भी उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाना संभव नहीं है। वहीं ऐसा ही कुछ कहना बड़ा गांव निवासी सत्येंद्र कुमार का भी है। उधर, अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि जिला प्रशासन बेतवा नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर पर बराबर नजर बनाए हुए हैं।


Conclusion:उन्होंने बताया कि हर साल बाढ़ की स्थिति में सबसे पहले पत्यौरा
मार्ग जल मग्न हो जाता है। जिसके चलते वहां भ्रमण करने के बाद नाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही समस्या के स्थाई समाधान के लिए पुल का निर्माण कराया जा रहा है। जिससे बाढ़ की स्थिति में गांवों से संपर्क टूटने की समस्या खत्म हो जाएगी। बताते चलें कि बुधवार को माताटीला बांध से 4:30 लाख क्यूसेक पानी बेतवा नदी में छोड़ा गया था जिसके चलते बेतवा का जलस्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं दूसरी ओर शनिवार को यमुना नदी में भी कोटा बैराज बांध से आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसके चलते नदी के किनारे रहने वाले ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

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नोट : पहली बाइट कुलदीप की, दूसरी बाइट सत्येंद्र की एवं तीसरी बाइट अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव की है।
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