गोरखपुरः मंडलीय कारागार में दो बंदियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से हड़कंप मच गया है. जेल में बंदियों के कोरोना पॉजिटिव निकलने से जिला और जेल प्रशासन सकते में है. प्रशासनिक अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर सभी बंदियों का कोविड-19 जांच कराने की योजना बनाई है. अधिकारियों को इस बात की चिंता है कि संपर्क में आने वाले अन्य बंदियों को भी कोरोना का खतरा बढ़ गया है. फिलहाल जेल के सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है, जिससे कोरोना के फैलाव को रोका जा सके. अधिकारी उन बंदियों के संपर्क में आने वाले लोगों की तलाश भी कर रहे हैं.
गोरखपुर के मंडलीय कारागार के मिलेनियम बैरक में बंद दो बंदी कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं. वहीं उस बैरक में रह रहे पचास बंदी भी इस खतरे की जद में आ गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि 2200 से अधिक बंदियों के ऊपर कोरोना का खतरा खड़ा हो गया है. कोरोना की एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अस्थाई जेल से इन दोनों बंदियों को मुख्य जेल में ट्रांसफर किया गया था. लेकिन अब पीसीआर रिपोर्ट पाजिटिव आने के बाद हड़कम्प मच गया है. सभी बंदियों को क्वारंटीन करते हुए उनकी जांच की तैयारी शुरू कर दी है गई. जेल प्रशासन अब मिलेनियम बैरक समेत मुख्य जेल का अस्पताल, अन्य बैरक, डिप्टी जेलर का कार्यालय, अस्थायी जेल को सैनिटाइज करवा रहा है.
मुख्य जेल में बंदियों के बीच संक्रमण न फैले इसके लिए जिले के डेयरी कॉलोनी में रेलवे के सामुदायिक भवन में अस्थायी जेल बनाया गया है. पिछले दो जुलाई से जेल आने वाले हर नए बंदी को पहले अस्थायी जेल में रखा जा रहा है. वहां से उनको अस्पताल भेजकर कोरोना की एंटीजन जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही मुख्य जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. बीते दो जुलाई से अस्थायी जेल में करीब 100 बंदी आ चुके हैं, जिनकी कोरोना की जांच कराई गई है, जिसमें से अधिकांश की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मुख्य जेल के मिलेनियम बैरक में उन्हें शिफ्ट कर दिया गया है.
इसमें पॉजिटिव आने वाले दोनों बंदी भी शामिल रहे हैं. इन दोनों को भी मिलेनियम बैरक में रखा गया. लेकिन रविवार की रात को दोनों की पीसीआर रिपोर्ट पाजिटिव आ गई. इसके बाद दोनों को मुख्य जेल के मिलेनियम बैरक से रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया. एक बंदी अपहरण, तो दूसरा दहेज हत्या के आरोप में जेल आया है. कोरोना पॉजिटिव आने वाले एक बंदी को कैंपियरगंज पुलिस ने किशोरी के अपहरण के आरोप में बीते आठ जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था. वह इलाके के बलुआ का रहने वाला है. वहीं दूसरे बंदी को बीते आठ जुलाई को गोला पुलिस ने दहेज हत्या, दहेज उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भिजवाया. वह चाड़ी गांव का रहने वाला है.
दोनों को अस्थायी जेल में रखे जाने के बाद नौ जुलाई को उनकी टीबी अस्पताल में जांच कराई गई, जिसमें एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आ गई. इसके बाद दोनों को दस जुलाई को मुख्य जेल के मिलेनियम बैरक में रखा दिया गया. दोनों की पीसीआर रिपोर्ट पाजिटिव आ गई. इसके बाद दोनों को अस्पताल भेजा गया. दोनों में कोरोना के एक भी लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे. इसलिए अन्य बंदियों के भी जांच का निर्णय लिया गया है. वहीं अस्थायी जेल में आए करीब सौ बंदियों में से अधिकांश मुख्य जेल जा चुके हैं. बीती शाम तक केवल 17 बंदी ही अस्थायी जेल में रहे हैं.