गोरखपुर: जिले में 7 लाख 92 हजार राशन कार्ड धारकों को प्रति यूनिट पांच किलो चावल और एक किलो चने का वितरण किया जा रहा है. सिस्टम में खामियों के बीच कोटेदार खाद्यान्न वितरण करने को मजबूर हैं. राशन की दुकान पर लगाई गई ई-पॉस मशीन की बैटरी ठीक ढंग से चार्ज नहीं हो रही है. इस दौरान नेटवर्क की भी समस्या सामने आ रही है. इस वजह से कोटेदारों को ऑनलाइन पंजीकरण करने में मुश्किल हो रही है.
इन तकनीकी परेशानियों के चलते जो राशन एक दिन में बंट जाना चाहिए, उसे बांटने में हफ्ते भर का समय लग रहा है. करोना संकट के दौरान कोटेदार सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करने की कोशिश करते दिखायी दे रहे हैं. जिले में चने की रैक 15 दिन पहले ही आ गई थी। हालांकि इससे पहले दाल वितरण की सूचना मिल रही थी, लेकिन शुक्रवार से जब वितरण शुरू हुआ तो यह दाल की जगह चना निकला.
26 मई तक होगा वितरण
गोरखपुर में कार्ड धारकों को 7920 क्विंटल चना वितरित किया जाएगा. जिले में 1935 सरकारी दुकानों के माध्यम से इसका वितरण किया जाएगा. यह वितरण 26 मई तक किया जाएगा, सरकार के निर्देश के अनुसार सुबह 06:00 बजे से लेकर रात के 09:00 बजे तक राशन दुकानदार खाद्यान्न का वितरण कर सकते हैं.
वितरण के दौरान तकनीकी समस्या
वितरण के दौरान कोटेदारों को कई समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं. ई-पास मशीन की बैटरी बार-बार लो हो जा रही है. इसके साथ ही सर्वर भी सपोर्ट नहीं कर रहा, जिसकी वजह से कार्ड धारकों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है.
इसके पहले अप्रैल माह में भी दो बार खाद्यान्न का वितरण किया गया. पहली बार इसका लाभ करीब 7 लाख कार्ड धारकों को मिला तो वहीं दूसरी बार 7 लाख 40 हजार कार्ड धारकों ने इसका लाभ उठाया. इस दौरान जिला प्रशासन ने यह तय किया है कि गांव में जो भी गरीब राशन कार्ड से वंचित है, उनका ऑनलाइन पंजीकरण कराया जाए.