गोरखपुर: कोरोना की इस महामारी में जरूरतमंदों के लिए मददगार बने लोग बहुत कम दिखाई दे रहे हैं. लेकिन गोरखपुर के एक ऐसे युवा व्यवसाई ने इस महामारी में अपने गांव-क्षेत्र में मदद का हाथ बढ़ाया है. वो बैठे तो दिल्ली में हैं, उनका कारोबार भी दिल्ली में ही है. लेकिन अपने गांव-घर की मिट्टी से जुड़ाव ने उनकी चिंता बढ़ा दी है. उन्होंने यहां के लोगों की बेबसी और ऑक्सीजन की कमी से होती मौत को देखते हुए गांव में एंबुलेंस भेज दी हैं. उसने जिलाधिकारी गोरखपुर को पत्र लिखकर सरकारी और गैर सरकारी 3 अस्पतालों की लिस्ट और जमीन उपलब्धता की मांग की है. जहां वो अपने खर्चे पर जल्दी से जल्दी ऑक्सीजन का प्लांट लगाना चाहते हैं.
3 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का प्रयास शुरु
बड़हलगंज के बभनौली पांडेय गांव के सूरज पांडेय दिल्ली में रहकर अपना निजी व्यवसाय करते हैं. कोरोना की महामारी में उनका व्यवसाय भी लॉकडाउन में बंद पड़ा है. सोशल मीडिया, समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से उन्हें अपने गांव क्षेत्र में एंबुलेंस की कमी और ऑक्सीजन की उपलब्धता न होने से लोगों की मौत होने की जानकारी मिल रही थी. जिससे व्यथित होकर उन्होंने सबसे पहले अपने गांव में एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई, जिससे परेशान जनता निशुल्क इस व्यवस्था का लाभ उठाते हुए अस्पतालों तक पहुंच सके. यही नहीं उन्होंने जिलाधिकारी गोरखपुर को ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा कि अगर प्रशासन सहयोग करता है तो 15-15 लाख रुपए के खर्च से छोटे अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेटिंग का ऐसा प्लांट लगाएंगे, जिससे 20 बेड के अस्पताल को आसानी से संचालित किया जा सकेगा.
ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए डीएम से मांगी अनुमति
सूरज पांडेय ने गाजियाबाद की एक फर्म से ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए बात भी कर ली है. वह फर्म उनके बड़हलगंज क्षेत्र के निजी अस्पताल दुर्गावती और रामधनी हॉस्पिटल में प्लांट लगाने के लिए बहुत जल्द आ रही है. ऐसे में सरकारी क्षेत्र का कोई भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगर जिला प्रशासन उपलब्ध कराता है तो वहां पर भी 20 बेड के कोविड-19 अस्पताल की क्षमता लायक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करेंगे. ऑक्सीजन प्लांट लगाने में राज्य से लेकर स्थानीय प्रशासन की अनुमति का होना अनिवार्य है इसलिए, सूरज ने 27 अप्रैल को ही जिलाधिकारी गोरखपुर को अपने फर्म के लेटर पैड पर एक आवेदन पत्र प्रस्तुत किया है. जिसकी अनुमति का इंतजार है. फिलहाल फौरी तौर पर उन्होंने एंबुलेंस के माध्यम से लोगों की मदद का प्रयास शुरू कर दिया है.
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