ETV Bharat / state

हमीरपुर में सजायाफ्ता कैदी की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

हमीरपुर में करीब 3 दशक पुराने दोहरे हत्याकांड में एक सजायाफ्ता कैदी की मौत हो गई है. कैदी लकवाग्रस्त था और अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Sep 28, 2022, 7:38 PM IST

हमीरपुर: 28 साल पुराने चर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में लकवाग्रस्त सजायाफ्ता कैदी की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई. जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है. मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

बता दें कि कुरारा थानाक्षेत्र के चकोठी गांव में 16 मार्च 1994 में जसवंत सिंह और मोतीलाल वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में मृतक जसवंत सिंह के भाई रमेशचंद्र ने 25 नामजद और 4 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में 28 साल बाद बीते 13 सितंबर को विशेष सत्र न्यायाधीश एससी-एसटी मोहम्मद असलम ने 17 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इनमें एक ही परिवार के विजय सिंह और उसके तीन बेटे शिवसिंह उर्फ भूरा, जाहर सिंह और उपेंद्र सिंह शामिल थे.

जाहर सिंह(50) कई साल पहले सड़क दुर्घटना में पैरालिसिस (लकवा) बीमारी से ग्रसित हो गया था. इसके चलते वह चल-फिर और बोल नहीं सकता था. आदेश के बाद वह जिला कारागार में बंद था. बुधवार की सुबह उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इस पर कारागार के सिपाही उसे जिला अस्पताल ले गए. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है. मृतक के दो बेटे अभय प्रताप सिंह(25) और अमन(23) है. इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है.

यह भी पढ़ें- मऊ: पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, डीएम ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

हमीरपुर: 28 साल पुराने चर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में लकवाग्रस्त सजायाफ्ता कैदी की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई. जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है. मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.

बता दें कि कुरारा थानाक्षेत्र के चकोठी गांव में 16 मार्च 1994 में जसवंत सिंह और मोतीलाल वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में मृतक जसवंत सिंह के भाई रमेशचंद्र ने 25 नामजद और 4 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में 28 साल बाद बीते 13 सितंबर को विशेष सत्र न्यायाधीश एससी-एसटी मोहम्मद असलम ने 17 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इनमें एक ही परिवार के विजय सिंह और उसके तीन बेटे शिवसिंह उर्फ भूरा, जाहर सिंह और उपेंद्र सिंह शामिल थे.

जाहर सिंह(50) कई साल पहले सड़क दुर्घटना में पैरालिसिस (लकवा) बीमारी से ग्रसित हो गया था. इसके चलते वह चल-फिर और बोल नहीं सकता था. आदेश के बाद वह जिला कारागार में बंद था. बुधवार की सुबह उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इस पर कारागार के सिपाही उसे जिला अस्पताल ले गए. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है. मृतक के दो बेटे अभय प्रताप सिंह(25) और अमन(23) है. इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है.

यह भी पढ़ें- मऊ: पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, डीएम ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.