हमीरपुर: 28 साल पुराने चर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में लकवाग्रस्त सजायाफ्ता कैदी की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई. जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है. मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
बता दें कि कुरारा थानाक्षेत्र के चकोठी गांव में 16 मार्च 1994 में जसवंत सिंह और मोतीलाल वर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में मृतक जसवंत सिंह के भाई रमेशचंद्र ने 25 नामजद और 4 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में 28 साल बाद बीते 13 सितंबर को विशेष सत्र न्यायाधीश एससी-एसटी मोहम्मद असलम ने 17 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इनमें एक ही परिवार के विजय सिंह और उसके तीन बेटे शिवसिंह उर्फ भूरा, जाहर सिंह और उपेंद्र सिंह शामिल थे.
जाहर सिंह(50) कई साल पहले सड़क दुर्घटना में पैरालिसिस (लकवा) बीमारी से ग्रसित हो गया था. इसके चलते वह चल-फिर और बोल नहीं सकता था. आदेश के बाद वह जिला कारागार में बंद था. बुधवार की सुबह उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इस पर कारागार के सिपाही उसे जिला अस्पताल ले गए. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. फिलहाल पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है. मृतक के दो बेटे अभय प्रताप सिंह(25) और अमन(23) है. इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया है.
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