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उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी पिपराइच चीनी मिल, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

गोरखपुर में पिपराइच चीनी मिल का हाल ही में सीएम योगी ने लोकार्पण कर पिराई सत्र की शुरुआत की थी, लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से यह मिल लक्ष्य के सापेक्ष पेराई नहीं कर पा रही है.

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पिपराइच चीनी मिल ने बढ़ाई किसानों की परेशानी.
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Published : Dec 13, 2019, 2:32 PM IST

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश राज्य चीनी व गन्ना विकास निगम लिमिटेड इकाई पिपराइच की नवनिर्मित चीनी मिल की क्षमता के अनुरूप पिराई नहीं हो पा रही है. इसी वजह से मिल परिसर और सड़कों पर गन्ने से लदे वाहनों की कतारें देखने को मिल रही हैं. किसानों का कहना है कि तकनीकी खामियों की वजह से मिल रुक-रुक कर चल रही है. इससे किसानों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पिपराइच चीनी मिल ने बढ़ाई किसानों की परेशानी.

सीएम योगी ने किया था लोकार्पण
दरअसल 17 नवंबर को सीएम योगी अदित्यनाथ ने नवनिर्मित चीनी मिल और 27 मेगावाट पावर प्लांट का लोकार्पण किया था. उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पिरोई सत्र का शुभारंभ किया था.

क्षमता के सापेक्ष पिराई नहीं कर रही मिल
21 नवंबर को पेराई शुरु करने की घोषणा की गई, लेकिन गन्ना की आवक सीमित होने के कारण चीनी मिल में 28 नवंबर से पेराई शुरु हो सकी. जब गन्ना की आवक तेज हुई तो मिल अपनी पूरी क्षमता से पेराई करने में खरा नहीं उतर सकी. इसी वजह है कि चीनी मिल परिसर सहित सड़कों पर भी गन्ना से लदे वाहनों की कतार लगी है.

रुक-रुक कर चलती है मिल
सूत्रों की माने तो गन्ना पेराई के दौरान एक न एक नई तकनीकी खामियां के कारण मिल अपने लक्ष्य के सापेक्ष पेराई नहीं कर पा रही है. अब तक 19 से 20 हजार क्विंटल पेराई क्षमता हो पाई है. किसान बताते हैं कि मिल तकनीकी खामियों से रुक-रुक कर चल रही है, इसी कारण उनके गन्ना तौल में विलंब हो रहा है.

यह भी पढ़ें- किसानों ने NH730 पर दिया धरना, प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश राज्य चीनी व गन्ना विकास निगम लिमिटेड इकाई पिपराइच की नवनिर्मित चीनी मिल की क्षमता के अनुरूप पिराई नहीं हो पा रही है. इसी वजह से मिल परिसर और सड़कों पर गन्ने से लदे वाहनों की कतारें देखने को मिल रही हैं. किसानों का कहना है कि तकनीकी खामियों की वजह से मिल रुक-रुक कर चल रही है. इससे किसानों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पिपराइच चीनी मिल ने बढ़ाई किसानों की परेशानी.

सीएम योगी ने किया था लोकार्पण
दरअसल 17 नवंबर को सीएम योगी अदित्यनाथ ने नवनिर्मित चीनी मिल और 27 मेगावाट पावर प्लांट का लोकार्पण किया था. उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पिरोई सत्र का शुभारंभ किया था.

क्षमता के सापेक्ष पिराई नहीं कर रही मिल
21 नवंबर को पेराई शुरु करने की घोषणा की गई, लेकिन गन्ना की आवक सीमित होने के कारण चीनी मिल में 28 नवंबर से पेराई शुरु हो सकी. जब गन्ना की आवक तेज हुई तो मिल अपनी पूरी क्षमता से पेराई करने में खरा नहीं उतर सकी. इसी वजह है कि चीनी मिल परिसर सहित सड़कों पर भी गन्ना से लदे वाहनों की कतार लगी है.

रुक-रुक कर चलती है मिल
सूत्रों की माने तो गन्ना पेराई के दौरान एक न एक नई तकनीकी खामियां के कारण मिल अपने लक्ष्य के सापेक्ष पेराई नहीं कर पा रही है. अब तक 19 से 20 हजार क्विंटल पेराई क्षमता हो पाई है. किसान बताते हैं कि मिल तकनीकी खामियों से रुक-रुक कर चल रही है, इसी कारण उनके गन्ना तौल में विलंब हो रहा है.

