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गोरखपुर: पत्नी को ठेले पर लाद 8 किमी दूर अस्पताल पहुंचा 66 साल का बुजुर्ग - गोरखपुर ताजा खबर

यूपी के गोरखपुर में स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही की एक अजीबो-गरीब तस्वीर सामने आई है. पीपीगंज कस्बे के महावनखोर गांव का रहने वाला एक गरीब व्यक्ति पत्नी को इलाज कराने के लिए ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचा. वहीं सीएमओ को इसकी जानकारी हुई तो एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई.

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एंबुलेंस नहीं पहुंची तो पत्नी को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचा बुजुर्ग .
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Published : Feb 9, 2020, 2:27 AM IST

गोरखपुर: स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही की एक अजीबो-गरीब तस्वीर गोरखपुर में देखने को मिली है. एक गरीब व्यक्ति अपनी बीमार पत्नी को इलाज कराने के लिए ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचा. उसकी हालत पर जब राहगीरों की नजर पड़ी तो लोगों ने स्वास्थ्य महकमे तक इसकी जानकारी दी. फिर भी पीड़ित तक मदद पहुंचने में स्थानीय महकमा सक्रिय नहीं हुआ, लेकिन जैसे ही यह बात जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक पहुंची, तो आनन-फानन में सुस्त पड़ा स्थानीय स्वास्थ्य महकमा जाग गया और फिर पीड़िता को इलाज के लिए एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया.

एंबुलेंस नहीं पहुंची तो पत्नी को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचा बुजुर्ग .
  • पीपीगंज कस्बे के महावनखोर गांव के निवासी 66 वर्षीय रामकेवल अपनी बीमार पत्नी को ठेले पर लादकर इलाज के लिए निकले थे.
  • उनकी पत्नी करीब 10 साल से बीमार चल रही हैं.
  • आय का साधन ठेला है और इलाज में जो कुछ भी घर में था बिक चुका है.
  • कैलाशी की कमर में चोट लगी है, जिससे वह उठकर चलने में समर्थ नहीं है.
  • करीब 8 किमी ठेले पर लादकर रामकेवल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीपीगंज पहुंचा तो भी उसे सही इलाज नहीं मिला.

जब इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके तिवारी को हुई तो उन्होंने एंबुलेंस उपलब्ध कराया और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया. इस दौरान पीड़िता ने कहा कि उसका कोई नहीं जो इलाज करा सके. पैसे के अभाव में उसका इलाज नहीं हो पा रहा है.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर : कोरोना वायरस से बचाव के लिए S-95 या N-95 मास्क पहनें

इस संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात महिला चिकित्सक के पुत्र का निधन हो गया था, जिससे वह अक्सर तनाव में रहती है. इस कारण वह ड्यूटी पर रेगुलर नहीं जाती. अन्य स्टाफ क्यों गायब थे. इसकी जांच की जाएगी और कार्रवाई भी होगी. इसके साथ ही पीपीगंज स्वास्थ्य केंद्र पर जल्द ही दूसरे डॉक्टर की तैनाती की जाएगी. उधर पीड़िता की मदद के लिए गांव के पूर्व प्रधान जनक मिश्रा मदद करने को आगे आए हैं.

गोरखपुर: स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही की एक अजीबो-गरीब तस्वीर गोरखपुर में देखने को मिली है. एक गरीब व्यक्ति अपनी बीमार पत्नी को इलाज कराने के लिए ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचा. उसकी हालत पर जब राहगीरों की नजर पड़ी तो लोगों ने स्वास्थ्य महकमे तक इसकी जानकारी दी. फिर भी पीड़ित तक मदद पहुंचने में स्थानीय महकमा सक्रिय नहीं हुआ, लेकिन जैसे ही यह बात जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक पहुंची, तो आनन-फानन में सुस्त पड़ा स्थानीय स्वास्थ्य महकमा जाग गया और फिर पीड़िता को इलाज के लिए एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया.

