हमीरपुर: फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाकर सेना में नौकरी पाने वालों की जांच के लिए तीन सदस्यीय सीबीआई टीम बुधवार को जिला मुख्यालय पहुंची. टीम तीन दिन मौदहा बांध के गेस्ट हाउस में एसडीएम कार्यालय के स्टाफ संबंधित ग्राम प्रधान और निकायों के सदस्यों से पूछताछ करेगी.
पहले दिन टीम ने निवास प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले लिपिक समेत अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की. सीबीआई की ओर से बुलाए जाने पर कैंप कार्यालय के बाहर ग्राम प्रधानों और कर्मचारियों की खासी भीड़ लगी रही.
फर्जी तरीके से युवक हुए भर्ती
तीन अगस्त से 16 अगस्त 2016 के बीच कानपुर कैंट में औरैया, बाराबंकी, कन्नौज, गोंडा, हमीरपुर और फतेहपुर जिले के निवासी युवकों के लिए सेना भर्ती रैली का आयोजन किया गया था, जिसमें इन जिलों के निवासी युवक ही भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए पात्र थे. भर्ती प्रकिया में सेंध लगाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा निवासी 34 अभ्यर्थी हमीरपुर जिले के पतों पर फर्जी निवास प्रमाणपत्र बनवाकर भर्ती हो गए थे.
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कई अधिकारियों की पाई गई संलिप्तता
फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाकर सेना में नौकरी पाने का मामला अभिलेखों के सत्यापन के दौरान सामने आया. देश की सुरक्षा से जुड़े इस गंभीर मामले में सीबीआई की प्रारंभिक जांच में कई अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई.
सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने मामले में 40 नामजद और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया था. बुधवार को मौदहा बांध कैंप कार्यालय में एसडीएम नाजिर गोविंद शर्मा, बृज किशोर प्रजापति समेत संबंधित ग्राम प्रधानों और लेखपालों से पूछताछ की.
ग्राम प्रधान ने दी जानकारी
सीबीआई टीम के सामने पेश हुए सौखर ग्राम प्रधान कप्तान सिंह ने बताया कि कुछ युवक हमीरपुर के फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवा कर सेना में भर्ती हो गए हैं. इस सम्बन्ध में जानकारी हासिल करने के लिए सीबीआई की टीम ने उन्हें तलब किया था. टीम 20 मार्च तक कैंप कार्यालय में रुकेगी और मामले में साक्ष्य जुटाएगी.