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गोरखपुर में हो रही 'नन्हा कलाम' की खोज, 28 फरवरी को मिलेगा सम्मान

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने एक नई पहल की है. एक ऐसा युवा जिसके मन में पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल कलाम जैसी वैज्ञानिक सोच हो. ऐसे ही एक 'नन्हा कलाम' ढूंढा जा रहा है, जो विज्ञान के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता हो.

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Published : Jan 10, 2020, 4:40 PM IST

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गोरखपुर में 'नन्हा कलाम' की खोज जारी.

गोरखपुर: जिले में आजकल 'नन्हा कलाम' ढूंढा जा रहा है. दरअसल ऐसा युवा जिसके मन में पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल कलाम जैसी वैज्ञानिक सोच हो, जो विज्ञान के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता हो. ऐसे बच्चों को पहचानने और राष्ट्रीय पटल पर एक विशेष पहचान दिलाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की तरफ से 'नन्हा कलाम' प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है.

गोरखपुर में 'नन्हा कलाम' की खोज जारी.

जानिए प्रतियोगिता की खास बातें:

  • गोरखपुर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने एक नई पहल की है.
  • एक 'नन्हा कलाम' ढूंढा जा रहा है, जो विज्ञान के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता हो.
  • ऐसे बच्चे जिनके मन में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसी वैज्ञानिक सोच हो.
  • ऐसे बच्चों को पहचानने के लिए नन्हा कलाम प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है
  • जीते हुए बच्चे को राष्ट्रीय पटल पर विशेष पहचान दिलाने की कोशिश की जाएगी.

यह प्रतियोगिता जिले के विभिन्न तहसीलों में आयोजित की जा रही है, जहां से 150 बच्चों का चयन होगा. सभी तहसीलों के चयनित प्रतिभागियों का जिला स्तर पर चयन होगा, जिसमें 120 बच्चे चुने जाएंगे. इस प्रतियोगिता को कराने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र को मिली है, जो व्यापक स्तर पर इस प्रतियोगिता के आयोजन में जुटा हुआ है. प्रतियोगिता में बच्चों की काफी भागीदारी भी देखी जा रही है. साथ ही उनके अंदर कलाम बनने का जोश भी दिखाई पड़ रहा है.

जिला स्तर पर चयनित किए गए 120 प्रतिभागियों में से भी 20 प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा. इनमें तीन श्रेणी बनाकर 21हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक का पुरस्कार भी दिया जाएगा. लेकिन असली नन्हा कलाम 28 फरवरी को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय विज्ञान प्रतियोगिता के माध्यम से चुना जाएगा.
महादेव पाण्डेय, क्षेत्रीय विज्ञान प्रसार अधिकारी

गोरखपुर: जिले में आजकल 'नन्हा कलाम' ढूंढा जा रहा है. दरअसल ऐसा युवा जिसके मन में पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल कलाम जैसी वैज्ञानिक सोच हो, जो विज्ञान के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता हो. ऐसे बच्चों को पहचानने और राष्ट्रीय पटल पर एक विशेष पहचान दिलाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की तरफ से 'नन्हा कलाम' प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है.

गोरखपुर में 'नन्हा कलाम' की खोज जारी.

जानिए प्रतियोगिता की खास बातें:

  • गोरखपुर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने एक नई पहल की है.
  • एक 'नन्हा कलाम' ढूंढा जा रहा है, जो विज्ञान के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता हो.
  • ऐसे बच्चे जिनके मन में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसी वैज्ञानिक सोच हो.
  • ऐसे बच्चों को पहचानने के लिए नन्हा कलाम प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है
  • जीते हुए बच्चे को राष्ट्रीय पटल पर विशेष पहचान दिलाने की कोशिश की जाएगी.

