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पूर्वांचल के लोग जल्द उठाएंगे शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर का लुत्फ - गोरखपुर चिड़ियाघर का लोकार्पण

यूपी के गोरखपुर में निर्माणाधीन शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर का नवंबर तक लोकार्पण होने की उम्मीद है. इसके बनने से देश के स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ने वाले शहीद अशफाक उल्ला खान के बलिदान को लोग याद करेंगे.

शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर का जल्द होगा  उद्घाटन.
शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर का जल्द होगा उद्घाटन.
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Published : Sep 21, 2020, 4:16 PM IST

गोरखपुर: जिले के निर्माणाधीन चिड़ियाघर का लाभ बहुत जल्द पूर्वांचल के लोगों को मिलने वाला है. इस चिड़ियाघर में तरह-तरह के जानवर और पक्षी देखने को मिलेंगे. जानवरों के रहने के लिए उनके प्रकृति के हिसाब से उनके बाड़े और घर बनाए जा रहे हैं. इस चिड़ियाघर के बनने से देश के स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ने वाले शहीद अशफाक उल्ला खान के बलिदान को लोग याद करेंगे.

करीब 285 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे गोरखपुर चिड़ियाघर का लोकार्पण नवंबर माह तक हो जाने की उम्मीद है. सीएम ने अक्टूबर तक काम पूरा कर लेने की डेडलाइन दी है. ऐसे में यहां के निर्माण कार्य को लेकर कार्यदायी संस्था पूरी तेजी दिखा रही है. हर जानवर की प्रकृति के हिसाब से उनके आशियाने को डेवलेप किया जा रहा है. चिड़ियाघर में जानवरों के लिए प्रस्तावित सभी 33 बाड़े तैयार हो चुके हैं. हर जानवर को उसके नेचर के मुताबिक उसके बाड़े में माहौल देने की कोशिश की गई है. शेर जंगल का राजा होता है. इसलिए उसके रहने का इंतजाम उसी तरह किया जा रहा है. आराम करने के लिए माद बनाई जा रही है, तो अन्य जानवरों के लिए बाड़े बनाए जा रहे हैं. बाड़े में ऊंचे पत्थर भी रखे जा रहे हैं.

कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी सिंह की मानें तो जो प्रयास हो रहा है, उसके मुताबिक जानवरों को जंगल जैसा माहौल और उनके मुताबिक रहने का आशियाना तैयार किया जा रहा है.

प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी सिंह ने बताया कि टाइगर को तालाब में जाना बहुत पसंद होता है. इसलिए उसके बाड़े में वाटरफॉल के साथ तालाब बनाया जा रहा है. नहाने के बाद धूप लेने के लिए पत्थर का टापू भी बनाया जा रहा है. तेंदुआ मचान और पेड़ पर चढ़ना पसंद करता है, इसलिए उसके बाड़े में ऐसी व्यवस्था की जा रही है. भालू भी खेलने का पूरा मजा ले सके, इसके लिए उसके बाड़े में एक विशेष तरह की सीढ़ी बनाई जा रही है. चिड़ियों के लिए भी एक अद्भुत पिंजरा बनाया जा रहा है.

शहीद अशफाक उल्ला खान के नाम पर स्थापित हो रहे इस चिड़ियाघर से देश के स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारी की पहचान कायम होगी. लोग उनके इतिहास को भी जान सकेंगे.

गोरखपुर: जिले के निर्माणाधीन चिड़ियाघर का लाभ बहुत जल्द पूर्वांचल के लोगों को मिलने वाला है. इस चिड़ियाघर में तरह-तरह के जानवर और पक्षी देखने को मिलेंगे. जानवरों के रहने के लिए उनके प्रकृति के हिसाब से उनके बाड़े और घर बनाए जा रहे हैं. इस चिड़ियाघर के बनने से देश के स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ने वाले शहीद अशफाक उल्ला खान के बलिदान को लोग याद करेंगे.

करीब 285 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे गोरखपुर चिड़ियाघर का लोकार्पण नवंबर माह तक हो जाने की उम्मीद है. सीएम ने अक्टूबर तक काम पूरा कर लेने की डेडलाइन दी है. ऐसे में यहां के निर्माण कार्य को लेकर कार्यदायी संस्था पूरी तेजी दिखा रही है. हर जानवर की प्रकृति के हिसाब से उनके आशियाने को डेवलेप किया जा रहा है. चिड़ियाघर में जानवरों के लिए प्रस्तावित सभी 33 बाड़े तैयार हो चुके हैं. हर जानवर को उसके नेचर के मुताबिक उसके बाड़े में माहौल देने की कोशिश की गई है. शेर जंगल का राजा होता है. इसलिए उसके रहने का इंतजाम उसी तरह किया जा रहा है. आराम करने के लिए माद बनाई जा रही है, तो अन्य जानवरों के लिए बाड़े बनाए जा रहे हैं. बाड़े में ऊंचे पत्थर भी रखे जा रहे हैं.

कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी सिंह की मानें तो जो प्रयास हो रहा है, उसके मुताबिक जानवरों को जंगल जैसा माहौल और उनके मुताबिक रहने का आशियाना तैयार किया जा रहा है.

प्रोजेक्ट मैनेजर डीबी सिंह ने बताया कि टाइगर को तालाब में जाना बहुत पसंद होता है. इसलिए उसके बाड़े में वाटरफॉल के साथ तालाब बनाया जा रहा है. नहाने के बाद धूप लेने के लिए पत्थर का टापू भी बनाया जा रहा है. तेंदुआ मचान और पेड़ पर चढ़ना पसंद करता है, इसलिए उसके बाड़े में ऐसी व्यवस्था की जा रही है. भालू भी खेलने का पूरा मजा ले सके, इसके लिए उसके बाड़े में एक विशेष तरह की सीढ़ी बनाई जा रही है. चिड़ियों के लिए भी एक अद्भुत पिंजरा बनाया जा रहा है.

शहीद अशफाक उल्ला खान के नाम पर स्थापित हो रहे इस चिड़ियाघर से देश के स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ने वाले क्रांतिकारी की पहचान कायम होगी. लोग उनके इतिहास को भी जान सकेंगे.

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