एंबुलेंस नहीं पहुंची तो पत्नी को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचा बुजुर्ग .
  • पीपीगंज कस्बे के महावनखोर गांव के निवासी 66 वर्षीय रामकेवल अपनी बीमार पत्नी को ठेले पर लादकर इलाज के लिए निकले थे.
  • उनकी पत्नी करीब 10 साल से बीमार चल रही हैं.
  • आय का साधन ठेला है और इलाज में जो कुछ भी घर में था बिक चुका है.
  • कैलाशी की कमर में चोट लगी है, जिससे वह उठकर चलने में समर्थ नहीं है.
  • करीब 8 किमी ठेले पर लादकर रामकेवल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीपीगंज पहुंचा तो भी उसे सही इलाज नहीं मिला.

जब इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके तिवारी को हुई तो उन्होंने एंबुलेंस उपलब्ध कराया और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया. इस दौरान पीड़िता ने कहा कि उसका कोई नहीं जो इलाज करा सके. पैसे के अभाव में उसका इलाज नहीं हो पा रहा है.

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इस संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात महिला चिकित्सक के पुत्र का निधन हो गया था, जिससे वह अक्सर तनाव में रहती है. इस कारण वह ड्यूटी पर रेगुलर नहीं जाती. अन्य स्टाफ क्यों गायब थे. इसकी जांच की जाएगी और कार्रवाई भी होगी. इसके साथ ही पीपीगंज स्वास्थ्य केंद्र पर जल्द ही दूसरे डॉक्टर की तैनाती की जाएगी. उधर पीड़िता की मदद के लिए गांव के पूर्व प्रधान जनक मिश्रा मदद करने को आगे आए हैं.

Intro:गोरखपुर। स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही की एक अजीबो-गरीब तस्वीर गोरखपुर में देखने को मिली है। जब एक गरीब व्यक्ति अपनी बीमार पत्नी को इलाज कराने के लिए ठेले पर लादकर अस्पताल ले जाने को मजबूर होता है। उसकी हालत पर जब राहगीरों की नजर पड़ती है तो लोग स्वास्थ्य महकमे तक इसकी जानकारी देते हैं। फिर भी पीड़ित तक मदद पहुंचने में स्थानीय महकमाह सक्रिय नहीं होता है। लेकिन जैसे ही यह बात जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी तक पहुंचती है तो आनन-फानन में सुस्त पड़ा स्थानीय स्वास्थ्य महकमा जाग जाता है। और फिर पीड़िता को इलाज के लिए एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जाता है।Body:गोरखपुर के पीपीगंज कस्बे के महावनखोर गांव के निवासी 66 वर्षीय रामकेवल अपनी बीमार बुजुर्ग पत्नी कैलाशी देवी को ठेले पर लादकर इलाज कराने के लिए निकल पड़े थे। उनकी पत्नी करीब 10 साल से बीमार चल रही हैं। आय का साधन ठेला है और इलाज में जो कुछ भी घर में था बिक चुका है। कैलाशी की कमर में चोट लगी है।जिससे वह उठकर चलने में समर्थ नहीं है। करीब 8 किलोमीटर ठेले पर लादकर रामकेवल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पीपीगंज पहुंचा तो भी उसे सही इलाज नहीं मिला। जब इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके तिवारी को हुई तो उन्होंने एंबुलेंस उपलब्ध कराया और उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। इस दौरान पीड़िता ने कहा कि उसका कोई नहीं जो इलाज करा सके। पैसे के अभाव में उसका इलाज नहीं हो पा रहा।

बाइट--कैलाशी देवी, पीड़िताConclusion:इस संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात महिला चिकित्सक के पुत्र का निधन हो गया था।जिससे वह अक्सर तनाव में रहती है। इस कारण वह ड्यूटी पर रेगुलर नहीं जाती। अन्य स्टाफ क्यों गायब थे इसकी जांच की जाएगी और कार्रवाई भी होगी। इसके साथ ही पीपीगंज स्वास्थ्य केंद्र पर जल्द ही दूसरे डॉक्टर की तैनाती की जाएगी। उधर पीड़िता की मदद के लिए गांव के पूर्व प्रधान जनक मिश्रा मदद करने को आगे आए हैं।

मुकेश पाण्डेय
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