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नवरात्रि 2024: इस बार पालकी पर पधार रहीं मां दुर्गा, चरणायुद्ध पर होगी विदाई, जानें आप पर क्या पड़ेगा प्रभाव - SHARDIYA NAVRATRI 2024 - SHARDIYA NAVRATRI 2024

Navratri Kab se hai : शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर 2024 से प्रारंभ हो रहा है. मां दुर्गा इसबार चरणायुद्ध (बड़े पंजे वाले मुर्गे) पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी. जानिए धरती पर इसका क्या असर पड़ेगा. पढ़ें पूरी खबर..

SHARDIYA NAVRATRI 2024
शारदीय नवरात्रि 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 20, 2024, 11:42 AM IST

Updated : Oct 1, 2024, 7:42 PM IST

हैदराबादः आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हर साल दुर्गा पूजा यानि शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि इस साल गुरुवार 3 अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ संपन्न होंगे. जानकारों के मुताबिक इस साल माता दुर्गा डोली पर सवार होकर धरती पर आएंगी. वहीं चरणायुद्ध (बड़े पंजे वाले मुर्गे) पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार देवी पुराण के अनुसार पालकी पर सवार होकर मां के आगमन शुभ माना जाता है. मान्यता है कि पालकी की सवारी कभी-कभी आंशिक महामारी का कारण भी बनता है. वहीं, मुर्गे की सवारी यानि चरणायुद्ध से मां की विदाई समाज और देश में प्रतिकूल प्रभाव डालती है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान देश को प्राकृतिक आपदाओं के भविष्य में अन्य संकटों का सामना करना पड़ सकता है.

दुर्गा पूजा 3 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार से प्रारंभ हो रही है. दुर्गा पूजा यानि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना (घट स्थापना) की जाती है. दुर्गा पूजा के दौरान आगमन व प्रस्थान के लिए मां की ओर से इस्तेमाल होने वाली सवारी का असर समाज, प्रदेश व देश पर पड़ता है.

शारदीय नवरात्र 2024 कैलेंडर

  1. महालया-(2 अक्टूबर, बुधवार) मां दुर्गा का धरती पर आगमन
  2. पहला दिन- (3 अक्टूबर, गुरुवार) मां शैलपुत्री की पूजा
  3. दूसरा दिन- (4 अक्टूबर, शुक्रवार) मां बह्मचारिणी की पूजा
  4. तीसरा दिन- (5 अक्टूबर शनिवार) मां चंद्रघंटा की पूजा
  5. चौथा दिन- (6 अक्टूबर रविवार) मां कूष्मांडा की पूजा
  6. पांचवा दिन-(7 अक्टूबर, सोमवार) मां स्कंदमाता की पूजा
  7. छठा दिन- (8 अक्टूबर, मंगलवार) मां कात्यायनी की पूजा
  8. सातवां दिन- (9 अक्टूबर बुधवार) मां कालरात्रि की पूजा
  9. आठवां दिन-(10 अक्टूबर, गुरुवार) मां महागौरी की पूजा
  10. नौवां दिन- (11 अक्टूबर शुक्रवार) मां सिद्धिदात्री की पूजा
  11. दसवां दिन-(12 अक्टूबर शनिवार) विजयादशमी या दशहरा की पूजा

साल भर में चार नवरात्रि आते हैं. 2 गुप्त नवरात्रि, एक वासंतिक नवरात्र और एक शारदीय नवरात्रि. चारों नवरात्रियों में शारदीय नवरात्रि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण व लोकप्रिय है. इसे महा नवरात्रि भी कहा जाता है. आश्विन माह के शरद ऋतु में शारदीय नवरात्रि पड़ता है. शरद ऋतु में होने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. इसमें मां दुर्गी की नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. नवरात्रि के 10वें दिन विजयादशमी या दशहरा होता है.

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सितंबर महीने में कौन-कौन से प्रमुख त्योहार हैं, कब शुरू होगा पितृपक्ष, कब पधारेंगे गणपति बप्पा, जानें - September 2024 Vrat Tyohar list

हैदराबादः आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हर साल दुर्गा पूजा यानि शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि इस साल गुरुवार 3 अक्टूबर 2024 से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ संपन्न होंगे. जानकारों के मुताबिक इस साल माता दुर्गा डोली पर सवार होकर धरती पर आएंगी. वहीं चरणायुद्ध (बड़े पंजे वाले मुर्गे) पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार देवी पुराण के अनुसार पालकी पर सवार होकर मां के आगमन शुभ माना जाता है. मान्यता है कि पालकी की सवारी कभी-कभी आंशिक महामारी का कारण भी बनता है. वहीं, मुर्गे की सवारी यानि चरणायुद्ध से मां की विदाई समाज और देश में प्रतिकूल प्रभाव डालती है. ऐसी मान्यता है कि इस दौरान देश को प्राकृतिक आपदाओं के भविष्य में अन्य संकटों का सामना करना पड़ सकता है.

दुर्गा पूजा 3 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार से प्रारंभ हो रही है. दुर्गा पूजा यानि शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना (घट स्थापना) की जाती है. दुर्गा पूजा के दौरान आगमन व प्रस्थान के लिए मां की ओर से इस्तेमाल होने वाली सवारी का असर समाज, प्रदेश व देश पर पड़ता है.

शारदीय नवरात्र 2024 कैलेंडर

  1. महालया-(2 अक्टूबर, बुधवार) मां दुर्गा का धरती पर आगमन
  2. पहला दिन- (3 अक्टूबर, गुरुवार) मां शैलपुत्री की पूजा
  3. दूसरा दिन- (4 अक्टूबर, शुक्रवार) मां बह्मचारिणी की पूजा
  4. तीसरा दिन- (5 अक्टूबर शनिवार) मां चंद्रघंटा की पूजा
  5. चौथा दिन- (6 अक्टूबर रविवार) मां कूष्मांडा की पूजा
  6. पांचवा दिन-(7 अक्टूबर, सोमवार) मां स्कंदमाता की पूजा
  7. छठा दिन- (8 अक्टूबर, मंगलवार) मां कात्यायनी की पूजा
  8. सातवां दिन- (9 अक्टूबर बुधवार) मां कालरात्रि की पूजा
  9. आठवां दिन-(10 अक्टूबर, गुरुवार) मां महागौरी की पूजा
  10. नौवां दिन- (11 अक्टूबर शुक्रवार) मां सिद्धिदात्री की पूजा
  11. दसवां दिन-(12 अक्टूबर शनिवार) विजयादशमी या दशहरा की पूजा

साल भर में चार नवरात्रि आते हैं. 2 गुप्त नवरात्रि, एक वासंतिक नवरात्र और एक शारदीय नवरात्रि. चारों नवरात्रियों में शारदीय नवरात्रि सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण व लोकप्रिय है. इसे महा नवरात्रि भी कहा जाता है. आश्विन माह के शरद ऋतु में शारदीय नवरात्रि पड़ता है. शरद ऋतु में होने के कारण इन्हें शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. इसमें मां दुर्गी की नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है. नवरात्रि के 10वें दिन विजयादशमी या दशहरा होता है.

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Last Updated : Oct 1, 2024, 7:42 PM IST
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