गोरखपुरः भाजपा के पूर्वांचल में बड़े नेता और कुशल संगठनकर्ता के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष रहे स्वर्गीय उपेंद्र दत्त शुक्ला का परिवार अब पूरी तरह से बीजेपी और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हो गया है. परिवार का आरोप है कि शुक्ला की मौत के 20 माह बाद भी सीएम योगी ने उनका हालचाल लेना भी मुनासिब न समझा.
इस वजह से परिवार को काफी दुखों का सामना करना पड़ा. उपेंद्र शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला ने कहा कि इस उपेक्षा के चलते ही परिवार सपा में चला गया है. अब वह सीएम योगी के खिलाफ ताल ठोकने की बात कह रहीं हैं. उन्होंने कहा कि दिवंगत पति के सम्मान के लिए वह सीएम योगी को हराएंगीं.
उपेंद्र दत्त शुक्ला 80 के दशक में बेहद कम उम्र में भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ गए थे. तभी से एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में कार्य करते रहे. वह पार्टी के विभिन्न पदों पर जिला अध्यक्ष, क्षेत्रीय अध्यक्ष और यहां तक कि प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे.
क्षेत्रीय अध्यक्ष रहते हुए वर्ष 2018 में योगी आदित्यनाथ द्वारा खाली की गई लोकसभा की सीट पर लोकसभा चुनाव लड़े और 26 हजार वोट से हार गए. उनकी इसी हार ने पार्टी के भितरघात और योगी को लेकर सवाल खड़ा कर दिया था. मौजूदा सांसद रवि किशन के चार लाख वोटों से जीतने से यह बात और पुख्ता हो गई.
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इसके बाद योगी के ऊपर उपेंद्र शुक्ला के विरोधी होने का आरोप लगता रहा. उनकी मौत के बाद सीएम योगी के द्वारा उनके परिवार तक न पहुंचना, बच्चों का कुशलक्षेम न जानना परिवार के लिए पीड़ादायक रहा. आखिरकार समाजवादी पार्टी के कुछ ब्राह्मण चेहरे इस परिवार को अखिलेश यादव से जोड़ने में कामयाब हुए. अब यह परिवार समाजवादी रथ पर सवार होकर योगी और बीजेपी के खिलाफ हुंकार भरने की बात कर रहा है. सुभावती शुक्ला ने तो अपने आंसुओं के सैलाब में तमाम भाजपाइयों को अपनी तरफ झुकाना भी शुरू कर दिया है. वह यह भी कह रही हैं कि योगी और बीजेपी की हार ही उनके पति का असली सम्मान होगा.
उपेंद्र शुक्ला के परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटे हैं जो लगातार बीजेपी के लिए सक्रिय रहते थे. आज पूरा समाजवादी खेमा उपेंद्र शुक्ला के परिवार के साथ खड़ा है. पार्टी कार्यालय पर इस परिवार का भव्य स्वागत हुआ. जिला और महानगर के अध्यक्ष समेत सैकड़ों पुरुष और महिला कार्यकर्ता यहां मौजूद रहे.
इस दौरान सुभावती शुक्ला मीडिया के सवालों का जवाब देने में जहां असहज महसूस करतीं पार्टी पदाधिकारी तुरंत उनकी मदद करते. उन्होंने साफ कहा कि पार्टी का जो निर्देश होगा और अखिलेश यादव उन्हें जैसे चुनाव लड़ाएंगे वह वैसे ही लड़ेंगी. सबसे बड़ा उपकार तो उन्होंने उनके परिवार को सहारा देकर ही किया है. यही वजह है कि अब उन्हें इतनी ताकत मिली है वह बीजेपी और योगी को हराने का दम रखतीं हैं.
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