गोरखपुरः मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गोरखपुर जिले का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने ओडीओपी (ODOP) के अन्तर्गत टेराकोटा उत्पाद एवं टेराकोटा क्लस्टर विकसित के संबंध दस्तकारों से रुबरु-हु-दस्तकारों की कारीगरी का निरीक्षण किया. चौपाल लगा कर उनकी समस्याएं सुनी. दस्तकारों ने मिट्टी और पैकेजिंग, चाक भठ्ठी आदि की समस्याओं को बताया तो उन्होंने दस्तकारों को निदान कराने का आश्वासन दिया.
जनपद के लगड़ी गुलरिहा स्थित राजन प्रजापति के टेराकोटा वर्कशॉप का उद्योग तथा एनआईए विभाग के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दौरा किया. मंत्री ने वर्कशॉप पर कार्यरत दस्तकारों की कारीगरी को उन्होंने बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने उनसे जुड़ी समस्या को जाना. राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत दस्तकार राजन प्रजापति ने बताया कि टेराकोटा के दस्तकारों को मिट्टी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. शासन ने गांव के सभी तालाबों को मत्स्य पालन के लिए आवंटित कर दिया जा रहा है.
गांव भरवलिया के गुलाब चन्द्र दस्तकार ने बताया कि टेराकोटा ओडीओपी में शामिल होने के बावजूद उनके गांव में वर्कशॉप नहीं बन पाया. जिसके कारण दस्तकारों को कलाकृतियां इधर-उधर रखना पड़ता है. मंत्री ने कहा कि कामन फैसेलिटी सेन्टर का प्रपोजल स्वीकृत है. उसमें सोलर लाइट आदि सभी सुविधाओं उपलब्ध होगी. वहीं कुछ दस्तकारों ने पैकेजिंग पराली में करने की समस्या बताई और कुछ दस्तकार बेहद गरीब है. जिनके पास अपना आवास नहीं है.
मंत्री ने कहा कि पैकेजिंग की व्यस्था कराई जा रही है. जिसके लिए स्पोर्ट्स नीति के तहत प्रयास जारी है. बेलवा रायपुर के एक दस्तकार ने कहा कि उसके गांव के करीगरों को चाक और पगमील नहीं मिला है. प्रदर्शनी में प्रचार-प्रसार का सुनिश्चित व्यस्था करने की मांग किया. 23 जनवरी को लखनऊ के शिल्प अवध में अलग से व्सवस्था की जा रही है, जिसमें टेराकोटा के आकृतियों को रखा जाएगा.