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ससुराल जनकपुरी के जल से होगा अयोध्या में भगवान राम का जलाभिषेक, कलश लेकर रथ पहुंचा

नेपाल के जनकपुरी से कई नदियों के पवित्र जल से अयोध्या में श्रीराम का जलाभिषेक (Jalabhishek of Shri Ram in Ayodhya) किया जाएगा. नेपाल से कलश में जल लेकर रथ यात्रा निकली है, जिसका गोरखपुर में भव्य स्वागत किया गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 29, 2023, 6:49 PM IST

नेपाल की नदियों के जल से होगा श्रीराम का जलाभिषेक.

गोरखपुरः अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भगवान राम की प्रतिमा का जलाभिषेक उनकी ससुराल जनकपुर नेपाल से लाये जल से होगा. भव्य शोभा यात्रा के साथ यह कलश यात्रा शुक्रवार को गोरखपुर गोरखनाथ मंदिर पहुंची, जहां भव्य स्वागत किया गया. जहां श्रद्धालुओं ने भी कलश में भरे पवित्र जल की आरती की. इस यात्रा में विहिप से जुड़े लोगों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हुए. सदियों से चली आ रही रोटी-बेटी की इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए नेपाल की पवित्र नदियों का जल इस कलश के साथ अयोध्या भेजा जा रहा है.

गोरखपर में रथ यात्रा का हुआ भव्य स्वागत.
गोरखपर में रथ यात्रा का हुआ भव्य स्वागत.

भगवान श्रीराम के ससुराल जनकपुर यानी नेपाल के लोग अपने दामाद के महल में प्रवेश को लेकर आतुर दिखे. राम और जानकी (सीता) के स्वागत को लेकर विभिन्न कार्यक्रम में वह अपना सहयोग करना चाह रहे हैं. जलाभिषेक के लिए नेपाल की जिन नदियों का जल एकत्रित किया गया है, उनमें बागमती, नारायणी, गंगा सागर, दूधमति, काली, गंडकी, कोशी, कमला शामिल हैं. नदियों का जल भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन विधि में उपयोग किया जाएगा. नदियों के पवित्र जल को गहवा माई रथ यात्रा सरि के साथ नेपाल हिंदू परिषद की ओर से जनकपुर से अयोध्या ले जाया जा रहा है. यह रथ 29 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगा. विश्व हिंदू परिषद के मंडल प्रभारी दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि नेपाल की अलग-अलग नदियों के पवित्र जल को कलश में भरकर रथ से नेपाल हिन्दू परिषद लेकर अयोध्या ले जा रहे हैं. भारत और नेपाल का रिश्ता भाई-भाई का रहा है. ये माता सीता और भगवान श्रीराम के विवाह के बाद से और पवित्र हो गया है. यही वजह है कि लोगों में इसके स्वागत को लेकर खासा उत्साह है. 22 जनवरी का पल इतिहास में दर्ज होने जा रहा है.


विश्व हिंदू परिषद नेपाल के महामंत्री जितेंद्र ने बताया कि हिन्दू राष्ट्र नेपाल की नदियों के पवित्र जल को जनक जननी माता सीता के जनकपुर में संग्रह करके तीन दिन पहले हिन्दू समाज की सहभागिता में वहां से प्रस्थान किया. जहां से रास्ते में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इसका स्वागत किया. आज गोरखनाथ की पुण्य भूमि और मंदिर में पहुंचे हैं. यह कलश यहां से अयोध्या धाम में ट्रस्ट को हस्तांतरित करेंगे. यहां पर वे लोग 60 की संख्या में पहुंचे हैं. आज वे अयोध्या धाम पहुंचेंगे.

इसे भी पढ़ें-राम मंदिर में प्रतिष्ठित होने वाली प्रतिमा पर जल्द लग सकती है मुहर, महंत नृत्य गोपाल दास लेंगे अंतिम निर्णय

नेपाल की नदियों के जल से होगा श्रीराम का जलाभिषेक.

गोरखपुरः अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भगवान राम की प्रतिमा का जलाभिषेक उनकी ससुराल जनकपुर नेपाल से लाये जल से होगा. भव्य शोभा यात्रा के साथ यह कलश यात्रा शुक्रवार को गोरखपुर गोरखनाथ मंदिर पहुंची, जहां भव्य स्वागत किया गया. जहां श्रद्धालुओं ने भी कलश में भरे पवित्र जल की आरती की. इस यात्रा में विहिप से जुड़े लोगों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हुए. सदियों से चली आ रही रोटी-बेटी की इसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए नेपाल की पवित्र नदियों का जल इस कलश के साथ अयोध्या भेजा जा रहा है.

गोरखपर में रथ यात्रा का हुआ भव्य स्वागत.
गोरखपर में रथ यात्रा का हुआ भव्य स्वागत.

भगवान श्रीराम के ससुराल जनकपुर यानी नेपाल के लोग अपने दामाद के महल में प्रवेश को लेकर आतुर दिखे. राम और जानकी (सीता) के स्वागत को लेकर विभिन्न कार्यक्रम में वह अपना सहयोग करना चाह रहे हैं. जलाभिषेक के लिए नेपाल की जिन नदियों का जल एकत्रित किया गया है, उनमें बागमती, नारायणी, गंगा सागर, दूधमति, काली, गंडकी, कोशी, कमला शामिल हैं. नदियों का जल भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन विधि में उपयोग किया जाएगा. नदियों के पवित्र जल को गहवा माई रथ यात्रा सरि के साथ नेपाल हिंदू परिषद की ओर से जनकपुर से अयोध्या ले जाया जा रहा है. यह रथ 29 दिसंबर को अयोध्या पहुंचेगा. विश्व हिंदू परिषद के मंडल प्रभारी दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि नेपाल की अलग-अलग नदियों के पवित्र जल को कलश में भरकर रथ से नेपाल हिन्दू परिषद लेकर अयोध्या ले जा रहे हैं. भारत और नेपाल का रिश्ता भाई-भाई का रहा है. ये माता सीता और भगवान श्रीराम के विवाह के बाद से और पवित्र हो गया है. यही वजह है कि लोगों में इसके स्वागत को लेकर खासा उत्साह है. 22 जनवरी का पल इतिहास में दर्ज होने जा रहा है.


विश्व हिंदू परिषद नेपाल के महामंत्री जितेंद्र ने बताया कि हिन्दू राष्ट्र नेपाल की नदियों के पवित्र जल को जनक जननी माता सीता के जनकपुर में संग्रह करके तीन दिन पहले हिन्दू समाज की सहभागिता में वहां से प्रस्थान किया. जहां से रास्ते में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने इसका स्वागत किया. आज गोरखनाथ की पुण्य भूमि और मंदिर में पहुंचे हैं. यह कलश यहां से अयोध्या धाम में ट्रस्ट को हस्तांतरित करेंगे. यहां पर वे लोग 60 की संख्या में पहुंचे हैं. आज वे अयोध्या धाम पहुंचेंगे.

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