ETV Bharat / state

मेनोपॉज के बाद हो रहीं कई गंभीर समस्याएं, इलाज के लिए डॉक्टर्स मिलकर करेंगे काम

author img

By

Published : Nov 22, 2022, 11:53 AM IST

किसी भी महिला के जीवन में मासिक धर्म जितना जरूरी है, मेनोपॉज की स्थिति भी उतनी ही महत्वपूर्ण है. मेनोपॉज यानी रजोनिवृत्ति वह स्थिति है, जब महिला में मासिक चक्र की प्रक्रिया रुक जाती है. इसके बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. इससे उन्हे कई समस्याएं और कई बार गंभीर बीमारियां हो जाती हैं. (Menopause Causes Signs Symptoms)

मेनोपॉज
मेनोपॉज

गोरखपुर: महिलाओं को मातृत्व सुख देने में 'पीरियड' का जितना महत्व होता है. वहीं, इसका समाप्त होना महिलाओं को कई तरह की नई समस्याओं से जूझने के लिए मजबूर कर रहा है. महिलाओं में पीरियड के बंद होने की प्रक्रिया को डॉक्टर्स और मेडिकल साइंस में मेनोपॉज कहता है. एक तरफ इसकी वजह से महिलाएं एक समस्या से छुटकारा पाती हैं. तो वहीं दूसरी ओर कई अन्य समस्याओं का शिकार हो जाती हैं, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.

जानकारी देती महिला रोग विशेषज्ञ

इस समस्या पर आईएमएस (इंडियन मेनोपॉज सोसायटी) से जुड़े हुए देश भर के करीब 200 डॉक्टर, केस स्टडी और गंभीर मंथन करने के बाद, महिलाओं को होने वाली अन्य तरह की बीमारियों से उबारने को लेकर प्रयास में जुटे हैं. महिलाएं जागरूक हों, इसे लेकर संगठन काम कर रहा है. गोरखपुर में इसको लेकर संगठन एक बड़ी भूमिका तय करने जा रहा है. इसमें देश भर के डॉक्टर जुटेंगे.

इंडियन मेनोपॉज सोसायटी की प्रमुख सदस्य और शहर की जानी-मानी सर्जन, महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमृता सरकारी जयपुरिया ने, ईटीवी भारत को बताया कि भारत में महिलाएं मेनोपॉज यानी कि पीरियड के बंद होने की उम्र 45 से 50 वर्ष की है. जबकि दुनिया के अन्य देशों में 51 वर्ष के बाद की उम्र में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि पीरियड के बंद होने और मेनोपॉज की स्थिति से गुजरने में महिलाएं, कई तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजरती हैं. इससे उनके अंदर कई अन्य समस्याएं जन्म लेती हैं, ऐसा शोध में पाया गया है. जिसमें आमतौर पर डिप्रेशन, नींद नहीं आना दिल का रोग घबराहट बेचैनी शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द और घटिया जैसे रोग हो सकते हैं.

उन्होंने बताया कि इसका उपचार किसी एक विधायक के द्वारा संभव नहीं है. इसके लिए विभिन्न विशेषज्ञों की टीम जरूरी है. इसी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए देश स्तर पर इंडियन मेनोपॉज सोसायटी का गठन करके महिलाओं को उनकी समस्या से उबारने का प्रयास किया जा रहा है. डॉ, जयपुरियार के ऊपर महिलाओं को इस समस्या से उबरने के लिए संगठन के डॉक्टरों के सेमिनार और विषय वस्तु के आयोजन सचिव की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी तरह की समस्या महसूस करें, तो उन्हें तत्काल स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए.

डॉक्टर जयपुरियार ने बताया कि पूर्वांचल में भी यह समस्या महिलाओं में देखने को मिल रही है. साथ ही इस संगठन(IMS) से जुड़े हुए देशभर के करीब 200 डॉक्टर जो सिर्फ गायनी के नहीं बल्कि न्यूरो सर्जन, न्यूरोलॉ जिस्ट, हड्डी रोग, यूरोलॉजिस्ट और इंडोक्राइनोलॉजिस्ट के अलावा फिजीशियन हैं. जो गोरखपुर में एक सेमिनार के माध्यम से इकट्ठा होंगे. इस समस्या के निदान और इलाज पर शोध पत्रों के साथ ऑडियो विजुअल माध्यम से भी चर्चा करेंगे.

जिससे महिलाओं को होने वाली समस्याओं से बाहर निकाल जा सके. उन्होंने कहा कि यह इसलिए जरूरी हो गया है कि धीरे-धीरे ऐसी महिलाओं की संख्या समाज में बढ़ रही है. यह समस्या और बढ़े उसके पहले ही डॉक्टर मिलकर उसका उपाय ढूंढने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कम उम्र में कई तरह के कैंसर महिलाओं को पीड़ित कर रहा है. वैसे ही इस तरह की समस्याओं से भी महिलाओं को बचाना स्वस्थ समाज के लिए जरूरी है.

