ETV Bharat / state

यूपी श्रम बोर्ड के अध्यक्ष बराला ने कहा- प्रदेश के श्रमिकों का मुफ्त में होगा विवाह और इलाज

श्रम विभाग में प्रदेश के पंजीकृत श्रमिकों को योगी सरकार धार्मिक पर्यटन यात्रा के लिए श्रवण कुमार योजना के तहत लाभ देने में जुटी है. ये यात्रा भी शुरु हो चुकी है. वहीं श्रमिकों के बच्चों के शादी-विवाह की जिम्मेदारी भी सरकार ने अपने कंधों पर उठा रखी है.

'प्रदेश के श्रमिकों का मुफ्त में होगा विवाह और इलाज'
'प्रदेश के श्रमिकों का मुफ्त में होगा विवाह और इलाज'
author img

By

Published : Oct 25, 2021, 4:36 PM IST

गोरखपुरः श्रमिकों के इलाज और उनके बच्चों के पढ़ाई का खर्चा योगी सरकार ने कई तरह की योजनाओं के माध्यम से पूरा करने का बीड़ा उठाया है. इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष पंडित सुनील बराला ने दी है. वे गोरखपुर में आए हुए थे. उन्होंने कहा कि श्रम कल्याण परिषद अभियान चलाकर अगले 75 दिन में अपनी योजनाओं से 25 हजार श्रमिक परिवारों को लाभान्वित करेगा.

उन्होंने कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक शिक्षा सहायता योजना के तहत डिग्री पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले श्रमिकों के बेटे-बेटियों को 15 हजार, डिप्लोमा पाठ्यक्रम में 10 हजार और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम पर 7 हजार की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. इसी तरह गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार योजना के तहत हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षा में 60 फीसदी अंक लाने पर 5 हजार, 75 फीसदी लाने पर 75 हजार रुपये पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हरिश्चंद्र मृतक योजना में 25 हजार, राज्य स्तर पर 50 हजार, राष्ट्रीय स्तर पर 75 हजार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक लाख की सहायता श्रमिकों के बच्चों को दिया जाएगा.

'प्रदेश के श्रमिकों का मुफ्त में होगा विवाह और इलाज'

चुनावी मौसम में इस तरह की योजनाओं की बहार श्रमिकों के बीच लाने के सवाल पर श्रम बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार इसके लिए 2019 से ही प्रयास कर चुकी थी. लेकिन उसको लागू करने में जरूर थोड़ा समय लगा है. उन्होंने कहा कि श्रम कल्याण बोर्ड का गठन और क्रियाशीलता भी योगी सरकार की देन है. पहले की स्थिति ऐसी थी कि न तो बोर्ड का कोई पता था और न ही इसके अध्यक्ष और सदस्यों का. यहां तक कि उनके लिए बैठने की जगह नहीं थी. योगी सरकार ने सारी सुविधाएं राजधानी लखनऊ में बोर्ड को उपलब्ध करा दिया है.

इसे भी पढ़ें- सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, मनोज वाजपेयी, धनुष और कंगना को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

यही वजह है कि उन्हें जो दायित्व मिला है, उसके तहत इन योजनाओं से श्रमिकों को जोड़ने और उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए वह प्रदेश के हर जिले में, श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकर कर रहे हैं. औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों और उनके बच्चों को हक दिलाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के मालिक तक श्रम बोर्ड के निर्देश और सुझाव को पहुंचाया जा रहा है. जिससे श्रमिकों को अधिकाधिक लाभ मिल सके.

गोरखपुरः श्रमिकों के इलाज और उनके बच्चों के पढ़ाई का खर्चा योगी सरकार ने कई तरह की योजनाओं के माध्यम से पूरा करने का बीड़ा उठाया है. इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष पंडित सुनील बराला ने दी है. वे गोरखपुर में आए हुए थे. उन्होंने कहा कि श्रम कल्याण परिषद अभियान चलाकर अगले 75 दिन में अपनी योजनाओं से 25 हजार श्रमिक परिवारों को लाभान्वित करेगा.

उन्होंने कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक शिक्षा सहायता योजना के तहत डिग्री पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले श्रमिकों के बेटे-बेटियों को 15 हजार, डिप्लोमा पाठ्यक्रम में 10 हजार और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम पर 7 हजार की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. इसी तरह गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार योजना के तहत हाईस्कूल, इंटर, ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षा में 60 फीसदी अंक लाने पर 5 हजार, 75 फीसदी लाने पर 75 हजार रुपये पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हरिश्चंद्र मृतक योजना में 25 हजार, राज्य स्तर पर 50 हजार, राष्ट्रीय स्तर पर 75 हजार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक लाख की सहायता श्रमिकों के बच्चों को दिया जाएगा.

'प्रदेश के श्रमिकों का मुफ्त में होगा विवाह और इलाज'

चुनावी मौसम में इस तरह की योजनाओं की बहार श्रमिकों के बीच लाने के सवाल पर श्रम बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार इसके लिए 2019 से ही प्रयास कर चुकी थी. लेकिन उसको लागू करने में जरूर थोड़ा समय लगा है. उन्होंने कहा कि श्रम कल्याण बोर्ड का गठन और क्रियाशीलता भी योगी सरकार की देन है. पहले की स्थिति ऐसी थी कि न तो बोर्ड का कोई पता था और न ही इसके अध्यक्ष और सदस्यों का. यहां तक कि उनके लिए बैठने की जगह नहीं थी. योगी सरकार ने सारी सुविधाएं राजधानी लखनऊ में बोर्ड को उपलब्ध करा दिया है.

इसे भी पढ़ें- सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, मनोज वाजपेयी, धनुष और कंगना को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

यही वजह है कि उन्हें जो दायित्व मिला है, उसके तहत इन योजनाओं से श्रमिकों को जोड़ने और उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए वह प्रदेश के हर जिले में, श्रम विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकर कर रहे हैं. औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों और उनके बच्चों को हक दिलाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के मालिक तक श्रम बोर्ड के निर्देश और सुझाव को पहुंचाया जा रहा है. जिससे श्रमिकों को अधिकाधिक लाभ मिल सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.