अयोध्या: तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी मिलाए जाने के मामले में अयोध्या के साधु-संतों ने गहरी नाराजगी जताई है. कहा है कि दोषियों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा है कि जांच में जो भी गुनहगार सामने आएं, उन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए. कहा कि अभी तक कांग्रेस के तमाम घोटालों के बारे में जानकारी मिल रही थी, लेकिन अब उन्होंने प्रसाद घोटाला भी कर दिया.
राजू दास ने कहा कि आस्था का केंद्र तिरुपति बालाजी पर लाखों लोग पहुंचते हैं. यहां प्रसाद में चर्बी मिलाए जाने की जानकारी सामने आई है. यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है. यह आस्था के साथ खिलवाड़ है. कांग्रेस ने भक्तों के इस प्रसाद में घोटाला किया है. ऐसे में जो भी दोषी हैं, उन्हें फांसी की सजा दी जानी चाहिए.
वहीं रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि तिरुपति के लड्डू में चर्बी मिलाने का मामला दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी जांच हो और दोषी पाए जाने पर कार्यवाही भी की जानी चाहिए. कहा कि तिरुपति के लड्डू को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भी लाया गया था और उसका प्रसाद भी भक्तों में वितरित हुआ था.
साकेत भवन मंदिर के महंत सीताराम दास ने कहा कि मंदिर के किसी भी प्रसाद में मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस के लोगों की यह पुरानी मानसिकता है, जो हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. यह वही लोग हैं, जो कभी जनेऊ धारण करते हैं और बाद में हिंदुओं के धर्म को समाप्त करने की बात करते हैं. आज इस मामले में खुलासा हुआ है.
दरअसल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछली जगमोहन सरकार पर तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में पशु चर्बी मिलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि बीते 5 वर्ष में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुपति की पवित्रता को खत्म करने का प्रयास किया है, इसकी पुष्टि गुजरात स्थित एनडीडीबी सीएएलएफ लिमिटेड ने की है. सीएएलएफ ने तिरुपति मंदिर से भेजे गए घी के नमूनों में मिलावट के आरोप को सही पाया है.