गोरखपुर: विजयदशमी के जुलूस के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में होने वाली नवग्रह की पूजा को पूरे विधि विधान के साथ संपन्न किया.
गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर के सभी देवी देवताओं आवाहन करते हुए पूरे विधि विधान के साथ ढोल, मजीरा, बैंड, शंखनाद के साथ ही पूरे पारंपरिक रूप से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संपन्न किया गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में महंत योगी आदित्यनाथ ने मंदिर परिसर के सभी देवी देवताओं का आह्वान करते हुए पूरे विधि विधान के साथ ढोल, मजीरा, बैंड, शंखनाद के साथ ही पूरे पारंपरिक रूप से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूरी की. नाथ संप्रदाय में ऐसी मान्यता है कि गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में विराजमान पीठाधीश्वर ही विजयदशमी के पर्व पर इस पूरी परंपरा का निर्वहन करते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के मुखिया के रूप में नहीं, बल्कि गुरु गोरक्षनाथ नाथ संप्रदाय के पीठाधीश्वर के रूप में पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए. उन्होंने नवग्रह की पूजा को पूरे विधि विधान के साथ संपन्न कराया.
गोरखनाथ मंदिर परिसर से ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट इस दौरान नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए बड़ी संख्या में अनुवाद साधु संत संस्कृत वाक्य का और जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी मौके पर मौजूद रहे सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस पूरे विधि-विधान को सकुशल संपन्न कराया गया.विजयदशमी के जुलूस के पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में होने वाले नवग्रह की पूजा को पूरे विधि विधान के साथ संपन्न किया