गोरखपुर: जिले में लगातार बढ़ते कोरोना पॉजिटिव केस की वजह से अस्पतालों में बेड का संकट खड़ा हो गया है. यहां के प्रमुख केंद्र बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (बीआरडी) का कोरोना वार्ड पूरी तरह भर गया है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन के साथ जिला प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है.
मेडिकल कॉलेज में 200 बेड का लेवल-2 और 3 स्तर का वार्ड बनाया गया था, जिसमें 160 बेड सामान्य और 40 बेड पर वेंटिलेटर लगे हुए थे. सभी वेंटिलेटर पर मरीजों की भर्ती है. इस बीच में जिले में पिछले 1 सप्ताह से मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है.
सभी स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी निरस्त
खाली कराए जा रहे क्वारंटाइन सेंटर जो वार्ड के रूप में तब्दील किए जाएंगे, यहां भी मरीज भर्ती होंगे. वहीं दूसरी तरफ बढ़ते मरीजों की वजह से सर्जरी के डॉक्टरों की भी ड्यूटी वार्ड में लगा दी गई है और जूनियर डॉक्टरों की छुट्टी निरस्त कर दी गई है. इलाज में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 110 बेड के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में क्वारंटाइन वार्ड बनाया जा रहा है.
खाली कराए जा रहे 55 बेड
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 55 बेड मरीजों के लिए खाली कराए जा रहे हैं. आधे में मरीज और आधे में स्वास्थ्य कर्मी रहेंगे. वहीं कॉलेज के नेहरू अस्पताल के वार्ड नंबर 1 में क्वारंटाइन की व्यवस्था की जा रही है. जिले में अब तक 790 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. 17 की मौत हो चुकी है और 439 ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. 334 मरीजों का इलाज चल रहा है.
निर्धारित की गई कोरोना जांच फीस
इस बीच बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कोरोना की जांच के लिए 1500 रुपये का शुल्क निर्धारित कर दिया है. पहले यह जांच निशुल्क होती थी. हालांकि अंत्योदय कार्ड धारकों की जांच पहले की भांति निशुल्क होती रहेगी. अब कोई मरीज मेडिसिन वार्ड में भर्ती हुआ या इमरजेंसी में आया और उसमें कोरोना के लक्षण दिखे तो डॉक्टर कोरोना जांच की सलाह देंगे, जिसके लिए मरीज को 1500 रुपये जमा करने होंगे. चार्ज जमा करने के बाद मरीज की एंटीजन किट से जांच की जाएगी और उसे कोरोना वार्ड में भर्ती किया जाएगा. रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसे घर के लिए छुट्टी मिल जाएगी.