यह भी पढ़ें: गंभीर बीमारी है 'यूट्रस की गांठ', यूपी की 40 फीसद महिलाएं हैं इससे पीड़ित, ऐसे करें इलाज...

गोरखपुर: महिलाओं को मातृत्व सुख देने में 'पीरियड' का जितना महत्व होता है. वहीं, इसका समाप्त होना महिलाओं को कई तरह की नई समस्याओं से जूझने के लिए मजबूर कर रहा है. महिलाओं में पीरियड के बंद होने की प्रक्रिया को डॉक्टर्स और मेडिकल साइंस में मेनोपॉज कहता है. एक तरफ इसकी वजह से महिलाएं एक समस्या से छुटकारा पाती हैं. तो वहीं दूसरी ओर कई अन्य समस्याओं का शिकार हो जाती हैं, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.

जानकारी देती महिला रोग विशेषज्ञ

इस समस्या पर आईएमएस (इंडियन मेनोपॉज सोसायटी) से जुड़े हुए देश भर के करीब 200 डॉक्टर, केस स्टडी और गंभीर मंथन करने के बाद, महिलाओं को होने वाली अन्य तरह की बीमारियों से उबारने को लेकर प्रयास में जुटे हैं. महिलाएं जागरूक हों, इसे लेकर संगठन काम कर रहा है. गोरखपुर में इसको लेकर संगठन एक बड़ी भूमिका तय करने जा रहा है. इसमें देश भर के डॉक्टर जुटेंगे.

इंडियन मेनोपॉज सोसायटी की प्रमुख सदस्य और शहर की जानी-मानी सर्जन, महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमृता सरकारी जयपुरिया ने, ईटीवी भारत को बताया कि भारत में महिलाएं मेनोपॉज यानी कि पीरियड के बंद होने की उम्र 45 से 50 वर्ष की है. जबकि दुनिया के अन्य देशों में 51 वर्ष के बाद की उम्र में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि पीरियड के बंद होने और मेनोपॉज की स्थिति से गुजरने में महिलाएं, कई तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजरती हैं. इससे उनके अंदर कई अन्य समस्याएं जन्म लेती हैं, ऐसा शोध में पाया गया है. जिसमें आमतौर पर डिप्रेशन, नींद नहीं आना दिल का रोग घबराहट बेचैनी शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द और घटिया जैसे रोग हो सकते हैं.

उन्होंने बताया कि इसका उपचार किसी एक विधायक के द्वारा संभव नहीं है. इसके लिए विभिन्न विशेषज्ञों की टीम जरूरी है. इसी संबंधों को बेहतर बनाने के लिए देश स्तर पर इंडियन मेनोपॉज सोसायटी का गठन करके महिलाओं को उनकी समस्या से उबारने का प्रयास किया जा रहा है. डॉ, जयपुरियार के ऊपर महिलाओं को इस समस्या से उबरने के लिए संगठन के डॉक्टरों के सेमिनार और विषय वस्तु के आयोजन सचिव की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी तरह की समस्या महसूस करें, तो उन्हें तत्काल स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए.

डॉक्टर जयपुरियार ने बताया कि पूर्वांचल में भी यह समस्या महिलाओं में देखने को मिल रही है. साथ ही इस संगठन(IMS) से जुड़े हुए देशभर के करीब 200 डॉक्टर जो सिर्फ गायनी के नहीं बल्कि न्यूरो सर्जन, न्यूरोलॉ जिस्ट, हड्डी रोग, यूरोलॉजिस्ट और इंडोक्राइनोलॉजिस्ट के अलावा फिजीशियन हैं. जो गोरखपुर में एक सेमिनार के माध्यम से इकट्ठा होंगे. इस समस्या के निदान और इलाज पर शोध पत्रों के साथ ऑडियो विजुअल माध्यम से भी चर्चा करेंगे.

जिससे महिलाओं को होने वाली समस्याओं से बाहर निकाल जा सके. उन्होंने कहा कि यह इसलिए जरूरी हो गया है कि धीरे-धीरे ऐसी महिलाओं की संख्या समाज में बढ़ रही है. यह समस्या और बढ़े उसके पहले ही डॉक्टर मिलकर उसका उपाय ढूंढने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कम उम्र में कई तरह के कैंसर महिलाओं को पीड़ित कर रहा है. वैसे ही इस तरह की समस्याओं से भी महिलाओं को बचाना स्वस्थ समाज के लिए जरूरी है.

यह भी पढ़ें: गंभीर बीमारी है 'यूट्रस की गांठ', यूपी की 40 फीसद महिलाएं हैं इससे पीड़ित, ऐसे करें इलाज...

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.