यह भी पढ़ें- किसानों ने NH730 पर दिया धरना, प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

Intro:उत्तर प्रदेश राज्य चीनी व गन्ना विकास निगम लिमीटेड इकाई पिपराइच की नवनिर्मित चीनी मिल की क्षमता के अनुरूप पेराई न होने से गन्ना लोड वाहनों से मिल के तक जाने वाले सभी प्रमुख सड़कों पर भीषण जाम लग गया है. किसानों का गन्ना समय से तौल न होने किसान को सड़क पर दो तीन दिन गुजारना पड़ रहा है.

पिपराइच गोरखपुरः उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम लिमिटेड की इकाई नवनिर्मित पिपराइच चीनी मिल की पेराई क्षमाता 50 हजार कुन्तल प्रतिदिन होने के बावजूद क्षमता के सापेक्ष पेराई न होने से मिल को जाने वाली प्रमुख सड़कों पर तीन दिनों से भीषण जाम लग रहा है. रास्ता अवरुद्ध होने से किसानों के अलावा आम जन भी परेशान है. किसानों का गन्ना मिल को तौल कराने में तीन तीन दिन तक लग रहा है. जिससे किसानों में आक्रोश है. धीमी गति से पेराई होने से लाखों कुन्तल गन्ना आवक साधनो पर लोड वाहनों की लम्बी लम्बी कतारें परीसर के बाहर रोड पर खड़े हे. समय से किसानों का तौल न होने से किसानों में आक्रोश देखने को मिल रहा है.Body:बताते चले कि 17 नवंबर को प्रदेश के मुखिया योगी अदित्यनाथ ने नवनिर्मित चीनी मिल का और 27 मेगावाट पावर प्लांट का लोकार्पण किया था. वहीं उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के उपरांत केन कैरियर में गन्ना डाल एवं डोंगर का बटन दबा कर पेराई सत्र का शुभारंभ किया था. उसके बाद 21 नवंबर को पेराई सुरु करने की घोषणा किया गया था. लेकिन गन्ना की आवक सीमित होने के कारण चीनी मिल में 28 नवंबर से पेराई सुरु हुई. जब गन्ना की आवक तेज हुई तो मिल अपनी पूरी क्षमता से पेराई करने में खरा नही उतर सकी. जिसके कारण चीनी मिल परीसर सहित सभी प्रमुख सड़कों पर गन्ना लदे वाहनों की लम्बी लम्बी कतारें देखने को मिल रही है.Conclusion:सूत्रों की माने तो गन्ना पेराई के दौरान एक न एक नई तकनीकी खामियां आने के कारण मिल अपने लक्ष्य के सापेक्ष पेराई करने में मीलों दूर है. अबतक 19 से 20 हजार क्विंटल पेराई क्षमता हो पाई है. किसान बताते है कि मिल तकनीकी खामियों से रुक रुक कर चल रही जिसके कारण उनका गन्ना तौल में विलंब हो रहा है.

$किसानों को मिल के बाहर सड़क पर गुजारना पड़ रहा है दो से तीन दिन$
धीमी गति से चीनी मिल चलने के कारण लक्ष्य के सापेक्ष गन्ना पराई नही होने से गन्ना तौल कराने पहूंचे विभिन्न क्षेत्रों के किसानों के लिए सिर दर्द बन चुका है. उनको दो से तीन मिल के बाहर सड़कों को जुझना पड़ रहा है. गन्ना लदी ट्रैक्टर ट्रालियों से मिल को जोड़ने वाली प्रमुख सडको पर भीषण जाम लग रहा है. जिससे आम लोगों को भी आवागमन के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बाइट चन्द्र भुषण सिंह(गन्ना किसां)
बाइट- पन्ने लाल यादव(गन्ना किसान)
बाइट- जदवा खुर्द के गन्ना ( वृद्ध किसान)
बाइट- पिपरा बसंत पुर के किसान

रफिउल्लाह अन्सारी-8318103822
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