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गोरखपुर: सीएम योगी की ने अधिकारियों पर नजर की टेढ़ी, जानें क्या रहा कारण

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Published : Oct 31, 2020, 2:46 AM IST

यूपी के गोरखपुर में विकास कार्यों में सुस्ती पर सीएम योगी ने नाराजगी जाहिर की है. सीएम ने कहा कि कार्य तो पूरा हो नहीं रहा, लेकिन कार्य का बजट बढ़ता जा रहा है. इसके बाद विकास अधिकारी कार्यों को गति देने में जुट गए हैं.

रोड बनाती रोड रोलर.
रोड बनाती रोड रोलर.

गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी देख गोरखपुर के अधिकारी हरकत में आ गए हैं. जिले में चल रहीं विकास परियोजनाओं के समय से पूर्ण न होने से मुख्यमंत्री नाराज हैं. उन्होंने अपने दो दौरों के दौरान अधिकारियों के साथ बैठक करके परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ समय पर पूर्ण करने का निर्देश दिया. यहां तक कि उन्होंने डेडलाइन भी निर्धारित कर दी है. कुछ परियोजनाओं को सीएम ने दिसंबर 2020 तक पूर्ण कर लेने का निर्देश दिया है. बाकी परियोजनाएं भी जून 2021 तक पूर्ण करने का सीएम ने साफ निर्देश दिया है. इसके बाद जिलाधिकारी हों या लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सभी अपने मातहतों के पेंच कसने में जुटे हैं.

सीएम ने निर्धारित की काम की डेडलाइन.

रिवाइज बजट से अधिकारी करें परहेजः योगी
गोरखपुर के अंदर करीब 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इसमें गोरखपुर से देवरिया के लिए फोरलेन का निर्माण हो रहा है. निर्माण का पहले बजट 151.84 करोड़ था, लेकिन निर्माण कार्य में देरी की वजह से अब यह 267.67 करोड़ तक पहुंच गया है. सीएम योगी ने इसे दिसम्बर 2020 तक पूरा करने का निर्देश दिया है.

काम नहीं सिर्फ बजट बढ़ रहाः योगी
गोरखपुर-महाराजगंज फोरलेन के निर्माण पर पहले 183 करोड़ रुपये खर्च होने थे, लेकिन एस्टीमेट में कुछ परिवर्तन होने की वजह से इसका बजट 434.91 करोड़ हो गया. बावजूद इसके कार्य पूर्ण नहीं हुआ. मोहद्दीपुर से कौड़िया जंगल तक 17.50 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण हो रहा है. इसके दोनों तरफ नाला भी बनाया जा रहा है. इसके निर्माण पर 288 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. यह सड़क भारत-नेपाल जाने वालों के लिए सुविधाजनक होगी. साथ ही गोरखनाथ मंदिर के लिए यह प्रमुख मार्ग होगा. इसकी धीमी प्रगति मुख्यमंत्री को खटक रही है. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि दिसंबर से पहले यह सभी कार्य पूर्ण हो जाने चाहिए। रिवाइज बजट की जरूरत न पड़े, नहीं तो कार्यदाई संस्था और अधिकारी दोनों पर कार्रवाई होगी।

चार साल में नहीं बन पाया गोरखपुर-वाराणसी फोर लेन
गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन के निर्माण को लेकर योगी खासे नाराज हैं. साल 2016 के इस प्रोजेक्ट को अधिकतम ढाई साल में पूरा हो जाना था. लेकिन 2020 तक इसके पूरे नहीं होने पर उन्होंने एनएचआई और जिला प्रशासन के अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही इस सड़क को हर हाल में मार्च 2021 तक पूर्ण करने का निर्देश दिया है. इस सड़क की कुल लंबाई 65 किलोमीटर है और इस पर 1030 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके तहत 4 बड़े पुल और 12 छोटे पुल बनाए जाएंगे. साथ ही साढे़ 22 किलोमीटर की सर्विस रोड भी बनाई जाएगी. देखा जाए तो वर्तमान में 45% कार्य पूर्ण हो पाया है. इसके अलावा योगी ने निर्माणाधीन चिड़ियाघर, वाटर स्पोर्ट, विद्युतीकरण समेत दर्जनों परियोजनाओं पर पूरी गंभीरता से काम करने का निर्देश दिया है.

गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नाराजगी देख गोरखपुर के अधिकारी हरकत में आ गए हैं. जिले में चल रहीं विकास परियोजनाओं के समय से पूर्ण न होने से मुख्यमंत्री नाराज हैं. उन्होंने अपने दो दौरों के दौरान अधिकारियों के साथ बैठक करके परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ समय पर पूर्ण करने का निर्देश दिया. यहां तक कि उन्होंने डेडलाइन भी निर्धारित कर दी है. कुछ परियोजनाओं को सीएम ने दिसंबर 2020 तक पूर्ण कर लेने का निर्देश दिया है. बाकी परियोजनाएं भी जून 2021 तक पूर्ण करने का सीएम ने साफ निर्देश दिया है. इसके बाद जिलाधिकारी हों या लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता सभी अपने मातहतों के पेंच कसने में जुटे हैं.

सीएम ने निर्धारित की काम की डेडलाइन.

रिवाइज बजट से अधिकारी करें परहेजः योगी
गोरखपुर के अंदर करीब 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इसमें गोरखपुर से देवरिया के लिए फोरलेन का निर्माण हो रहा है. निर्माण का पहले बजट 151.84 करोड़ था, लेकिन निर्माण कार्य में देरी की वजह से अब यह 267.67 करोड़ तक पहुंच गया है. सीएम योगी ने इसे दिसम्बर 2020 तक पूरा करने का निर्देश दिया है.

काम नहीं सिर्फ बजट बढ़ रहाः योगी
गोरखपुर-महाराजगंज फोरलेन के निर्माण पर पहले 183 करोड़ रुपये खर्च होने थे, लेकिन एस्टीमेट में कुछ परिवर्तन होने की वजह से इसका बजट 434.91 करोड़ हो गया. बावजूद इसके कार्य पूर्ण नहीं हुआ. मोहद्दीपुर से कौड़िया जंगल तक 17.50 किलोमीटर लंबे फोरलेन का निर्माण हो रहा है. इसके दोनों तरफ नाला भी बनाया जा रहा है. इसके निर्माण पर 288 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. यह सड़क भारत-नेपाल जाने वालों के लिए सुविधाजनक होगी. साथ ही गोरखनाथ मंदिर के लिए यह प्रमुख मार्ग होगा. इसकी धीमी प्रगति मुख्यमंत्री को खटक रही है. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि दिसंबर से पहले यह सभी कार्य पूर्ण हो जाने चाहिए। रिवाइज बजट की जरूरत न पड़े, नहीं तो कार्यदाई संस्था और अधिकारी दोनों पर कार्रवाई होगी।

चार साल में नहीं बन पाया गोरखपुर-वाराणसी फोर लेन
गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन के निर्माण को लेकर योगी खासे नाराज हैं. साल 2016 के इस प्रोजेक्ट को अधिकतम ढाई साल में पूरा हो जाना था. लेकिन 2020 तक इसके पूरे नहीं होने पर उन्होंने एनएचआई और जिला प्रशासन के अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही इस सड़क को हर हाल में मार्च 2021 तक पूर्ण करने का निर्देश दिया है. इस सड़क की कुल लंबाई 65 किलोमीटर है और इस पर 1030 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके तहत 4 बड़े पुल और 12 छोटे पुल बनाए जाएंगे. साथ ही साढे़ 22 किलोमीटर की सर्विस रोड भी बनाई जाएगी. देखा जाए तो वर्तमान में 45% कार्य पूर्ण हो पाया है. इसके अलावा योगी ने निर्माणाधीन चिड़ियाघर, वाटर स्पोर्ट, विद्युतीकरण समेत दर्जनों परियोजनाओं पर पूरी गंभीरता से काम करने का निर्देश दिया है.

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