यह प्रतियोगिता जिले के विभिन्न तहसीलों में आयोजित की जा रही है, जहां से 150 बच्चों का चयन होगा. सभी तहसीलों के चयनित प्रतिभागियों का जिला स्तर पर चयन होगा, जिसमें 120 बच्चे चुने जाएंगे. इस प्रतियोगिता को कराने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र को मिली है, जो व्यापक स्तर पर इस प्रतियोगिता के आयोजन में जुटा हुआ है. प्रतियोगिता में बच्चों की काफी भागीदारी भी देखी जा रही है. साथ ही उनके अंदर कलाम बनने का जोश भी दिखाई पड़ रहा है.

जिला स्तर पर चयनित किए गए 120 प्रतिभागियों में से भी 20 प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा. इनमें तीन श्रेणी बनाकर 21हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक का पुरस्कार भी दिया जाएगा. लेकिन असली नन्हा कलाम 28 फरवरी को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय विज्ञान प्रतियोगिता के माध्यम से चुना जाएगा.
महादेव पाण्डेय, क्षेत्रीय विज्ञान प्रसार अधिकारी

Intro:गोरखपुर। गोरखपुर क्षेत्र में आज कल 'नन्हा कलाम' ढूंढा जा रहा है। ऐसा युवा जिसके मन के अंदर पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉक्टर अब्दुल कलाम जैसी वैज्ञानिक सोच हो। जो विज्ञान के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता हो। ऐसे बच्चों को पहचानने और राष्ट्रीय फलक पर एक विशेष पहचान दिलाने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश की तरफ से नन्हा कलाम प्रतियोगिता आयोजित की जा रही। यह प्रतियोगिता जिले के विभिन्न तहसीलों में आयोजित की जा रही है जहाँ से 150 बच्चों का चयन होगा। सभी तहसीलों के चयनित प्रतिभागियों का जिला स्तर पर चयन होगा जिसमें 120 बच्चे चुने जाएंगे।

नोट-- रेडी टू फ्लैश पैकेज कम्प्लीट, वॉइस ओवर अटैच है।...स्पेशल है।


Body:गोरखपुर में इस प्रतियोगिता को कराने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र को मिली है जो व्यापक स्तर पर इस प्रतियोगिता के आयोजन में जुटा हुआ है। प्रतियोगिता में बच्चों की खूब भागीदारी भी देखी जा रही है। उनके अंदर कलाम बनने का जोश भी दिखाई दे रहा है। वह भी इस प्रतियोगिता के माध्यम से कुछ नाम कमाना चाहते हैं। गोरखपुर में प्रतियोगिता कराने की जिम्मेदारी उठा रहे क्षेत्रीय विज्ञान अधिकारी महादेव पांडेय कहते हैं कि जिला स्तर पर चयनित किए गए 120 प्रतिभागियों में से भी 20 प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। इनमें तीन श्रेणी बनाकर 21हजार रुपये से लेकर 5 हजार रुपये तक का पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। लेकिन असली नन्हा कलाम 28 फरवरी को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय विज्ञान प्रतियोगिता के माध्यम से चुना जाएगा।

बाइट--महादेव पाण्डेय, क्षेत्रीय विज्ञान प्रसार अधिकारी
बाइट-- प्रशांत प्रजापति, प्रतियोगी छात्र


Conclusion:इस प्रतियोगिता को कराने के पीछे विज्ञान और प्रद्योगिकी परिषद का उद्देश्य बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि जगाना और उनकी रुचियों को भी पहचानना है। मंच न मिलने से तमाम प्रतिभाएं दबी रह जाती हैं इसलिए ऐसे आयोजन कारगर होते हैं। गांव से लेकर शहर में यह प्रतियोगिता स्कूलों में आयोजित की जा रही। जिसमें प्रतिभागियों का परिणाम परीक्षा के दिन ही जारी कर दिया जाता है। उनसे पूछे जाने वाला सवाल विज्ञान से जुड़ा हुआ ऑब्जेक्टिव प्रश्न होता है। इनके चयन के लिए विज्ञान के शिक्षकों का भी सदस्य के रूप में चयन किया गया है जो परीक्षा में शामिल होते हैं और परिणाम भी उन्हीं की कलम से निकलता है।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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