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गोरखपुर : कोरोना मरीजों को मिलेगी मदद, बेड के लिए इन नंबर्स पर करें फोन

एक तरफ कोरोना के खिलाफ जंग जारी है तो वहीं दूसरी तरफ गोरखपुर में स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ रही हैं. जिले में बेड और वेंटिलेटर की कमी लगातार बनी हुई है. कई लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. लोगों की इस समस्या के हल के लिए प्रशासन ने कोविड-19 कमांड सेंटर की सुविधा शुरू की है. लोग फोन करके अस्पताल और बेड की जानकारी ले सकते हैं.

कोविड-19 कमांड सेंटर की लें सहायता
कोविड-19 कमांड सेंटर की लें सहायता
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Published : Apr 19, 2021, 2:26 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 2:49 PM IST

गोरखपुर: कोरोना से लड़ाई में प्रशासन से लेकर आम आदमी की जंग जारी है. लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था इस महामारी से निपटने के लिए जिस तरह के दावे कर रही है, तैयारी उसके उलट ही दिखाई दे रही है. गोरखपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना के संक्रमित मरीजों को भर्ती करने के लिए इंतजाम के दावे खूब किए जा रहे हैं, लेकिन हालत यह है कि अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर हैं ही नहीं. जिले में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 200 बेड का कोविड-19 अस्पताल है. इनमें 150 वेंटिलेटर लगे हैं. यहां के अधिकांश बेड मरीजों से भरे हुए हैं, जिसकी वजह से प्रतिदिन चार से पांच मरीज यहां बिना भर्ती हुए लौट जाते हैं. इन मरीजों को कोविड-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. रविवार रात तक जिले में कुल 817 लोग पॉजिटिव पाए गए, जो एक दिन का अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है. रविवार को BRD में 19 लोगों की मौत हो गई, जिसमें गोरखपुर के अलावा अन्य जिलों के लोग भी शामिल हैं.

बेड के लिए भटक रहे मरीज
यह भी पढ़ें: पंचायत चुनाव में खलल डालने वालों पर पुलिस कस रही शिकंजा

कोविड-19 कमांड सेंटर का करें प्रयोग

जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुधाकर पांडेय ने कहा कि जिन भी मरीजों को अस्पताल में बेड चाहिए, चाहे वह गंभीर हों या कोरोना पॉजिटिव, उन्हें भर्ती होने से पहले कोविड-19 कमांड सेंटर को अपने बारे में सूचना देनी चाहिए. यह कमांड सेंटर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में बनाया गया है, जो 24 घंटे काम करता है. यहां से मरीज को इस बात की जानकारी दी जाएगी कि वह किस अस्पताल में भर्ती हो पाएगा और कितनी देर में उसे लेने के लिए एंबुलेंस उसके घर पर पहुंच जाएगी. बिना सूचना के अस्पतालों तक पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी उठानी पड़ सकती है. जब अस्पताल में बेड नहीं होंगे तो उन्हें भर्ती होने के लिए इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में कोविड-19 कमांड सेंटर का लोग उपयोग करें.

डॉक्टर भी हो रहे संक्रमित

जिले में रविवार रात तक संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 28 हजार 780 तक पहुंच गई, जिसमें से 22 हजार 602 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. जबकि मौत का आंकड़ा चार सौ के पार हो गया है. संक्रमितों में बीआरडी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के छह कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं, जिससे RT-PCR की जांच भी प्रभावित हो रही है. इससे पहले पीएचसी के डॉक्टर, बीडीओ और फार्मासिस्ट भी संक्रमित हो चुके हैं.


इन नंबरों पर करें कॉल

शहर के जिन निजी अस्पतालों को कोविड के मरीजों को भर्ती करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है, उनके नाम उदय, टीबी अस्पताल, आरके इमरजेंसी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, फातिमा, दुर्गावती, प्राइड, पैनेशिया, आर्यन, गुरू गोरखनाथ, शाही ग्लोबल हॉस्पिटल, पल्स हॉस्पिटल, रचित, आनंदलोक, राणा, पूर्वांचल मेट्रो सिटी हॉस्पिटल हैं. कोविड कमांड सेंटर का नंबर 9532797104, 9532041882, 0551-2202205 और 0551-2204196 है.



'लोग सरकार की करें मदद'

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के तहत जिला प्रशासन कोविड-19 के मरीजों को हर संभव सुविधा देने में जुटा है. यही वजह है कि 200 बेड के मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को 500 बेड वाला अस्पताल बनाने की प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है. 37 निजी अस्पतालों को कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने की अनुमति दी गई है, जिससे अब जिले में करीब 15 सौ बेड की व्यवस्था हो चुकी है. उन्होंने कहा कि गोरखपुर और बस्ती मंडल के मरीजों के इलाज के साथ ही पड़ोसी जिलों के मरीजों के इलाज का भी दबाव है. इसको देखते हुए तैयारी को अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 350 बेड ICU और इंसेंटिव केयर के बेड हैं. बाकी सामान्य बेड हैं. उन्होंने कहा कि रेमडिसिवर इंजेक्शन के साथ बाकी दवाएं भी उपलब्ध हैं, लेकिन इस बीमारी को किसी को हल्के में नहीं लेना है और न ही लापरवाही बरतनी है. उन्होंने संक्रमित मरीजों से कहा कि दवा खाने से परहेज न करें. साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें. किसी के भी जान से कोई खिलवाड़ न करे. लोग खुद को बचाएं और इस महामारी को रोकने में प्रशासन और सरकार की मदद करें.

