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कोरोना का असर, पैरोल पर छूटे बंदी 8 हफ्ते और रहेंगे जेल से बाहर

गोरखपुर में कोरोना का प्रसार तेजी से हो रहा है. यहां की जेल भी इससे अछूते नहीं हैं. हालातों को देखते हुए पैरोल पर छूटे कैदियों की पैरोल 8 हफ़्ते और बढ़ा दी गई है. वहीं 228 विचाराधीन कैदियों को भी जमानत पर रिहा कर दिया गया है.

Gorakhpur corona update
228 विचाराधीन कैदियों को भी अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया गया है.
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Published : Jul 26, 2020, 9:16 PM IST

गोरखपुर: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते गोरखपुर के मंडलीय कारागार के अधीन अस्थाई जेल बनाई गई थी. इसका एक कैदी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. इस वजह से बहुत ही ज्यादा एहतियात बरती जा रही है. हालात को देखते हुए पैरोल पर छूटे 27 बंधुओं को अगले 8 हफ्ते तक के लिए उनकी पैरोल बढ़ा दी गई है. अब ये सभी कैदी 24 सितंबर तक वापस जेल नहीं भेजे जाएंगे. यह फैसला जेल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिया गया है. वहीं कोरोना संक्रमित मरीज का जेल के अंदर ही स्थित अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

7 या 7 साल से कम सजा पाए 25 कैदियों को मिल चुकी है पैरोल

मार्च महीने में जारी लॉकडाउन के बीच शासन के निर्देश पर जेल प्रशासन ने 7 साल या उससे कम के अपराधों में सजा काट रहे 27 सजायाफ्ता बंदियों को 8 हफ्ते की पैरोल पर रिहा किया था. इसमें 3 अप्रैल को 25 सजायाफ्ता बंदी रिहा हुए थे. इन बंदियों की इसके पहले भी 8 हफ्ते के लिए 24 मई को पैरोल बढ़ाई गई थी. एक बार फिर शासन ने कोर्ट के निर्देश पर इन बंदियों की पैरोल अवधि को और 8 हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है. पैरोल की अवधि उस दिन से मान्य होगी, जिस दिन से यह बंदी जेल से रिहा हुए थे.

228 विचाराधीन कैदी भी अंतरिम जमानत पर रिहा

इस निर्देश का लाभ वही कैदी उठा सकते हैं, जो 7 साल या उससे कम के अपराध के आरोप में विचाराधीन हैं. ऐसे कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है. जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. रामधनी ने बताया कि जिला कारागार से 228 विचाराधीन बंदी अंतरिम जमानत पर रिहा हुए हैं. इसके अलावा जेल में बंद किसी भी बंदी से मुलाकात पर 31 जुलाई तक रोक लगाई गई है. उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन शासन के हर उस निर्देश का पालन करने के लिए तैयार है, जिससे कोविड-19 के संक्रमण से भी बचा जा सके और बंदियों की भी सुरक्षा हो सके.

गोरखपुर: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते गोरखपुर के मंडलीय कारागार के अधीन अस्थाई जेल बनाई गई थी. इसका एक कैदी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. इस वजह से बहुत ही ज्यादा एहतियात बरती जा रही है. हालात को देखते हुए पैरोल पर छूटे 27 बंधुओं को अगले 8 हफ्ते तक के लिए उनकी पैरोल बढ़ा दी गई है. अब ये सभी कैदी 24 सितंबर तक वापस जेल नहीं भेजे जाएंगे. यह फैसला जेल में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिया गया है. वहीं कोरोना संक्रमित मरीज का जेल के अंदर ही स्थित अस्पताल में इलाज किया जा रहा है.

7 या 7 साल से कम सजा पाए 25 कैदियों को मिल चुकी है पैरोल

मार्च महीने में जारी लॉकडाउन के बीच शासन के निर्देश पर जेल प्रशासन ने 7 साल या उससे कम के अपराधों में सजा काट रहे 27 सजायाफ्ता बंदियों को 8 हफ्ते की पैरोल पर रिहा किया था. इसमें 3 अप्रैल को 25 सजायाफ्ता बंदी रिहा हुए थे. इन बंदियों की इसके पहले भी 8 हफ्ते के लिए 24 मई को पैरोल बढ़ाई गई थी. एक बार फिर शासन ने कोर्ट के निर्देश पर इन बंदियों की पैरोल अवधि को और 8 हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है. पैरोल की अवधि उस दिन से मान्य होगी, जिस दिन से यह बंदी जेल से रिहा हुए थे.

228 विचाराधीन कैदी भी अंतरिम जमानत पर रिहा

इस निर्देश का लाभ वही कैदी उठा सकते हैं, जो 7 साल या उससे कम के अपराध के आरोप में विचाराधीन हैं. ऐसे कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा रहा है. जेल के वरिष्ठ अधीक्षक डॉ. रामधनी ने बताया कि जिला कारागार से 228 विचाराधीन बंदी अंतरिम जमानत पर रिहा हुए हैं. इसके अलावा जेल में बंद किसी भी बंदी से मुलाकात पर 31 जुलाई तक रोक लगाई गई है. उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन शासन के हर उस निर्देश का पालन करने के लिए तैयार है, जिससे कोविड-19 के संक्रमण से भी बचा जा सके और बंदियों की भी सुरक्षा हो सके.

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