ETV Bharat / state

हमीरपुर: बारिश के चलते फसल बर्बाद, किसानों की बढ़ी चिंता - बुदेंलखंड

बारिश के चलते खेतों में पककर तैयार खड़ी रबी की फसल को भारी नुकसान हुआ है. इससे किसानों के लिए मुश्किलें पैदा हो गई हैं. बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं और चना की फसल को हुआ है.

author img

By

Published : Apr 18, 2019, 6:16 AM IST

हमीरपुर: बुंदेलखंड में बारिश के रूप में कुदरत का कहर बरस पड़ा है. बुधवार सुबह से रुक-रुककर हो रही बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. अचानक हुई बारिश से खेतों में तैयार खड़ी फसल बर्बाद हो गई. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

हमीरपुर में भारी बारिश से हुई फसल बर्बाद

जिले के मौदहा, सरीला, राठ समेत तमाम स्थानों पर हुई तेज बारिश से सरसो, गेहूं और चना की तैयार खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. बारिश से किसानों की लगभग 50 प्रतिशत फसल बर्बाद होने का अनुमान है. किसानों का कहना है कि बड़ी मेहनत के बाद उन्होंने फसल तैयार की थी, लेकिन बारिश में उनकी फसल को भारी नुकसान हुआ है. उनके खेतों में खड़ी फसल बारिश से खराब हो गई है. इसके चलते अब उनके सामने दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

पिछले डेढ़ दशक से बुंदेलखंड इलाके का किसान भगवान भरोसे ही जीता चला आ रहा है. हर साल किसी न किसी दैवीय आपदा के चलते यहां के किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है.

हमीरपुर: बुंदेलखंड में बारिश के रूप में कुदरत का कहर बरस पड़ा है. बुधवार सुबह से रुक-रुककर हो रही बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. अचानक हुई बारिश से खेतों में तैयार खड़ी फसल बर्बाद हो गई. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

हमीरपुर में भारी बारिश से हुई फसल बर्बाद

जिले के मौदहा, सरीला, राठ समेत तमाम स्थानों पर हुई तेज बारिश से सरसो, गेहूं और चना की तैयार खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. बारिश से किसानों की लगभग 50 प्रतिशत फसल बर्बाद होने का अनुमान है. किसानों का कहना है कि बड़ी मेहनत के बाद उन्होंने फसल तैयार की थी, लेकिन बारिश में उनकी फसल को भारी नुकसान हुआ है. उनके खेतों में खड़ी फसल बारिश से खराब हो गई है. इसके चलते अब उनके सामने दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

पिछले डेढ़ दशक से बुंदेलखंड इलाके का किसान भगवान भरोसे ही जीता चला आ रहा है. हर साल किसी न किसी दैवीय आपदा के चलते यहां के किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है.

Intro:किसानों पर बरसा कुदरत का कहर, अरमानों पर फिरा पानी
हमीरपुर। बुंदेलखंड की सूखी धरती पर अपने खून पसीने के बल पर फसल खड़ी करने वाले किसानों पर बारिश के रूप में कुदरत का कहर बरस पड़ा है। बीते एक-दो दिनों पहले जब मौसम ने करवट बदली तो किसानों के दिलों धड़कनें बढ़ गई थी, लेकिन आखिरकार बुधवार सुबह से रुक कर हो रही बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। अचानक हुई बारिश से खेतों में तैयार खड़ी किसानों की फसल खराब हो गई जिससे किसानों में हाहाकार मच गया है। बारिश के रूप में किसानों पर टूटे इस कहर से उनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।


Body:जिले के मौदहा, सरीला, राठ समेत तमाम स्थानों पर हुई तेज बारिश से सरसों, गेहूं और चने की तैयार खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। मूसलाधार बारिश के साथ मुसीबत बन बरसे पानी से खेती किसानी पर आधारित इस इलाके के किसान कराह उठे हैं। बारिश से किसानों की लगभग 50 प्रतिशत फसल बर्बाद होने का अनुमान है। किसान शिव सिंह कहते हैं कि भारी मशक्कत के बाद किसी तरह उन्होंने फसल तैयार की थी लेकिन बारिश में उनकी फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसान शकील बताते हैं कि उनके खेतों में खड़ी फसल बारिश की चपेट में आ गई है जिस कारण अब उनके सामने दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो गया है।


Conclusion:बताते चलें कि पिछले डेढ़ दशक से बुंदेलखंड इलाके का किसान भगवान भरोसे ही जीता चला आ रहा है क्योंकि हर साल किसी न किसी दैवीय आपदा से यहां के किसानों की फसल को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। और इस साल भी एक बार फिर किसानों की कमर ऐसे समय पर टूटी है जिस वक्त देश में आम चुनाव हो रहे हैं और ऐसे में सरकार भी उनके लिए कोई घोषणा नहीं कर सकती।

________________________________________________

नोट : पहली बाइट किसान शकील की एवं दूसरी बाइट किसान शिव सिंह की है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.