गोरखपुर: कोरोना से लड़ाई में प्रशासन से लेकर आम आदमी की जंग जारी है. लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था इस महामारी से निपटने के लिए जिस तरह के दावे कर रही है, तैयारी उसके उलट ही दिखाई दे रही है. गोरखपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों में कोरोना के संक्रमित मरीजों को भर्ती करने के लिए इंतजाम के दावे खूब किए जा रहे हैं, लेकिन हालत यह है कि अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर हैं ही नहीं. जिले में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 200 बेड का कोविड-19 अस्पताल है. इनमें 150 वेंटिलेटर लगे हैं. यहां के अधिकांश बेड मरीजों से भरे हुए हैं, जिसकी वजह से प्रतिदिन चार से पांच मरीज यहां बिना भर्ती हुए लौट जाते हैं. इन मरीजों को कोविड-19 के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. रविवार रात तक जिले में कुल 817 लोग पॉजिटिव पाए गए, जो एक दिन का अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है. रविवार को BRD में 19 लोगों की मौत हो गई, जिसमें गोरखपुर के अलावा अन्य जिलों के लोग भी शामिल हैं.

बेड के लिए भटक रहे मरीज
यह भी पढ़ें: पंचायत चुनाव में खलल डालने वालों पर पुलिस कस रही शिकंजा

कोविड-19 कमांड सेंटर का करें प्रयोग

जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुधाकर पांडेय ने कहा कि जिन भी मरीजों को अस्पताल में बेड चाहिए, चाहे वह गंभीर हों या कोरोना पॉजिटिव, उन्हें भर्ती होने से पहले कोविड-19 कमांड सेंटर को अपने बारे में सूचना देनी चाहिए. यह कमांड सेंटर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में बनाया गया है, जो 24 घंटे काम करता है. यहां से मरीज को इस बात की जानकारी दी जाएगी कि वह किस अस्पताल में भर्ती हो पाएगा और कितनी देर में उसे लेने के लिए एंबुलेंस उसके घर पर पहुंच जाएगी. बिना सूचना के अस्पतालों तक पहुंचने वाले मरीजों को परेशानी उठानी पड़ सकती है. जब अस्पताल में बेड नहीं होंगे तो उन्हें भर्ती होने के लिए इंतजार करना पड़ेगा. ऐसे में कोविड-19 कमांड सेंटर का लोग उपयोग करें.

डॉक्टर भी हो रहे संक्रमित

जिले में रविवार रात तक संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 28 हजार 780 तक पहुंच गई, जिसमें से 22 हजार 602 लोग स्वस्थ हो चुके हैं. जबकि मौत का आंकड़ा चार सौ के पार हो गया है. संक्रमितों में बीआरडी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के छह कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं, जिससे RT-PCR की जांच भी प्रभावित हो रही है. इससे पहले पीएचसी के डॉक्टर, बीडीओ और फार्मासिस्ट भी संक्रमित हो चुके हैं.


इन नंबरों पर करें कॉल

शहर के जिन निजी अस्पतालों को कोविड के मरीजों को भर्ती करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है, उनके नाम उदय, टीबी अस्पताल, आरके इमरजेंसी, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, फातिमा, दुर्गावती, प्राइड, पैनेशिया, आर्यन, गुरू गोरखनाथ, शाही ग्लोबल हॉस्पिटल, पल्स हॉस्पिटल, रचित, आनंदलोक, राणा, पूर्वांचल मेट्रो सिटी हॉस्पिटल हैं. कोविड कमांड सेंटर का नंबर 9532797104, 9532041882, 0551-2202205 और 0551-2204196 है.



'लोग सरकार की करें मदद'

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के तहत जिला प्रशासन कोविड-19 के मरीजों को हर संभव सुविधा देने में जुटा है. यही वजह है कि 200 बेड के मेडिकल कॉलेज के अस्पताल को 500 बेड वाला अस्पताल बनाने की प्रक्रिया तेजी के साथ चल रही है. 37 निजी अस्पतालों को कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने की अनुमति दी गई है, जिससे अब जिले में करीब 15 सौ बेड की व्यवस्था हो चुकी है. उन्होंने कहा कि गोरखपुर और बस्ती मंडल के मरीजों के इलाज के साथ ही पड़ोसी जिलों के मरीजों के इलाज का भी दबाव है. इसको देखते हुए तैयारी को अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 350 बेड ICU और इंसेंटिव केयर के बेड हैं. बाकी सामान्य बेड हैं. उन्होंने कहा कि रेमडिसिवर इंजेक्शन के साथ बाकी दवाएं भी उपलब्ध हैं, लेकिन इस बीमारी को किसी को हल्के में नहीं लेना है और न ही लापरवाही बरतनी है. उन्होंने संक्रमित मरीजों से कहा कि दवा खाने से परहेज न करें. साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें. किसी के भी जान से कोई खिलवाड़ न करे. लोग खुद को बचाएं और इस महामारी को रोकने में प्रशासन और सरकार की मदद करें.

Last Updated : Apr 19, 2021, 2:49 PM IST
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