गोरखपुरः एलआईसी (LIC) के बारे में तो सब जानते हैं मगर, क्या आपको पता है कि एलआईसी अपनी इनकम का पैसा किस क्षेत्र में निवेश करती है? आप बीमा के रूप में जो धनराशि एलआईसी में जमा करते हैं वह कहां खर्च होती है? बदले में एलआईसी कितना मुनाफा कमाती है? ईटीवी भारत अपनी इस रिपोर्ट से आज आपको यह सब जानकारी देगा. शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचे भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC OF INDIA) के प्रबंध निदेशक (MD) राजकुमार मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने LIC की उपलब्धियों और उपभोक्ताओं के हित में उठाए कदमों की चर्चा किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना के तीन माह में उनके व्यवसाय में जो गिरावट आई थी, वह 31 दिसंबर 2020 तक कवर हो गई. यही नहीं गोरखपुर क्षेत्र पूरे देश में साल 2020 में पॉलिसी करने में टॉप पर रहा. इसके लिए वह यहां के कर्मचारियों- अभिकर्ताओं का हौसला बढ़ाने आए हैं.
LIC का निवेश- अपनी आय का 25% भारत सरकार और 25% राज्य सरकारों को
इस दौरान ईटीवी भारत ने एलआईसी के पूंजी निवेश की बात उठाई तो प्रबंध निदेशक राजकुमार ने कहा कि इंश्योरेंस एक्ट-1938 और LIC एक्ट-1956 के तहत LIC अपनी पूंजी का 25% हिस्सा भारत सरकार की प्रतिभूति में निवेश करती है. जबकि 25% राज्य सरकारों को भी देती है. यह रकम तरह-तरह के विकास कार्यों पर खर्च की जाती है. इसके अलावा 18% हिस्सा देश की नामचीन निजी संस्थाओं को भी देती है. इसमें टाटा, बिरला जैसे बड़े संस्थान शामिल हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में एलआईसी 4 लाख 60 हजार करोड़ का निवेश इन सभी क्षेत्रों में कर चुकी है. इसका कुल मूल्य 7 लाख करोड़ से ज्यादा का हो चुका है. उन्होंने कहा कि यह सेक्टर निवेश और लाभ के लिए भरोसेमंद हैं. इसका लाभ LIC और उसके उपभोक्ताओं को ही मिलता है.
31,96,21,481 करोड़ की हैं LIC की कुल परिसंपत्तियां
इस दौरान राजकुमार ने कहा कि वर्ष 2019- 20 के दौरान एलआईसी ने नव व्यवसाय के प्रथम प्रीमियम के तौर पर 25.17% की वृद्धि दर्ज की है. साथ ही वर्ष 2019-20 में 215.98 लाख दावों का भी निपटारा किया है. उन्होंने कहा कि संस्था की पूरी कोशिश दावों के निपटारे का चल रहा है. इसके क्रम में वर्ष 2020-21 के तिमाही में अबतक 1 करोड़ 30 लाख दावों के निपटारा हुआ है, जिसके मद में 68 हजार करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है. उन्होंने कहा कि 1956 में 5 करोड़ की पूंजी से व्यवसाय में उतरी LIC के पास वर्तमान में 31,96,214,81 करोड़ की परिसंपत्तियां हैं. जीवन निधि के तौर पर 31,14,496.05 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं.