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तांत्रिक और पुलिसकर्मी बन लूट करने वाले गिरोह के 8 लोग गिरफ्तार - गोरखपुर में लूट मामले का खुलासा

गोरखपुर पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो कि कभी तांत्रिक तो कभी पुलिसवाले बनकर लूट करते थे. आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई जारी है.

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तांत्रिक व पुलिसकर्मी बन लूट करने वाले गिरोह के 8 लोग गिरफ्तार
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Published : Sep 17, 2022, 8:50 PM IST

गोरखपुर: कभी तांत्रिक तो कभी पुलिसवाले बनकर लोगों को चेकिंग के नाम पर झांसा देकर लूटने वाले एक अन्तर्राजीय लुटेरों के गिरोह का कैंट पुलिस ने खुलासा किया है. गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से लूट के सामान भी बरामद किया है. यह गिरोह उत्तराखंड का रहने वाला है और पूरे देश में घूम-घूम कर लूट और टप्पेबाजी की वारदात करता है. एक जगह वारदात करने के बाद अगले शहर के लिए निकल जाता है. वहीं, इस पकड़े गए गिरोह ने धर्मशाला के पास रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर से लूट की थी. एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शहर में टप्पेबाजी और लूट करने वाले बदमाशों की तलाश के लिए टीम लगी हुई थी. इस बीच मुखबिर की सूचना पर आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

वहीं, पकड़े गए आरोपियों की पहचान रजाकत अली पुत्र जलालुद्दीन, सैफ अली पुत्र मोहम्मद्दीन, रफी पुत्र नत्थुद्दीन, अकरम अली पुत्र जाफर अली, सैदू हुसैन पुत्र नजरूद्दीन, बरकत अली पुत्र मोहम्मद हनीफ, वजीर मोहम्मद पुत्र नूर मोहम्मद, जावेद पुत्र स्व0 गुलाम शाबिर के रुप में हुई है, जो कि उत्तराखंड के उधम सिंह नगर रहने वाले हैं. गिरोह के पास से पुलिस ने लूट की रकम 9,500 और जेवरात के साथ ही एक लेडिज पर्श बरामद किया. एसपी सिटी ने बताया कि यह गिरोह योजना बनान कर घटना को अंजाम देता है.

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आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि यह सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं. उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश , राजस्थान, महाराष्ट्र और बिहार प्रदेशों में घूम-घूम कर वारदातों को अंजाम देते थे. एक जगह पर किराए पर आवास लेकर रुकते हैं. वहां से टोली बनाकर चार-चार, पांच-पांच के साथ मोटरसाइकिल से अपने शिकार की तलाश में बैंकों के इर्द-गिर्द और भीड़ भाड़ वाले इलाको में घूमते हैं. बुजुर्ग महिलाओं को ज्यादातर शिकार बनाते हैं. उनके किसी न किसी समस्या को बताकर प्रभावित करते. फिर उनका पैसा, गहना या सामान लेकर फरार हो जाते है. जाल में फंसाने से पहले उनका एक आदमी उसी तरह की हरकत करता और भगवान का नाम लेकर 15-20 कदम चलने के बाद कहता मुझे भगवान के दर्शन हो गए हैं.

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इस बात पर महिलाए विश्वास कर लेती है और वो भी अपना गहना पैसा सब निकालकर दे देती है. तब हम लोग उनका गहना लेकर भाग जाते है. कुछ दिन पूर्व गिरोह ने धर्मशाला चौकी के पुलिस विभाग से रिटायर्ड महिला दरोगा से लूट की थी. उन्हें जाल में फंसाकर रुपये और गहने लेकर फरार हो गए थे. यह गिरोह जरूरत के हिसाब से फर्जी पुलिस और एसटीएफ के सिपाही बनकर भी व्यापारियों से चेकिंग के नाम पर लूट-पाट करता है.

गोरखपुर: कभी तांत्रिक तो कभी पुलिसवाले बनकर लोगों को चेकिंग के नाम पर झांसा देकर लूटने वाले एक अन्तर्राजीय लुटेरों के गिरोह का कैंट पुलिस ने खुलासा किया है. गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से लूट के सामान भी बरामद किया है. यह गिरोह उत्तराखंड का रहने वाला है और पूरे देश में घूम-घूम कर लूट और टप्पेबाजी की वारदात करता है. एक जगह वारदात करने के बाद अगले शहर के लिए निकल जाता है. वहीं, इस पकड़े गए गिरोह ने धर्मशाला के पास रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर से लूट की थी. एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि शहर में टप्पेबाजी और लूट करने वाले बदमाशों की तलाश के लिए टीम लगी हुई थी. इस बीच मुखबिर की सूचना पर आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

वहीं, पकड़े गए आरोपियों की पहचान रजाकत अली पुत्र जलालुद्दीन, सैफ अली पुत्र मोहम्मद्दीन, रफी पुत्र नत्थुद्दीन, अकरम अली पुत्र जाफर अली, सैदू हुसैन पुत्र नजरूद्दीन, बरकत अली पुत्र मोहम्मद हनीफ, वजीर मोहम्मद पुत्र नूर मोहम्मद, जावेद पुत्र स्व0 गुलाम शाबिर के रुप में हुई है, जो कि उत्तराखंड के उधम सिंह नगर रहने वाले हैं. गिरोह के पास से पुलिस ने लूट की रकम 9,500 और जेवरात के साथ ही एक लेडिज पर्श बरामद किया. एसपी सिटी ने बताया कि यह गिरोह योजना बनान कर घटना को अंजाम देता है.

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आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि यह सभी एक ही गांव के रहने वाले हैं. उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश , राजस्थान, महाराष्ट्र और बिहार प्रदेशों में घूम-घूम कर वारदातों को अंजाम देते थे. एक जगह पर किराए पर आवास लेकर रुकते हैं. वहां से टोली बनाकर चार-चार, पांच-पांच के साथ मोटरसाइकिल से अपने शिकार की तलाश में बैंकों के इर्द-गिर्द और भीड़ भाड़ वाले इलाको में घूमते हैं. बुजुर्ग महिलाओं को ज्यादातर शिकार बनाते हैं. उनके किसी न किसी समस्या को बताकर प्रभावित करते. फिर उनका पैसा, गहना या सामान लेकर फरार हो जाते है. जाल में फंसाने से पहले उनका एक आदमी उसी तरह की हरकत करता और भगवान का नाम लेकर 15-20 कदम चलने के बाद कहता मुझे भगवान के दर्शन हो गए हैं.

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इस बात पर महिलाए विश्वास कर लेती है और वो भी अपना गहना पैसा सब निकालकर दे देती है. तब हम लोग उनका गहना लेकर भाग जाते है. कुछ दिन पूर्व गिरोह ने धर्मशाला चौकी के पुलिस विभाग से रिटायर्ड महिला दरोगा से लूट की थी. उन्हें जाल में फंसाकर रुपये और गहने लेकर फरार हो गए थे. यह गिरोह जरूरत के हिसाब से फर्जी पुलिस और एसटीएफ के सिपाही बनकर भी व्यापारियों से चेकिंग के नाम पर लूट-पाट करता है.

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